झखरावल स्कूल पुताई के नाम पर खिलवाड़,बीआरसीसी देवसर विकासखण्ड के सभी स्कूलों का पैसा डकारा
सिंगरौली 11 जून देवसर आपको बताते चलें कि वर्ष 2021-22 में शाला प्रबंधन समिति में स्कूल को चलाने के लिए बजट आता है उसी वजह से स्कूलों की पुताई और मेंटेनेंस का काम होता है लेकिन इस वर्ष करोड़ों रुपए आने के बाद भी सभी स्कूलों में जर्जर पड़ी हुई है। झखरावल स्कूल की स्थिति जर्जर हालत में है वही पुताई के नाम पर खिलवाड़ हुआ है विकासखंड देवसर के बीआरसी एवं जन शिक्षकों के माध्यम से सरकार के पैसों का हो रहा बंदरबांट कृष्ण कुमार द्विवेदी बीआरसी के पद पर पिछले 10 वर्षों से पदस्थ हैं ।सरकार विद्यालय संचालन करने एवं खेल सामग्री से लेकर विद्यालय चलाने के लिए विद्यालय प्रबंधन समिति में पैसा देती है लेकिन ऐसा नहीं हुआ सरकार ने सारा खजाना बीआरसी कार्यालय में दे दिया और यहां से सभी विद्यालयों की हालत जर्जर स्थिति में है। विद्यालयों के विद्यालय बजट के अनुसार वितरित करने के लिए कहा गया। लेकिन ब्लॉक शिक्षा अधिकारी श्री द्विवेदी ने पैसों का हेराफेरी करना चालू कर दिया जीएसटी वाले दुकानदारों को चिन्हित कर उनके खातों में पैसा डाला गया और उनसे सामग्री ले ली गई कुछ स्कूल में सामग्री भिजवा दी गई और कुछमें अभी कुछ नहीं भेजा गया। जहां सामग्री भेजवा दी गई वहां भी फर्जी हुआ क्योंकि सामग्री 2 हज़ार की है बिल 10 हजार का बनाया गया और मोटी रकम जीएसटी वाले भैया से महोदय के लिए ऐसा मैं नहीं करें विकासखंड में लगभग 70 प्रधानाध्यापक लोग कह रहे हैं । स्कूलों में इस स्थिति दयनीय हो गई है ना तो चटाई है नाही टेबल कुर्सी और ना ही स्कूल में रजिस्टर वगैरह सब बीआरसी देवसर डकार गए इतने समाचार में खबर प्रकाशित होने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई कारण है जिला शिक्षा आधिकारी से बीआरसी का जीजा साले का रिश्ता है शायद इसके वजह से बीआरसी को भ्रष्टाचार करने का छूट मिल रहा हो कयास यही लगाए जा रहे है।
स्कूल के प्रभारियों से जनशिक्षक व बीआरसी मिलकर खाली बिलों पर दस्तखत करा लिया गया और अपने हिसाब से बिल लगाकर पैसा आहरित कर दिया। स्कूलों में प्रभारियों से अपना पैसा लगाकर कुछ काम करा लिया जाता है।कोई देखरेख करने वाला नही है,वह भी पैसा प्रभारियों को नहीं मिल पा रहा। देवसर विकासखंड के अंतर्गत सभी स्कूले पुताई के लिए तरस रहे आप आप सब जानते हैं कि शाला प्रबंधन समिति में स्कूल को चलाने के लिए बजट आता है उसी बजट से स्कूलों की पुताई व मेंटेनेंस का काम होता है लेकिन इस वर्ष करोड़ों रुपए का आने के बाद भी सभी स्कूल जर्जर स्थिति में पड़ी हुई है। कमीशन से चलती है शिक्षा विभाग विद्यालय के प्रभारियों ने यह भी बताया कि ब्लॉक शिक्षा अधिकारी बोलते हैं कि हमें कई जगह देना पड़ता है कमीशन इसलिए हमें चाहिए आपके स्कूलों से कमीशन स्कूल के प्रभारियों के अंदर डर क्योंकि बीआरसी के अंडर काम करना पड़ता है इसलिए कहीं शिकायत नहीं करते जिला कलेक्टर इस मामले में विधिवत जांच कर दोषियों के ऊपर करवाई करें।