मऊगंज में पुलिस की लापरवाही से भड़का जनाक्रोश — घायल वृद्ध की मौत के बाद थाने का घेराव, सड़क पर घंटों हंगामा
मऊगंज जिले के हनुमना थाना क्षेत्र के कोनी गांव में पुलिस की लापरवाही एक बार फिर भारी पड़ गई। एक सप्ताह पहले दो पक्षों के बीच हुई हिंसक झड़प में घायल वृद्ध की मौत के बाद गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने थाने का घेराव कर दिया। आक्रोशित भीड़ ने शव को थाने के सामने रखकर घंटों तक सड़क जाम कर दी और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों का कहना है कि 30 सितंबर को दो पक्षों में हुई झड़प के बाद भी पुलिस ने तत्काल कार्रवाई नहीं की। शिकायत के बावजूद आरोपियों को खुला छोड़ दिया गया, जिससे आरोपी पक्ष का मनोबल बढ़ गया और अंततः यह लापरवाही मौत का कारण बन गई। मृतक 60 वर्षीय *छोटेलाल कुशवाहा* इलाज के दौरान रीवा के संजय गांधी अस्पताल में दम तोड़ बैठे। मौत की खबर फैलते ही पूरे क्षेत्र में आक्रोश की लहर दौड़ गई। परिजनों ने कहा — “अगर पुलिस ने पहली ही शिकायत पर गंभीरता से कार्रवाई की होती, तो आज हमारे पिता ज़िंदा होते।” भीड़ ने थाने के सामने शव रखकर न्याय की मांग की और पुलिस पर मिलीभगत के गंभीर आरोप लगाए। स्थिति बिगड़ते देख मौके पर *एसडीओपी सचि पाठक* और *एसडीएम रश्मि चतुर्वेदी* भारी पुलिस बल के साथ पहुँचे। कई घंटों की मशक्कत के बाद प्रशासन ने भीड़ को शांत कराया। वहीं पुलिस ने आनन-फानन में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया, जबकि तीन आरोपी अब भी फरार बताए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार, कोनी गांव में *कुशवाहा और पाठक परिवारों के बीच विवाद नया नहीं है।* इससे पहले भी इन दोनों परिवारों में झड़पें हो चुकी हैं, जिनमें एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने पुराने विवादों को हल करने के बजाय मामले को नजरअंदाज किया, जिसके कारण अब हालात बेकाबू हो गए। ग्रामीणों का कहना है कि थाने में लगातार शिकायतें दी गईं, लेकिन थाना प्रभारी ने कार्रवाई करने के बजाय मामले को टाल दिया। यही वजह है कि गाँव में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि “थाने में केवल रिपोर्ट दर्ज होती है, कार्रवाई कभी नहीं होती।” एसडीओपी सचि पाठक ने बताया — “मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, बाकी की तलाश जारी है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।” वहीं *एसडीएम रश्मि चतुर्वेदी* ने कहा — “परिजनों से चर्चा की गई है, निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी। लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है।” इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर पुलिस शिकायतों पर समय रहते कार्रवाई क्यों नहीं करती? स्थानीय लोग अब जिला प्रशासन से अपेक्षा कर रहे हैं कि जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए और ऐसे मामलों में लापरवाही बर्दाश्त न की जाए। फिलहाल हनुमना थाना क्षेत्र में तनाव तो कम हुआ है, लेकिन गुस्सा अभी भी लोगों के दिलों में है। गाँव में पुलिस बल तैनात है और प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।