सब्जियों के कीमत में लगी आग,मची हायतौबा कोई भी सब्जी 30 रूपये केजी से कम नहीं, मध्यम वर्गीय परिवार की बढ़ी फजीहत,थाली से गायब होने लगी हरी सब्जियां

सब्जियों के कीमत में लगी आग,मची हायतौबा
कोई भी सब्जी 30 रूपये केजी से कम नहीं, मध्यम वर्गीय परिवार की बढ़ी फजीहत,थाली से गायब होने लगी हरी सब्जियां

सिंगरौली 8 नवम्बर। ऊर्जाधानी में सब्जियों के कीमत में आग लग गयी है। आलम यह है कि इन दिनों कोई भी सब्जी 30 रूपये प्रति केजी से कम नहीं है। जिसको लेकर मध्यम वर्गीय व गरीब परिवारों में हायतौबा मच गयी है।
दरअसल कच्चे तेलों डीजल, पेट्रोल के दामों में भले ही केन्द्र व प्रदेश सरकार के द्वारा दीपावली पर्व के दिन कमी कर दी गयी है, लेकिन सब्जियों के दाम में कच्चे तेलों के कीमत में घटने का कोई असर नहीं दिखा है। आलम यह है कि इन दिनों गोभी, परवर, पात गोभी, टमाटर, बैगन, करैला, बरबटी, मेथी भाजी जैसे सब्जियों के दाम करीब 50 रूपये प्रति किलो के पार है। सब्जियों के दाम में लगातार हो रही वृद्धि को लेकर गरीब, मजदूर व मध्यम वर्गीय परिवार की हालत पतली हो जा रही है। करीब एक पखवाड़े से ऊर्जाधानी में सब्जियों के दाम आसमान छूने लगा है। बताया जा रहा है कि अभी एक पखवाड़े तक सब्जी के दामों में इसी तरह वृद्धि होती रहेगी। सब्जी व्यवसायी बताते हैं कि सभी सब्जियां जबलपुर से आती हैं और ट्रांसपोर्ट का भाड़ा बढऩे से कीमत में वृद्धि हो रही है। वहीं 15 दिन बाद सब्जियों का सीजन आयेगा तब तक इनके दामों में बढ़ोत्तरी होती रहेगी। उन्होंने यह भी बताया कि जो स्थानीय लोग सब्जी की खेती करते हैं अभी वह तैयार नहीं हुई है। जिसके चलते दूसरे जिलों से आने वाली सब्जियों के दाम में वृद्धि हुई है। इधर गरीब, मजदूर परिवार भी परेशान हैं। मजदूर रामाधार कोल का कहना है कि हम लोग इन दिनों हरी सब्जी खाने के लिए तरस रहे हैं। सब्जी मण्डी में जब हरी सब्जियों के दाम पूछने लगते हैं तो उनके कीमत को सुनकर पसीना आने लगता है। जहां पहले हरी सब्जी ही खाते थे लेकिन अब खाली आलू प्याज से ही काम चल रहा है। वहीं श्रमिक बलियरी के सलीम बताते हैं कि साहब इन दिनों महंगाई के आगे हम लोग बेवश नजर आ रहे हैं। 8 घण्टा मजदूरी करने के बाद 350 रूपये पारिश्रमिक भुगतान मिलता है इसी में पूरे परिवार का खर्च चलाना होता है। आटा, दाल, सब्जी व खाद्य तेल भी खरीदना पड़ता है। यदि इसी तरह से रोजमर्रा का खाद्य सामग्री व सब्जी के दाम बढ़ेंगे तो हम लोगों को एक वक्त भोजन से ही गुजर बसर कर उदर पोषण भरना पड़ेगा।
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चना साग 200 व गोभी 100 रू प्रति किलो
ऊर्जाधानी में हरी सब्जियों के दाम में वृद्धि हुई है। जिससे गरीब,मजदूर व मध्यम वर्गीय परिवार के थालियों में सब्जियां कम ही देखने को मिलती हैं। ऊर्जाधानी मेें सब्जियों के दाम आलू 30, टमाटर 80, बैगन 50, प्याज 40, अदरक 60, मिर्चा 60, गाजर 80, खीरा 50 रू., मूली 30 रू., पालक 40 रू.,सेमी 100, शिमला 100 रू., लौकी 40 रू., करैला 80 रू., बरबटी 80 रू., पत्ता गोभी 40 रू., गोभी 100 रू. धनिया 200 रूपये, लहसुन 90 रू., परवर 100 रू., मेथी साग 70 रूपये प्रति किलो के दर से बिक रहे हैं। जिससे सब्जी खरीदने पहुंचे लोग सब्जियों के दाम सुनकर दबें पाव पीछे की ओर चल देते हैं। वहीं कुछ लोग एकाध पाव सब्जियां खरीद वापस घर की ओर लौट जाते हैं।
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सरसो का तेल भी 200 रूपये प्रति लीटर के करीब
ऊर्जाधानी में सब्जियों के साथ-साथ खाना बनाने में उपयोग आने वाली सामग्रियों के दामों में भी लगातार बृद्धि हो रही है। सरसो तेल, रिफाइन, शक्कर, जीरा, हल्दी, नमक सहित दालें भी महंगी होती जा रही हैं। जहां इन दिनों सरसो का तेल 185 से 190 रूपये, रिफाइन 150 से 160, जीरा 220 से 250 रूपये, नमक 20 से 30 रूपये, शक्कर 45 से 50 रूपये, हल्दी 250 से 300 रूपये प्रति किलो बिक रही है। वहीं अरहर दाल 110 से 130 रूपये, मूंग 120 से 150 रूपये, मसूर 100 से 120 रूपये, चना 80 से 100 रूपये प्रति किलो के दर से मिल रहे हैं। जिससे गरीब, मजदूर व मध्यम वर्गीय परिवार रोजमर्रा के सामग्रियों में हो रही लगातार वृद्धि से हैरान परेशान हैं। फिर भी लोग जैसे तैसे कर अपना गुजर बसर कर रहे हैं। वहीं कुछ लोग महंगाई को लेकर देश व प्रदेश सरकार को भी कोसने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।