एनसीएल जयंत खदान में गिरे किशोरी के शव को अपने कंधे पर लेकर करीब 2 कि,मी, चली मोरवा पुलिस हो रही है तारीफ

एनसीएल जयंत खदान में गिरे किशोरी के शव को अपने कंधे पर लेकर करीब 2 कि,मी, चली मोरवा पुलिस हो रही है तारीफ

मुआवजा व नौकरी की मांग को लेकर अड़े थे परिजन

हत्या, सड़क दुर्घटना, संदिग्ध व अन्य प्रकार से हुई मौत पर शव को कब्जे में लेकर मर्ग कायम कर पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंपना व फिर विवेचना करना- अमूमन इस जिम्मेदारी का निर्वहन पूरी पुलिस टीम करती रहती है और करना भी पड़ता है क्योंकि आम जनता के जान-माल की सुरक्षा के साथ यह उनकी ड्यूटी में है, लेकिन *परिजनों के रहते हुए भी शव को अपने कंधे पर रखकर 2 किलोमीटर के दुर्गम रास्ते की दूरी तय कर पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम कराने की प्रक्रिया* के बारे में शायद ही फिलहाल सुना हो। लेकिन *सिंगरौली जिले के एक थाने* की पुलिस ने इस तरह का ही *एक इंसानियत की मिसाल पेश* करने वाला कार्य कर आम जन को सोचने पर मजबूर कर दिया ।

हम बात कर रहे मोरवा *एसडीओपी राजीव पाठक, मोरवा टी आई मनीष त्रिपाठी एंड टीम* की, जिन्होंने अपने नियमित प्रशंसनीय पुलिसिया कार्यवाही से इतर *मानवीय संवेदना से ओतप्रोत* कार्य कर जनता जनार्दन का सुरक्षा हेतु दृढ़ संकल्प से अलग उनके साथ पारिवारिक व आत्मीय लगाव होने का भी मिसाल पेश किया।

गौरतलब हो कि *विगत तीन दिवस पूर्व लापता मृतिका किरण खैरवार का शव मोरवा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मेंढौली स्थित जयंत खदान में 100 फीट गहरे खाई के बीच में 13 मई* को मिला। घटना स्थल तक किसी भी वाहन के जाने हेतु रास्ता सुगम नही था। अब ऐसी परिस्थिति में किशोरी के शव का पोस्टमार्टम कैसे हो, इस बात को लेकर काफी माथापच्ची हुई । घटना स्थल तक पहुँचने रास्ता काफी दुर्गम होने, किसी वाहन के ना जाने व परिजनों द्वारा शव उठाने में असमर्थता दिखाने के बाद *मोरवा पुलिस की टीम* ने किशोरी के शव को स्वयं कंधे से उठाकर खदान से बाहर वाहन तक लाकर पोस्टमार्टम करानेे का निर्णय लिया।

लिहाजा *मोरवा एसडीओपी श्री पाठक के मार्गदर्शन में मोरवा पुलिस टीम के डी एन सिंह, अरविंद चौबे, संजय सिंह परिहार व संतोष सिंह साथ के एनसीएल सिक्योरिटी विभाग के संदीप साह, सत्येंद्र पांडे, अनिल डुफरे* ने दृढ़ निश्चय किया और किशोरी के शव को अपना-अपना कंधा दिया और खदान से 2 किलोमीटर दूर दुर्गम रास्ते से घुम कर शव को वाहन के पास लाया और उसके बाद पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। *मोरवा पुलिस के इस इंसानियत की मिसाल पेश करने वाले कार्य* की जहाँ चहुओर प्रशंसा हो रही है वहीं पुलिस के प्रति नकारात्मक विचार रखने वाले लोगों को सोचने हेतु मजबूर कर दिया। गौरतलब हो कि जिले के एक चौकी क्षेत्र में एक किशोरी के शव को परिजनों द्वारा कंधे पर रखकर पोस्टमार्टम कराने की खबर के बाद लोग पुलिस के प्रति कई तरह की नकारात्मक बाते कर रहे थे। खबर के बाद जिले के कप्तान ने चौकी के जिम्मेदार तीन पुलिस कर्मियों को निलंबित भी कर दिया लेकिन ऐसे माहौल में मोरवा पुलिस द्वारा किशोरी के शव को कंधे पर रख कर दुर्गम दो किलोमीटर की दूरी तय करने का मानवीय कार्य निश्चित ही पुलिस के ऊपर उठने वाले सवालों का उत्तर साबित होगा।

*जनता की सुरक्षा व सेवा पुलिस का कार्य- ए एसपी*
मोरवा पुलिस के मानवीय दृश्टिकोण से किये गए कार्य पर सिंगरौली अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सोनकर ने कहा कि पुलिस का कार्य जनता के जान-माल की सुरक्षा के साथ उनका सेवा करना है। पुलिस अपराधियो को पकड़ कर न्यायालय में भेज सजा दिलाने के अलावा जनता की हर तरह से मदद, सुरक्षा व सेवा के लिए है। पुलिस को अपने सेवा भाव से जनता के बीच यह विस्वास स्थापित करना चाहिए कि चाहे जैसे भी हालात हो पुलिस आपके साथ रक्षक व सेवक की तरह है। *एएसपी श्री सोनकर* ने कहा कि मोरवा पुलिस व खदान की सेक्युरिटी टीम द्वारा शव को कंधा देकर 2 किलोमीटर की दूरी तय करना मानवीय दृष्टिकोण से काबिले तारीफ है। इस तरह पुलिस को सेवा भाव से जनता की सुरक्षा व सेवा करना है।

*मुआवजे व नौकरी की मांग को लेकर अड़े थे परिजन*
घटना में एनसीएल प्रबंधन की लापरवाही से छुब्ध परिजन मुआवजे व नौकरी की मांग पर अड़े थे। आज सुबह मढौली के ग्रामीणों संग मृतक के परिजनों ने खदान के पास ही डेरा डाल दिया था। जिसके बाद मौके पर पहुंचे *एसडीएम सिंगरौली ऋषि पवार एवं एसडीओपी राजीव पाठक* द्वारा परिजनों को शांत करते हुए *1 लाख की नगद सहायता राशि के साथ कंडोई कंपनी* में नौकरी का आश्वासन देकर मामले को शांत कराया।