दो साल में ट्रामा सेंटर में नहीं बन पाया बर्न वार्ड सर्जिकल वार्ड में अग्रिदग्धा को करते हैं भर्ती

दो साल में ट्रामा सेंटर में नहीं बन पाया बर्न वार्ड सर्जिकल वार्ड में अग्रिदग्धा को करते हैं भर्ती

सिंगरौली 18 जुलाई। जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर में दो साल बाद भी बर्न वार्ड स्थापित न किये जाने से आग से झुलसे मरीजों को सर्जिकल वार्ड में ही भर्ती कराकर ईलाज किया जा रहा है। जिसके चलते सर्जिकल वार्ड में विभिन्न बीमारियों से ग्रसित मरीज भी परेशान रहते हैं। बर्न वार्ड बनाने के लिए लगातार मांग उठायी जा रही है।
गौरतलब हो कि इसके पहले पुराने जिला चिकित्सालय में बर्न वार्ड संचालित हो रहा था। लेकिन जब से पुराने जिला अस्पताल से सभी वार्डों को जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर में शिफ्ट किया गया लेकिन हैरानी की बात है कि जिले भर में महीने में आग से झुलसे दर्जन भर मरीज पीडि़त होकर जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर पहुंचते हैं। किन्तु जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर में बर्न वार्ड स्थापित न किये जाने के कारण केवल गंभीर मरीजों को 50 फीसदी से अधिक आग से झुलसे व्यक्ति को ही किसी तरह सर्जिकल वार्ड में भर्ती करते हैं, किन्तु इस वार्ड में बर्न वार्ड संबंधी सुविधाएं दूर-दूर तक नहंी हैं। इस उमस भरी गर्मी ने आग व बिजली करंट के चपेट में आये झुलसे मरीज परेशान रहते हैं। यहां एसी भी नहीं है लिहाजा आग से झुलसे मरीजों की परेशानियां दो गुनी हो जाती है। यह समस्या आज से नहीं दो साल के अधिक समय से निर्मित है। किन्तु जिला चिकित्सालय के प्रभारी सिविल सर्जन व सीएमएचओ इसे नजरअंदाज कर रहे हैं। फिलहाल जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर में स्थायी बर्न वार्ड का निर्माण कब होगा इस बात को लेकर अब मांग भी तेज होती जा रही है।
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करंट से झुलसे दो मरीज हैं भर्ती
जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर के सर्जिकल वार्ड में आग व बिजली करंट से झुलसे मरीजों को भर्ती किया जाता है। इस समय दो मरीज भर्ती हैं और दोनों बिजली करंट की चपेट में आने से झुलस गये थे। किन्तु वहीं सूत्र बताते हैं कि यदि 50 फीसदी से कम मरीज झुलसे रहते हैं तो उन्हें वार्ड की समस्या बताकर भर्ती करने से मना कर दवाईयां लिख बैरंग लौटा देते हैं। हालांकि पुराने अस्पताल में भी यही हालात थे। गंभीर मरीजों को ही चिकित्सक भर्ती करने के लिए हामी भरते थे।