सीमा पर बिना ढाल जंग लड़ रहे हैं कर्मवीर तपती धूप में लगातार दे रहे हैं सेवाएं
सिंगरौली जिले में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के चलते लगातार लॉक डाउन बढ़ाया जा रहा है। कल हुई क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में भी सिंगरौली जिले में आगामी 16 मई की सुबह 6 बजे* तक संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई। ऐसे में बॉर्डर समेत निगम क्षेत्र को ग्रामीण अंचलों से पृथक करने के लिए जगह-जगह बैरिकेटिग कर चेक पोस्ट बनाए गए हैं। जहां प्रशासन द्वारा *पुलिसकर्मियों के संग वनकर्मी एवं शिक्षकों* की ड्यूटी लगाई गई है। जो जान हथेली पर रख बिना सम्पूर्ण सुरक्षा संसाधनों के नाकों पर कार्य कर रहे हैं। मोरवा नगर निगम को ग्रामीण अंचल से जोड़ती सड़क पर ग्राम पिड़ताली के पास चेक पोस्ट बनाकर वहां एक समय में 10 लोगों की तैनाती की गई है। जो केवल एक मास्क के सहारे अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। ऐसे में उन्हें संक्रमित होने का खतरा हर समय बना रहता है। चिलचिलाती धूप में *बिना टेंट और पानी* के भी उन्हें यहां ड्यूटी करनी पड़ रही है। केवल पेड़ की छाव के आश्रय वे बैठकर ड्यूटी का निर्वाह करने को मजबूर हैं। उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा कोई व्यवस्था मुहैया नहीं कराई गई।
कमोवेश कुछ ऐसा ही हाल *अंतरराज्यीय सीमा खनहना चेक पोस्ट* का है, जहां कार्यरत शिक्षकों ने बताया कि उनके द्वारा प्रदेश में आ रहे लोगों को अस्थाई रूप से बनाये गए कोरंटाइन सेंटर में व्यवस्था के साथ रुकवाया जा रहा है। उन्हें इस बात का भी डर है कि उन्हें बिना पीपीई फिट पहने लोगों को रुकवाना पड़ रहा है। न जाने कौन व्यक्ति संक्रमित निकल जाए इस बात की आशंका उन्हें हमेशा सताती रहती है। इसलिए यहां पर तैनात शिक्षकों खुद को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित ना किए जाने से छुब्ध भी दिखे। उन्होंने यह भी बताया कि यहां *नाम मात्र के लिए टेंट की व्यवस्था की गई है। ना है इससे धूप रुकती है और ना आंधी।* साथ ही लोगों को पानी की भी समस्या बनी रहती है। इस चेक पोस्ट पर ग्राम रक्षा समिति के लोग भी मात्र एक मास्क के सहारे लोगों को रोकने में लगे रहते हैं। वही चितरंगी से सटे गांव को सिंगरौली रेलवे स्टेशन से जोड़ती सड़क पर की गई बैरिकेटिग में तैनात कर्मी प्रशासन की दी गई सुविधाओं से संतुष्ट दिखे। उन्होंने बताया कि उनकी पुरजोर कोशिश है कि ग्रामीण अंचलों से आ रहे लोगों को अकारण निगम क्षेत्र में ना घुसने दिया जाए।