सिंगरौली विधायक ने केन्द्रीय कोयला मंत्री से किया मुलाकात
एनसीएल व विस्थापितों की समस्याओं को लेकर रखा मांग पत्र,भाजपा जिलाध्यक्ष भी रहे मौजूद
सिंगरौली 20 अक्टूबर। केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी का आगमन एक दिवसीय गत दिवस हुआ था। केन्द्रीय मंत्री के आगमन पर सिंगरौली विधायक रामलल्लू बैस ने भाजपा जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र गोयल के साथ कल मंगलवार को केन्द्रीय कोयला मंत्री से मुलाकात करते हुये एनसीएल व विस्थपितो से जुड़े हुये मुद्दो को लेकर मांग पत्र रखा है।
सिंगरौली विधायक रामलल्लू वैस ने सिंगरौली भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र गोयल के साथ मांगपत्र में कहां है कि सीबी एक्ट 1957 के प्रावधान के समीक्षा करते हुये अर्जित भूमि पर कोयला खनन उपरांत भूमि को विस्थापित प्रभावित या राज्य सरकार को वापस किया जाय। कोल ब्लाक आवंटन उपरांत कोल इंडिया के आरएंडआर पुनर्वास नीति 2012 एवं 2020 के प्रावधान में 2 एकड़ पैकेज डील के बजाय 50 डिसमिल की प्रक्रिया में एवं डिसेन्डिंग आर्डर घटते क्रम में अर्जित भू-स्वामियो के प्रभावित व्यक्तियों को स्थाई नौकरी, रोजगार, मासिक भत्ता उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है। उसके स्थान या कोल ब्लाक में प्रभावित प्रत्येक परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान किया जावे। एनसीएल अंतर्गत समस्त निर्माण कार्यो को स्थानीय लोगों के माध्यम से कराया जाये तथा विस्थापितों को ठेकेदारी में प्रथम वरीयता दी जाये। इसके अलावा कोल ब्लाक से प्रभावित विस्थापितो को शिक्षा,स्वास्थ्य, बिजली, सड़क एवं पानी नि:शुल्क सुविधा प्रदान करने के साथ ही प्रभावित व्यक्तियों के जितने क्षेत्रफल में मकान बाउन्ड्री का अर्जन किया गया है। इतने ही क्षेत्रफल का प्लाट एवं मकान दिया गया। श्री वैस ने मांगपत्र में आगे कहा कि सीबीए एक्ट के अंतर्गत कोल ब्लाक का आवंटन किया जाता है, लेकिन आवश्यकता न होने पर भी काफी दिनो तक भूमियों को बिना नोटिफाईड ही रहने दिया जाता है। जिससे उस भूमि का अन्य उपयोग नही हो सकता जबकि सीबीए एक्ट में डिनोटिफिकेशन किये जाने का भी प्रावधान नही है। जिसे प्राथमिकता से लागू कर बगैर जरूरत की भूमियों को डिनोटिफिकेशन किया जाये। ऐसा भारत सरकार के राजपत्र नोटिफिकेशन में 4 फरवरी 1982 अंतर्गत माजन कला, कचनी, अमलोरी, जैतपुर, पिपरा लाल, सरसवाहराजा, नौगढ़ एवं मुहेर में हुआ है।
०००००००००
मुआवजा व नौकरी में हो सरलीकरण
सिंगरौली विधायक रामलल्लू वैस ने कोयला मंत्री को दिये मांगपत्र में कहाकि कोल आवंटन उपरांत भूअर्जन की कार्यवाही सीबीए एक्ट अंतर्गत किया जाता है, प्रतिकर का निर्धारण व मुआवजा का वितरण के साथ कब्जा प्राप्त करने हेतु जिला प्रशासन के माध्यम से किया जाये भूअर्जन से प्रभावित परिवारो को मुआवजा भुगतान एवं नौकरी देने में दस्तावेज जुटाने के प्रावधान मेंं सरली करण किया जाये। इसके अलावा मुआवजा भुगतान के छ: माह के अन्दर नौकरी प्रदान की जाये साथ ही सीबीए एक्ट के अंतर्गत कोल आवंटन दिनांक से एवं धारा 4 के प्रकाशन व धारा 9 एवं भूअर्जन की अन्य कार्यवाहियों को समय सीमा में भूअर्जन अधिनियम 2013 के प्रावधान अनुसार लागू किया जाये।