जिले में तेरह लाख उपभोक्ताओं पर राशन का संकट

जिले में तेरह लाख उपभोक्ताओं पर राशन का संकट
वेतन वृद्धि की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर कोटेदार, शासकीय राशन दुकानों में ताला बंद

सिंगरौली जिले के 382 उचित मूल्य की दुकानों में जहां ढाई लाख परिवार वहीं साढ़े दस लाख हितग्राहियों पर राशन का संकट मड़रा रहा है। क्योंकि जिले के कोटेदार वेतन वृद्धि की मांग को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठे हैं।
म.प्र. सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ के सिंगरौली जिलाध्यक्ष हिमांशु पाठक ने बताया कि वेतन वृद्धि की मांग लंबे समय से की जा रही है, मगर विके्रताओं को केवल आस्वासन मिला है। वर्तमान में हालात यह हैं कि करीब 6 महीने से विके्रताओं को वेतन नही मिला है, उनकी मांग है कि प्रत्येक महीने निर्धारित तिथि पर विके्रताओं को वेतन मिले। आगे उन्होंने बताया है कि कोविड के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत वितरित राशन का भुगतान भी अभी तक जिले के विके्रताओं को नही मिला है। साथ ही शासकीय राशन दुकानदारों का शत-प्रतिशत भौतिक सत्यापन नही होने से खाद्यान्न वितरण में समस्याएं आ रही हैं। जिलाध्यक्ष ने कहा कि दो-तीन बिन्दुओं पर आधारित मांग को लेकर कोटेदार अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं। जब तक मांगे पूरी नही होती हैं, तब तक हड़ताल जारी रहेगा। अनिश्चित कालीन हड़ताल में संगठन के प्रदेश सह सचिव सीता प्रसाद यादव की अगुवाई में अविनाश सिंह कार्यकारी जिलाध्यक्ष, संजय पांडेय, धनेश चतुर्वेदी सहित अन्य शामिल हैं।
सितम्बर माह का नही वितरण हुआ राशन
कोटेदारों की हड़ताल से राशन प्राप्त करने वाले हितग्राही व परिवार सकते में आ गये हैं। उन्हें इस बात की चिंंता सता रही है कि सितम्बर माह के एक सप्ताह बित गये, अभी तक राशन वितरण शुरू नही किया गया है। अब कोटेदारों की हड़ताल शुरू हो जाने से उपभोक्ताओं को राशन मिलने की उम्मीद टूट गई है। यह बात और है कि जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से राशन वितरण के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाये जाने की बात कही जा रही है, मगर उपभोक्ताओं को इस बात पर भरोसा नही हो रहा है।