घर-घर में फैली बीमारी,मरीजों से भरा अस्पताल बच्चे भी आ रहे मौसमी बीमारी के चपेट में,लाइट गुल होने से ऑक्सीजन की कमी से संघर्ष करते रहे बीमार बच्चों के परिजन
सिंगरौली 12 सितम्बर। जिले के ग्रामीण अंचलों में मौसमी बीमारियों का कहर इस कदर टूट पड़ा है कि जिला अस्पताल में रोजाना करीब एक सैकड़ा से ज्यादा बच्चे ईलाज के लिए जिला अस्पताल सह ट्रामा सेंटर पहुंच रहे हैं। जहां बच्चों में सर्दी,खांसी के साथ निमोनिया की बीमारी की समस्या है।
ज्ञात हो कि जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर मेंं इन दिनों जिले के दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में मौसमी बीमारियों ने अपना कहर बरपा रखा है। जिससे ग्रामीण अंचलों के खुले मैदानों में घुमने वाले छोटे बड़े बच्चे मौसमी की चपेट में आ रहे हैं और इन सभी बच्चों में लगभग एक ही जैसे बीमारी के लक्षण पाये जा रहे हैं। इनमें ज्यादातर बच्चों में सर्दी, जुकाम, बुखार की शिकायत मिल रही है। लेकिन इनमें से कई बच्चों की हालत इतनी गंभीर हो जा रही है कि बच्चों को आक्सीजन सपोर्ट में रखना पड़ रहा है। इस संबंध में जिला चिकित्सालय शिशु विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि बच्चों की बीमारियों में भले ही लक्षण कोविड 19 जैसे हों लेकिन यह कोविड-19 नहीं है कुछेक बच्चों में निमोनिया के लक्षण जरूर पाये जा रहे हैं। लेकिन यह मौसम के बदलाव के कारण है। चिकित्सकों ने लोगों से अपील की है कि इस सीजन में बच्चों का उनके परिजनों द्वारा खास ख्याल रखे जाने की सख्त जरूरत है।
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ट्रामा सेंटर का डीजी चालू करने के लिए कर्मचारी की दरकार
जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर में आलम यह है कि यदि लाइट गुल हो जाती है, गंभीर बीमारियों वाले मरीजों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जबकि जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर में बिजली की व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाये रखने के लिए जिला अस्पताल प्रबंधन ने डीजी व्यवस्था कर रखी है, लेकिन जिला अस्पताल में मौजूद डीजी केवल शो पीस बनकर रह गया है। क्योंकि जिला अस्पताल में लाइट गुल हो जाने के बाद डीजी को चालू करने वाला कोई नहीं है। जिला अस्पताल में मौजूद स्टाफ बताते हैं कि कभी भी लाइट गुल हो जाने के बाद डीजी चालू नहीं होती है। इसकी मुख्य वजह है कि डीजी को चालू करने वाला इलेक्ट्रिशियन कभी कभार ही अस्पताल परिसर में मौजूद रहता है, न ही तो कहां रहता है यह किसी को जानकारी नहीं है।
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दिनभर चलता रहा बिजली आंख मिचौली का खेल
शहर के कई वार्डाे में आज सुबह से ही बिजली आने जाने का सिलसिला चलता रहा। जिससे शहर के लोग उमसभरी गर्मी से सारा परेशान रहे। वहीं जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर में भी बिजली की आंख मिचौली के कारण भर्ती मरीजों को उमस भरी गर्मी से काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जिला चिकित्सालय में चार दिनों से भर्ती कराये अपने बच्चों को श्रवण साकेत तथा अन्नू साकेत ने बताया कि आज दिन लाइट के आने जाने से हम परेशान हैं। क्योंकि हमारे बेटे को निमोनिया होने के कारण स्थिति गंभीर है और उसे ऑक्सीजन सिलेण्डर लगा हुआ है। लेकिन लाइट के बार-बार आने जाने के कारण जिला अस्पताल में बिजली व्यवस्था पूरी तरह ठप हो जा रही है। जिससे बच्चे को मिलने वाली ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है और बच्चे को सांस लेेने में समस्या आ रही है।
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इनका कहना है
यह बात सही है कि इन दिनों जिला चिकित्सालय में करीब एक सैकड़ा से ज्यादा बच्चे बीमार होकर आ रहे हैं। जिनमें से आधे बच्चों को सामान्य बीमारी होने के कारण दवाई देकर वापस घर भेज दिया जा रहा है, लेकिन करीब 60 से 70 बच्चों को प्रतिदिन जिला चिकित्सालय में ईलाज के लिए भर्ती किया जा रहा है। यह केवल मौसमी बीमारी का असर है। कुछेक बच्चों के गंभीर होने पर उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा जा रहा है।
संदीप भगत,चिकित्सक
नवजात एवं शिशु रोग विशेषज्ञ,
जिला सिंगरौली