कांग्रेस के युवा नेता प्रणव पाठक ने कोविड महामारी को लेकर जनता की हो रही दुर्दशा देख कर अपनी पार्टी पर साधा निशाना
कांग्रेस के युवा नेता प्रणव पाठक ने कोविड महामारी को लेकर जनता की हो रही दुर्दशा देख कर अपनी पार्टी पर साधा निशाना
सिंगरौली/देवसर – कांग्रेस युवा नेता प्रणव पाठक ने यह विज्ञप्ति के माध्यम से कहा है कि शायद कांग्रेस पार्टी अब बिना मालिक की फौज हो गई तभी तो आज कोई भी मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों एवं मंत्रियों से पूछने वाला नहीं है कि आप अपने निर्वाचन क्षेत्र के मुख्यमंत्री थे कि पूरे प्रदेश के?
श्री पाठक ने कहा कि निश्चित रूप से विरोधी विचारधारा ही राजनीति की प्राणवायु है ” लेकिन इस संकट के दौर में कांग्रेस का हर नेता सरकार को कोष रहा है और कोषना भी चाहिए लेकिन आज कल जिस तरह से समाचार पत्रों में पढ़ने को मिलता है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी छिंदवाड़ा के लिए इतने हजार टन ऑक्सीजन की व्यवस्था करा कर फेसबुक में पोस्ट कर दिए और श्री दिग्विजय सिंह जी भी राघोगढ़ में ऑक्सीजन प्लांट लगवाने के लिए भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जी को पत्र लिख दिए, और पूर्व मंत्री महोदय लोग भी अपने-अपने क्षेत्रों के लिए फेसबुक पर छाए हुए हैं। लेकिन कोई इन द्वय पूर्व मुख्यमंत्रियों से पूछने वाला नहीं है कि आप अपने क्षेत्र के अलावा भी किसी प्रकार की समस्या के लिए आवाज उठाये या कोई व्यवस्था कांग्रेस पार्टी व आप किए? शायद कोई नहीं पूछ रहा और पूछने की हिम्मत भी नहीं है।
जबकि श्री कमलनाथ जी एवं दिग्विजय सिंह जी पूरे प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और कमलनाथ जी तो आज भी कांग्रेस पार्टी के बागड़ोर संभाल रहे हैं, इसके बावजूद प्रदेश के अन्य जिलों का क्या हाल है ना ही जिला प्रशासन से पूंछा और ना ही अपने जिला अध्यक्षों,ब्लाक अध्यक्षों से पूंछा ! संगठन भी मृत प्रायः पड़ा हुआ है, इस महामारी एवं विपत्ति के समय में ही जनता को अपने नेता की सेवा की जरूरत पड़ती है।
श्री पाठक ने कहा प्रत्येक जिला प्रशासन द्वारा अपनी नाकामियों को छुपा रही है और वर्तमान भाजपा सरकार के सियासत दानों को गुमराह कर रही है तभी तो मरने वालों की संख्या बताने तक में हिचकिचाहट हो रही है।
श्री पाठक कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से आग्रह किया है कि मध्य प्रदेश के फेसबुक छाप नेताओं पदाधिकारियों को एक–एक, सिपाही की भांति मैदान में उतरने के लिए निर्देशित करें और जनता की इस मुसीबत की घड़ी में अपनी सुरक्षा के साथ जनता के साथ खड़े हों। अन्यथा कांग्रेस पार्टी फेसबुक और अखबारी कांग्रेस बन कर रह जाएगी।
सिंगरौली/देवसर – कांग्रेस युवा नेता प्रणव पाठक ने यह विज्ञप्ति के माध्यम से कहा है कि शायद कांग्रेस पार्टी अब बिना मालिक की फौज हो गई तभी तो आज कोई भी मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों एवं मंत्रियों से पूछने वाला नहीं है कि आप अपने निर्वाचन क्षेत्र के मुख्यमंत्री थे कि पूरे प्रदेश के?
श्री पाठक ने कहा कि निश्चित रूप से विरोधी विचारधारा ही राजनीति की प्राणवायु है ” लेकिन इस संकट के दौर में कांग्रेस का हर नेता सरकार को कोष रहा है और कोषना भी चाहिए लेकिन आज कल जिस तरह से समाचार पत्रों में पढ़ने को मिलता है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी छिंदवाड़ा के लिए इतने हजार टन ऑक्सीजन की व्यवस्था करा कर फेसबुक में पोस्ट कर दिए और श्री दिग्विजय सिंह जी भी राघोगढ़ में ऑक्सीजन प्लांट लगवाने के लिए भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जी को पत्र लिख दिए, और पूर्व मंत्री महोदय लोग भी अपने-अपने क्षेत्रों के लिए फेसबुक पर छाए हुए हैं। लेकिन कोई इन द्वय पूर्व मुख्यमंत्रियों से पूछने वाला नहीं है कि आप अपने क्षेत्र के अलावा भी किसी प्रकार की समस्या के लिए आवाज उठाये या कोई व्यवस्था कांग्रेस पार्टी व आप किए? शायद कोई नहीं पूछ रहा और पूछने की हिम्मत भी नहीं है।
जबकि श्री कमलनाथ जी एवं दिग्विजय सिंह जी पूरे प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और कमलनाथ जी तो आज भी कांग्रेस पार्टी के बागड़ोर संभाल रहे हैं, इसके बावजूद प्रदेश के अन्य जिलों का क्या हाल है ना ही जिला प्रशासन से पूंछा और ना ही अपने जिला अध्यक्षों,ब्लाक अध्यक्षों से पूंछा ! संगठन भी मृत प्रायः पड़ा हुआ है, इस महामारी एवं विपत्ति के समय में ही जनता को अपने नेता की सेवा की जरूरत पड़ती है।
श्री पाठक ने कहा प्रत्येक जिला प्रशासन द्वारा अपनी नाकामियों को छुपा रही है और वर्तमान भाजपा सरकार के सियासत दानों को गुमराह कर रही है तभी तो मरने वालों की संख्या बताने तक में हिचकिचाहट हो रही है।
श्री पाठक कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से आग्रह किया है कि मध्य प्रदेश के फेसबुक छाप नेताओं पदाधिकारियों को एक–एक, सिपाही की भांति मैदान में उतरने के लिए निर्देशित करें और जनता की इस मुसीबत की घड़ी में अपनी सुरक्षा के साथ जनता के साथ खड़े हों। अन्यथा कांग्रेस पार्टी फेसबुक और अखबारी कांग्रेस बन कर रह जाएगी।