फर्जी पावर ऑफ एटर्नी में गवाहों पर भी कार्रवाई की होने लगी मांग आईजी रीवा से हस्तक्षेप करने की उठने लगी मांग, सिंगरौली के पुलिस से न्याय की उम्मीद कम

फर्जी पावर ऑफ एटर्नी में गवाहों पर भी कार्रवाई की होने लगी मांग आईजी रीवा से हस्तक्षेप करने की उठने लगी मांग, सिंगरौली के पुलिस से न्याय की उम्मीद कम

सिंगरौली में फर्जी पावर ऑफ एटर्नी के माध्यम से भूमि के रजिस्ट्री कराने का मामला लगातार जोर पकड़ता जा रहा है। इस फर्जी रजिस्ट्री में अब दो गवाहों पर भी कार्रवाई करने की मांग शुरू हो गई है। वहीं उक्त मामले की निष्पक्ष जांच आईजी से संभव होना माना जा रहा है।
गौरतलब है संतोष कुमार पिता रामलाल शाह उम्र 47 वर्ष निवासी सैरपुर जिला मुजफ्फरपुर-बिहार ने सासन पुलिस चौकी में रिपोर्ट किया था कि ग्राम सिद्धीखुर्द के आराजी क्रमांक 769/1/3 व 769/2/4 कुल रकवा 60 ढिसमिल अपने चाचा भीष्म कुमार शाव से खरीदा था और इसके बाद फरियाद अपने पुस्तैनी गांव चला गया था। वर्ष 2024 के अगस्त महीने में सुमन सिंह घर आकर जमीन बिक्री करने के लिए बोला। उक्त जमीन सिविल न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण के संबंध में पैरवी करके खत्म कराकर बिक्री के लिए खरीददार ढूंढने का एग्रीमेंट 20 अगस्त 2024 को कराया था, लेकिन बाद में सुमन कुमार सिंह ने षड्यंत्र पूर्वक फर्जी तौर पर पावर ऑफ एटर्नी तैयार कर रजनी सिंह निवासी मकरोहर को इसी साल 20 जनवरी को बिक्री कर दिया था। जहां शिकायत एवं जांच के बाद पावर ऑफ एटर्नी फर्जी पाये जाने पर सासन चौकी पुलिस ने आरोपी सुमन सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला पंजीबद्ध कर लिया है, लेकिन पुलिस की विवेचना मंथर गति से चल रही है। इस तरह के आरोप लगाये जा रहे हैं। अब चर्चा इस बात की है कि फरियादी संतोष कुमार जायसवाल को धमकाने वाले उप पंजीयक एवं सेवा प्रदाता के साथ-साथ दो गवाहान चन्दे कुमार गुप्ता पिता श्यामलाल गुप्ता निवासी नगवां एवं तरूनेन्द्र कुमार गुप्ता पिता भगवती प्रसाद गुप्ता निवासी कर्सुआलाल के विरूद्ध भी एफआईआर में नाम शामिल होगा। इस तरह के सवाल अब कलेक्ट्रोरेट के उप पंजीयक दफ्तर में ही आपस में की जा रही है। साथ ही यह भी चर्चा है कि यहां के पुलिस अधिकारियों से निष्पक्ष जांच की उम्मीद भी कम है। कई भूमि रजिस्ट्री संबंधित हेरफेर के मामले सामने आये। किंतु यहां के पुलिस अधिकारी मामले में लीपापोती करने में कोई कोर कसर नही छोड़ा है। न्याय की गुहार लगाने वाले आवेदको पर भी पुलिस तरह-तरह के हत्थकण्डे अपनाकर दबाव देने लगती है। संभवत: इसीलिए यहां के पुलिस अधिकारियों पर से लोगों का भरोसा उठता जा रहा है। उप पंजीयक अशोक सिंह परिहार पर मेहरवानी किसी से छुपी नही है।