19 जुलाई से 18 अगस्त तक जिले मे चलेगा दस्तक अभियानः-कलेक्टर अभियान के दौरान एक भी बच्चा सर्वे से छूटे नहीः- राजीव रंजन मीना
बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण एवं उनमे होनी वाली बीमारियों को पहचानने के मकसद से बर्ष 2021-22 में दस्तक अभियान का आयोजन 19 जुलाई से 18 अगस्त तक किया जाना है, । कलेक्टर श्री राजीव रंजन मीना ने निर्देश दिये कि अभियान में एक भी बच्चा सर्वे से छूटे नही। प्रत्यक घर का सर्वे कर यह सुनिश्चित किया जाये कि बच्चों में किसी भी प्रकार के लक्षण है तो उन्हें समुचित ईलाज व सिमटम है तो उसे अग्रिम उपचार के लिये सुझाव दिया जाये।
कलेक्टर ने महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि दस्तक अभियान एक महत्बपूर्ण अभियान है जिसके माध्यम से हम न सिर्फ बच्चों में होने बाली बिमारियों को समय पर पहचान कर बच्चों की मृत्यु दर में कमी ला सकते हैं साथ ही विटामिन-ए एबं आयरन सिरप के माध्यम से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कोरोना के सम्भावित खतरों से उनको सुरक्षित रख सकते हैं। उन्होंने कहा की कार्यक्रम की सतत मॉनिटरिंग का कार्य जिला एबं ब्लॉक स्तर के अधिकारीयों द्वारा किया जाये। उन्होने निर्देश दिया कि मानीटरिंग के कार्य में कोबो टूल की मदद ली जाये। कलेक्टर ने निर्देश कि दिया कि इस कार्य में लापरवाही करने बाले कर्मचारियों पर नियमानुसार सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होने कहा कि अभियान के इसकी समीक्षा की जायेगी ताकि समयानुसार आवश्यकता पढने पर सुधार किया जा सके। उन्होने निर्देश दिया कि समय समय पर ब्लॉक स्तर उपखण्ड अधिकारी भी समीक्षा बैठक आयोजित कर प्रगति की जानकारी ले।
उन्होने कहा कि स्वास्थ एवं महिला बाल विकास बिभाग की संयुक्त टीम द्वारा घर घर दस्तक प्रदान कर जन्म से 5 बर्ष तक के समस्त बच्चों की जाँच कर उनको आबश्यकता के अनुसार सलाह, उपचार एवं रेफरल सेबायें प्रदान की जायेगी।तथा बच्चो मे पाये जाने वाली प्रमुख बिमारियों जैसे निमोनिया, कुपोषण, दस्त, अनीमिया, जन्मजात विकृत की सक्रिय स्क्रीनिंग कर समस्त 9 माह से 5 साल तक के बच्चों को विटामिन की खुराक स्वयं एएनएम या आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा पिलाई जायेगी। साथ ही खान पान की सलाह से डिस्चार्ज बच्चों का फालोअप, टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों की पहचान कर उन्हें टीकाकरण अभियान से जोडा जाएगा।
कलेक्टर ने कहा कि इस अभियान में यह भी सुनिश्चित किया जाये कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के परिवारों में लड़कियों की संख्या लड़कों की अपेक्षा कम पायी जाती है। उसको भी चिन्हित किया जाये। जिसका पत्रक अलग से रखा जाये, उन क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जायेगी। उन्होंने कहा कि दस्तक अभियान में एएनएम और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बच्चों की स्क्रीनिंग करते समय उसकी रैकिंग निकालेंगी। जो बच्चे चिन्हित बीमारियों से ग्रसित होंगे, उन्हें चिन्हित करके सूची बनाकर उसी दिन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को उपलब्ध करायेंगे। जिससे अगले दिन डॉक्टरों की टीम पहुंचकर उन बच्चों को बीमारियों का ईलाज कर सके।