प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत में निर्मित चिप्स का पहला सेट भेंट किया गया

। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे गौरवशाली पल करार दिया और प्रधानमंत्री को उनकी दूरदर्शिता, दृढ़ इच्छाशक्ति और निर्णायक कार्रवाई के लिए धन्यवाद दिया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को भारत में निर्मित चिप्स का पहला सेट भेंट किया गया

7.8% जीडीपी वृद्धि से लेकर पहले ‘मेड इन इंडिया’ चिप्स के साथ बढ़ते सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम तक, भारत स्थिरता के प्रकाश स्तंभ के रूप में मज़बूती से खड़ा है: केंद्रीय मंत्री श्री वैष्णव

सेमीकॉन इंडिया 2025 में 12 समझौता ज्ञापनों का ऐलान: कैमरा मॉड्यूल, माइक्रोफ़ोन बड्स, मिनिएचर पैकेजिंग और प्रतिभा विकास इकोसिस्टम जैसे उत्पादों के डिज़ाइन और निर्माण में स्वदेशी क्षमताओं का विकास करना मुख्य मकसद है

केंद्रीय मंत्री ने स्वच्छ ऊर्जा, क्वांटम और अग्रणी क्षेत्रों में सेमीकंडक्टर क्रांति लाने के लिए 1 बिलियन डॉलर की प्रतिबद्धता के साथ डीप टेक अलायंस की घोषणा की

आईएसएम 2.0 का फोकस पहले चरण में फ़ैब्स, ओएसएटी, पूंजीगत उपकरण और सामग्रियों के रूप में एक मज़बूत व्यवस्था बनाने के बाद, भारत को एक उत्पाद राष्ट्र बनाने पर होगा

भारत का सेमीकंडक्टर उत्पादन पहले से ही वैश्विक स्तर पर 15-30% अधिक लागत-प्रतिस्पर्धी है: केंद्रीय मंत्री वैष्णव

भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा आज उस वक्त एक ऐतिहासिक मुकाम पर पहुँच गई, जब केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को पायलट लाइन से मेड-इन-इंडिया चिप्स का पहला सेट भेंट किया। दिसंबर 2021 में शुरू हुए भारत सेमीकंडक्टर मिशन ने महज़ साढ़े तीन सालों में, अनुमोदन से लेकर उत्पादन तक का सफर तय किया है। इस मुकाम को केंद्रीय मंत्री ने गर्व से भरा पल बताया और प्रधानमंत्री को उनकी दूरदर्शी दृष्टि, दृढ़ इच्छाशक्ति और निर्णायक कार्रवाई के लिए धन्यवाद दिया। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि 7.8% जीडीपी वृद्धि से लेकर पहले ‘मेड इन इंडिया’ चिप्स के साथ बढ़ते सेमीकंडक्टर व्यवस्था तक, भारत स्थिरता के प्रकाश स्तंभ के रूप में मज़बूती से खड़ा है:

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने ज़ोर देते हुए कहा कि देश का सेमीकंडक्टर मिशन बौद्धिक संपदा अधिकारों के सम्मान, आपूर्ति श्रृंखला विकास को समर्थन और वैश्विक भागीदारों के साथ सह-विकास मॉडल को बढ़ावा देने वाले भरोसे की बुनियाद पर टिका है। उन्होंने कहा, “भारत हमेशा एक भागीदार के रूप में दुनिया के सामने आया है और उसने पारस्परिक विकास और सभी पक्षों की जीत की भावना वाले सहयोग को बढ़ावा दिया है।” उन्होंने कहा कि यह विश्वसनीय स्थिति वैश्विक मूल्य श्रृंखला में भारत के सबसे मज़बूत पहलूओं में से एक है।

सेमिकॉन इंडिया 2025 के दौरान 12 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) की घोषणा की गई। ये समझौते देश में एक आत्मनिर्भर और भविष्य के लिए तैयार सेमीकंडक्टर व्यवस्था के निर्माण के लिए उत्पाद विकास को बढ़ाने, सेवा क्षमताओं का विस्तार करने और कौशल विकास क्षेत्र को मज़बूत करने पर केंद्रित हैं।

नवाचार को और मज़बूत करने के लिए, श्री वैष्णव ने डीप टेक अलायंस के गठन की भी घोषणा की, जिसके लिए करीब एक अरब डॉलर की प्रतिबद्धता पहले ही जताई जा चुकी है। शुरुआत में सेमीकंडक्टर पर केंद्रित यह अलायंस स्वच्छ ऊर्जा, जैव प्रौद्योगिकी, क्वांटम प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष जैसे अन्य अग्रणी क्षेत्रों में भी विस्तार करेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे उभरते डीप टेक उद्योगों को अत्यंत ज़रुरी उद्यम पूंजी में मदद मिलेगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोहाली स्थित सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला का आधुनिकीकरण कार्यक्रम तेज़ी से चल रहा है, जिसका मकसद उत्पादन स्तर बढ़ाना, नए उत्पादों की भावी क्षमताओं को सक्षम बनाना और भारत की उच्च-मूल्य, मध्यम-मात्रा विनिर्माण क्षमता को मज़बूत करना है। आईएसएम 1.0 की सफलता के आधार पर, सरकार आईएसएम 2.0 को भी लॉन्च करने की तैयारी कर रही है, जो संपूर्ण सेमीकंडक्टर मूल्य श्रृंखला को कवर करने के लिए फ़ैब्स, ओएसएटी इकाइयों, पूंजीगत उपकरणों और सामग्रियों के लिए समर्थन का विस्तार करेगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि निर्यात, दस स्वीकृत परियोजनाओं का एक ज़रुरी हिस्सा होगा, ताकि भारत में निर्मित चिप्स घरेलू और वैश्विक, दोनों बाजारों में काम आ सकें। स्वतंत्र अध्ययनों से संकेत मिलता है कि भारत में सेमीकंडक्टर उत्पादन पहले से ही वैश्विक मानकों की तुलना में 15-30% अधिक लागत-प्रतिस्पर्धी है। श्री वैष्णव ने ज़ोर देते हुए कहा कि भारत ने कभी भी परियोजनाओं को मंज़ूरी देने में जल्दबाजी नहीं की, बल्कि सतत् विकास के लिए पेशेवर मूल्यांकन पर ज्यादा ज़ोर किया। दो फ़ैब पहले से ही स्थापित हैं और कई और फ़ैब पाइपलाइन में हैं। इन स्थितियों के मद्देनज़र ये कहा जा सकता है कि भारत एक ऐसे उद्योग में तेज़ी से रफ्तार पकड़ रहा है, जहाँ एक बार मज़बूत नींव पड़ने पर, विकास तेज़ी से होगा।

सेमीकॉन इंडिया 2025 में, सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के हर प्रमुख वैश्विक हितधारक ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई, जिसमें एएसएमएल, लैम रिसर्च, एप्लाइड मैटेरियल्स, मर्क और टोक्यो इलेक्ट्रॉन जैसे उपकरण और सामग्री क्षेत्र के दिग्गज शामिल थे। श्री वैष्णव ने कहा कि उनकी भागीदारी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में संचालित भारत के सेमीकंडक्टर मिशन में दुनिया के दृढ़ विश्वास को दर्शाती है।

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एक अनूठी पहल के तहत, सेमी-कंडक्टर प्रयोगशाला (एससीएल) में भारतीय छात्रों द्वारा डिज़ाइन और निर्मित 20 चिप्स भी प्रधानमंत्री को भेंट की गईं। श्री वैष्णव ने बताया कि देश भर के 78 विश्वविद्यालय उन्नत ईडीए उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं, जिससे भारत एक गहन प्रतिभा पूल तैयार कर रहा है, जो पहले से ही वैश्विक सेमीकंडक्टर कार्यबल का करीब 20% हिस्सा है। उन्होंने कहा कि प्रतिभा विकास और नवाचार इस मिशन के केंद्र में हैं।

भारत अपने डिज़ाइन और स्टार्टअप इकोसिस्टम को भी विकसित कर रहा है, जहाँ 28 से ज़्यादा स्टार्टअप प्रोजेक्ट से प्रोडक्ट की ओर बढ़ रहे हैं। हाल ही में हुए समझौता ज्ञापनों में संपूर्ण आईओटी चिपसेट और कैमरा सिस्टम शामिल हैं, जबकि आईआईटी मद्रास जैसे संस्थानों ने स्वदेशी माइक्रोकंट्रोलर और प्रोसेसर जारी किए हैं। डिज़ाइन लिंक्ड इंसेंटिव (डीएलआई) योजना ने मूल्यवान आईपी का एक पोर्टफोलियो तैयार किया है, और विकास के लिए 25 प्राथमिकता वाले उत्पादों की पहचान की गई है।

2030 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के उद्योग अनुमान और प्रतिभा, विश्वास तथा प्रौद्योगिकी में भारत की मज़बूत स्थिति के साथ, देश सेमीकंडक्टर क्षेत्र में एक वैश्विक नेता के रूप में उभरने के लिए तैयार है, जो भारत को दुनिया के लिए सेमीकंडक्टर केंद्र बनाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करेगा।

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सेमीकॉन इंडिया 2025 में समझौता ज्ञापन/घोषणाएँ

1. भारत में विनिर्माण और पैकेजिंग के क्षेत्र में सेमीकंडक्टर क्षमताओं को और मज़बूत करने के लिए टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और मर्क के बीच समझौता ज्ञापन

2. घरेलू सेमीकंडक्टर डिज़ाइन और आईपी इकोसिस्टम विकसित करने के लिए टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रगत संगणन विकास केंद्र (सी-डैक) के बीच समझौता ज्ञापन

3. स्पर्श-आईक्यू, थर्डीटेक, फोकली और सेंससेमी टेक्नोलॉजीज के सहयोग से केयन्स सेमीकॉन द्वारा लॉन्च किए गए, भारत के पहले पूर्णतः स्थानीयकृत स्वचालित कैमरा मॉड्यूल के संयुक्त विकास की शुरुआत की घोषणा

4. इंफिनिऑन के सहयोग के साथ केयन्स सेमीकॉन द्वारा भारत के पहले एमईएम माइक्रोफ़ोन और उन्नत सेमीकंडक्टर पैकेज प्रदान करने की घोषणा

5. स्मार्ट ऑपरेटिंग सिस्टम से युक्त मेक-इन-इंडिया सिक्योर चिप के संयुक्त विकास की शुरुआत की घोषणा, जिसे इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट जैसे अगली पीढ़ी के डिजिटल पहचान समाधान को सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसे एलएंडटी सेमीकंडक्टर द्वारा आईआईटी गांधीनगर और सी-डैक के सहयोग से एक स्केलेबल सुरक्षा आर्किटेक्चर के आधार पर पर बनाया गया है।

6. सेमीकंडक्टर अनुसंधान और क्वांटम नेतृत्व के लिए एक राष्ट्रीय नवाचार केंद्र बनाने हेतु एलएंडटी सेमीकंडक्टर और आईआईएससी बैंगलोर के बीच समझौता ज्ञापन।

7. सी-डैक द्वारा निर्मित स्वदेशी वीईजीए प्रोसेसर को गुजरात में एक महिला सह-नेतृत्व वाली घरेलू स्टार्टअप, इंडीसेमिक द्वारा ब्लूटूथ और लोरा कनेक्टिविटी के साथ एकीकृत करने वाले, भारत के पहले आईओटी इवोल्यूशन बोर्ड का अनावरण।

8. सेमीकंडक्टर कौशल, उद्योग-शैक्षणिक संबंधों और सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकियों में क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने के लिए एनआईईएलआईटी और सिंगापुर सेमीकंडक्टर उद्योग संघ (एसएसआईए) के बीच समझौता ज्ञापन।

9. भारत के तेजी से बढ़ते सेमीकंडक्टर व्यवस्था तंत्र में भविष्य के लिए तैयार प्रतिभाओं हेतु एक सहयोगी ढांचा स्थापित करने हेतु आईएसएम और न्यू एज मेकर्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनएएमटेक) के बीच समझौता ज्ञापन, साथ ही आईएसएम के राष्ट्रीय रोडमैप के अनुरूप अनुप्रयुक्त अनुसंधान और नवाचार को आगे बढ़ाना।

10. वैज्ञानिक और शैक्षिक सहयोग पर एरिज़ोना स्टेट यूनिवर्सिटी और इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के बीच समझौता ज्ञापन।

11. डीएलआई योजना के तहत, अनुमोदित कंपनियों को सिनोप्सिस आईपी तक सरल पहुँच प्रदान करने के लिए सी-डैक, सिनोप्सिस और आईआईटी मद्रास प्रवर्तक के बीच समझौता ज्ञापन।

12. डीएलआई योजना के तहत अनुमोदित कंपनियों को डिज़ाइन अवसंरचना सहायता की उपलब्धता की घोषणा, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:

आईपी ​​कोर

a) आईटीसी कोरिया

b) सिक्योर आईसी

c) कैडेंस डिज़ाइन सिस्टम्स

d) एनालॉग बिट्स

ईडीए टूल्स

a) सिम योग टेक्नोलॉजीज

b) कैडर डिज़ाइन सिस्टम्स

पोस्ट सिलिकॉन वैलिडेशन सेवाएँ

a) इमर्सन ग्लोबल

b) स्मार्टसोक सॉल्यूशंस

c) साइएंट सेमीकंडक्टर

सेमिकॉन इंडिया के बारे में

सेमीकॉन इंडिया, सेमी द्वारा आयोजित दुनिया भर में आयोजित आठ वार्षिक सेमीकॉन प्रदर्शनियों में से एक है, जो वैश्विक सेमीकंडक्टर डिज़ाइन और निर्माण व्यवस्था तंत्र के अधिकारियों और विशेषज्ञों को एक साथ लाता है। यह आगामी आयोजन तकनीकी नवाचार के भविष्य की एक रोमांचक यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है, जो वैश्विक सेमीकंडक्टर व्यवस्था में सहयोग और स्थिरता को बढ़ावा देता है।

सेमी के बारे में

सेमी एक वैश्विक उद्योग संघ है, जो सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स डिज़ाइन एवं विनिर्माण आपूर्ति श्रृंखला में दुनिया भर की 3,000 से अधिक सदस्य कंपनियों और 15 लाख पेशेवरों को एक साथ जोड़ता है। यह वकालत, कार्यबल विकास, स्थिरता, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और अन्य कार्यक्रमों के ज़रिए उद्योग जगत की प्रमुख चुनौतियों के समाधान पर सदस्यों के सहयोग को बढ़ावा देता है।

आईएसएम के बारे में

भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम), भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के तहत आने वाली एक स्वतंत्र संस्था है। यह भारत में एक स्थायी और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले निर्माण व्यवस्था विकसित करने के लिए सेमीकंडक्टर इंडिया कार्यक्रम हेतु एक नोडल एजेंसी है। आईएसएम प्रस्तावों का मूल्यांकन, प्रौद्योगिकी साझेदारी को सुगम बनाने, केंद्र और राज्य सरकारों के साथ समन्वय करने और वित्तीय प्रोत्साहन वितरण का प्रबंधन करने के लिए ज़िम्मेदार है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य भारत को सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण के लिए एक विश्वसनीय वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना, आर्थिक सुरक्षा और तकनीकी आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना है।

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पीके/केसी/एनएस