एनजीटी भोपाल का माजनकला तालाब पर बड़ा फैसला एनजीटी का फरमान,छ: महीने के अंदर माजनकला तालाब में अवैध निर्माण को हटाकर पुराने स्थिति में लाने का निर्देश,ननि अमले में हड़कम्प

एनजीटी भोपाल का माजनकला तालाब पर बड़ा फैसला
एनजीटी का फरमान,छ: महीने के अंदर माजनकला तालाब में अवैध निर्माण को हटाकर पुराने स्थिति में लाने का निर्देश,ननि अमले में हड़कम्प

सिंगरौली 10 सितम्बर। माजन तालाब के मामले में राष्ट्रीय हरित अभिकरण भोपाल के द्वारा बड़ा फैसला सुनाया गया है। एनजीटी के द्वारा निर्देश दिया गया है कि माजन कला तालाब में हुए अवैध निर्माण को हटाकर तालाब को पूर्व स्थिति में लायें इसके लिए छ: महीने के अंदर प्रक्रिया व कार्रवाई पूर्ण कर पालन प्रतिवेदन भी प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया है। एनजीटी के इस निर्णय के बाद नगर निगम अधिकारियों में हड़कम्प मच गया है।
गौरतलब हो कि नगर पालिक निगम सिंगरौली के माजन कला तालाब के साथ छेड़छाड़ कर व्यवसायिक काम्पलेक्स एवं आवासीय परिसर का निर्माण कार्य मनमाने तौर पर कराये जाने के कारण सुविधा सेवा संस्थान की ओर से अधिवक्ता सतेन्द्र शाह के द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर में 5 साल पूर्व वर्ष 2015 में जनहित याचिका प्रस्तुत किया था। उच्च न्यायालय जबलपुर के द्वारा उक्त जनहित याचिका को सम्यक निराकरण के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल भोपाल को रेफर कर दिया गया था। जहां एनजीटी द्वारा 7 सितम्बर को उक्त तालाब के संबंध में अपने यहां दर्ज ओरिजिनल अप्लीकेशन को निराकृत करते हुए नपानि सिंगरौली के उक्त अवैध निर्माण एवं पर्यावरण विरोधी कृत्य की घोर निंदा करते हुए अहम टिप्पणी किया गया है। एनजीटी द्वारा कहा गया है कि नपानि एक शासकीय संस्थान है जिसके ऊपर पर्यावरण संरक्षण एवं संवद्र्धन की संपूर्ण जिम्मेदारी है। लेकिन निगम के द्वारा ही सिंगरौली के पर्यावरण का ख्याल नहीं रखा है। अधिकरण ने अपने निर्णय के पैरा क्र.60-61 में माजनकला तालाब सहित संपूर्ण जल स्त्रोतों एवं पर्यावरण के लिए यह निर्देश जारी किया है कि माजनकला तालाब शासकीय तालाब है। यह शासन के स्वामित्व का होकर सार्वजनिक सम्पत्ति है। जिसका संरक्षण करने का दायित्व सभी को है। उक्त तालाब में निगम द्वारा किया गया निर्माण अनाधिकृत है जो प्रत्येक स्थिति में ध्वस्त किये जाने योग्य है। साथ ही निगम के ऊपर इसमें किये गये व्यय का 10 प्रतिशत संपूर्ण क्षतिपूर्ति अधिरोपित करते हुए निगम द्वारा म.प्र.प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के खाते में क्षतिपूर्ति राशि जमा कराने के लिए कहा गया है। उक्त रकम का उपयोग उक्त तालाब एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए किया जायेगा। निर्णय में यह भी निर्देशित किया गया है कि ननि ऐसे शासकीय तालाबों एवं जल स्त्रोंतों का एक ट्रस्टी है जिसका दायित्व ऐसे तालाबों एवं जल स्त्रोतों का संरक्षण करना है और कलेक्ट्रेट कार्यालय के पास कृषि विभाग के 10 एकड़ भूमि पर स्थित जुड़वा तालाबों के प्रकृति अनुरूप संरक्षण एवं संवद्र्धन करें। फिलहाल एनजीटी का उक्त निर्णय आने के बाद ननि अमला सकते में आ गया है तो वहीं जनहित याचिका की पैरवी बृजेन्द्र वैश्य, एसएन रूप राह के द्वारा की गयी। वहीं अधिवक्ता विपिन शाह, प्रदीप शाह, सुरेन्द्र पाल, अरविन्द शाह, बाल मुकुन्द शाह, सुभाष शाह, सतेन्द्र शाह, सुरेश शाहवाल समेत अन्य अधिवक्ताओं ने उक्त निर्णय से अभिभूत है।
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समिति गठित करने का निर्देश
एनजीटी के द्वारा म.प्र.शासन के प्रमुख सचिव पर्यावरण, राजस्व सचिव, डायरेक्टर, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल एवं सदस्य सचिव म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल की अब एक समिति गठित कर माजनकला तालाब में हुए अवैध अतिक्रमण को हटाया जाकर उक्त तालाब में पूर्व स्थिति में लाने के लिए निर्देश दिया गया है। जिसके लिए म.प्र.सरकार को अविलंब नोडल अधिकारी नियुक्त करने एवं उक्त आदेश का पालन छ: माह के अंदर पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का आदेश पारित किया है। साथ ही उक्त तालााबों में प्रदूषित जल, सिवरेज के बहाव को रोकने का यथोचित व्यवस्था करें।
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ननि ने जल स्त्रोतों एवं पर्यावरण को पहुंचाया है नुकसान
सुविधा सेवा संस्थान एनजीओ के सचिव एवं सामाजिक कार्यकर्ता अधिवक्ता सतेन्द्र शाह ने एनजीटी भोपाल के द्वारा माजन कला तालाब में दिये गये ऐतिहासिक फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि नगर निगम के द्वारा माजन तालाब को ध्वस्त कराकर पर्यावरण जल स्त्रोत को भारी नुकसान पहुंचाया है। हरे भरे पेंड़ पौधों को ध्वस्त करा दिया। नगर निगम के उस दौरान के तत्कालीन अधिकारियों ने मनमाने तरीके से कार्य कराया है। एनजीटी के द्वारा दिये गये फैसले से यह साबित होता है कि सत्य कभी पराजित नहीं हो सकता। संघर्ष जरूर करता है। इस जनहित की लड़ाई के लिए एनजीओ से जुड़े वरिष्ठ जनों का मार्गदर्शन मिलता रहा। जिसका परिणाम सामने है। यह लड़ाई सबके सहयोग से ही लड़ी गई और ऐतिहासिक सफलता भी मिली।