सिंगरौली कलेक्टर अरुण कुमार परमार द्वारा की गई बड़ी कार्यवाही देवसर,चितरंगी,सिंगरौली के 24 पर्यवेक्षक सस्पेंड
कलेक्टर ने किया कार्रवाई, मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना से जुड़ी है कार्रवाई
सिंगरौली 30 मार्च। प्रदेश की अतिमहत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना को लेकर कलेक्टर के साथ-साथ जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास ने गंभीरता से लिया है। सरकार के इस महती योजना को गंभीरता से न लेने पर कलेक्टर ने चितरंगी, देवसर एवं सिंगरौली के 24 पर्यवेक्षकों को निलंबित कर दिया है। हालांकि सभी पर्यवेक्षक पिछले 15 मार्च से समान वेतन सहित अन्य मांगों को लेकर बेमियादी हड़ताल पर हैं। कलेक्टर अरूण परमार के यहां से जारी आदेश के अनुसार म.प्र.शासन महिला एवं बाल विकास विभाग की इस अत्यंत महत्वपूर्ण मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना का क्रियान्वयन तथा पर्यवेक्षण किये जाने का दायित्व महिला एवं बाल विकास विभाग की महत्वपूर्ण है। किन्तु 25 मार्च से लेकर गुरूवार तक उक्त विभाग के पर्यवेक्षकों ने गंभीरता से नहीं लिया और कार्य को संपादित नहीं किया है। जिसके कारण उक्त योजना के कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है और प्रगति भी प्रभावित हुई है। इन सभी पर्यवेक्षकों को 29 मार्च को निर्देश जारी करते हुए कर्तव्य पर उपस्थित होने के लिए निर्देशित किया गया था और निलंबन कार्रवाई की चेतावनी भी दी गयी थी। इसके बावजूद पर्यवेक्षकों ने नोटिस को नजरअंदाज कर दिया जिसके कारण सिंगरौली शहरी के पर्यवेक्षक शोभना साहू, सौम्या दुबे, सिंगरौली ग्रामीण प्रवीण गुप्ता, बिन्दु उइके, पूर्णिमा अर्जुनवार, यामिनी बेन, पिंकी मरकाम, पूजा सैलाम, देवसर परियोजना क्षेत्र के स्मिता साहू, संध्या देवी, नुजरत जहां, ट्ंिवकल मर्सकोले, आरती सिंह, दईया देवी, लक्ष्मी सनाम, शिववंती गुरू, चितरंगी परियोजना क्षेत्र के ऊषा तिवारी, संगीता मार्को, सरोज सोनमानी, वैशाली कुशराम, मीना चतुर्वेदी एवं ललिता कुण्डाते शामिल हैं। जिन्हें कलेक्टर ने निलंबित कर दिया है। साथ ही तीनों ब्लाक के सभी परियोजना अधिकारियों को भी निलंबित करने का प्रस्ताव संभागायुक्त रीवा के यहां भेज दिया गया है।