विस्थापन के कारण मोरवा में छात्रों के भविष्य पर सस्पेंस बरकरार
विस्थापन प्रक्रिया को लेकर स्कूलों की अपील- शिक्षा को लेकर सजक हो एनसीएल
एनसीएल खदानों के विस्तार के लिए मोरवा विस्थापन की प्रक्रिया अनर्वत जारी है। लगातार विस्थापित हो रहे लोगों की लिस्ट निकालने समेत नोटिस देकर उन्हें अन्य औपचारिकताएं पूरी करने को कहा गया है, परंतु न एनसीएल प्रबंधन न जिला प्रशासन द्वारा स्कूलों को अभी तक स्पष्ट जवाब नहीं दिया जा सका है। जिस कारण स्कूल प्रबंधन भी पशोपेश में है। डीएवी सिंगरौली को छोड़ दें तो अन्य बड़े शिक्षण संस्थानों की अभी तक नापी भी नहीं हो सकती है। वहीं विस्थापन को देखते हुए क्राइस्ट ज्योति स्कूल सिंगरौली में आगामी वर्ष में 9वीं एवं 11वीं में नए एडमिशन को लेकर अपनी स्थिति साफ नहीं की है। हालांकि सरस्वती शिशु मंदिर सिंगरौली द्वारा आगामी समय में विद्यालय में भर्ती लेकर उसे संचालित रखा जाएगा। विस्थापन के मुद्दे पर सभी स्कूलों के प्रबंधकों ने एनसीएल के विस्थापन नीति पर सवाल उठाते हुए अपील की है उन्हें विस्थापन और पुनर्वास की स्थिति साफ कर बताया जाए जिससे यहां के छात्रों का भविष्य खतरे में ना पड़े। हालांकि विस्थापन को लेकर शिक्षकों का एक बड़ा तबका भी आशंकित दिख रहा है। उनका मानना है लंबे समय तक शिक्षा विभाग से जुड़े रहने के बाद भी स्थाई शिक्षकों पर तलवार लटक रही है। ऐसे में एनसीएल प्रबंधन एवं स्कूल प्रबंधन को शिक्षकों के बारे में भी सोचना चाहिए। यदि पुनर्वास स्थल में स्कूलों को नव निर्माण की जगह दी जाती है तो स्कूल प्रबंधन अति शीघ्र वहां कार्य शुरू कर नई भर्ती कर सकेंगे, जिससे शिक्षकों की भी रोजीरोटी चल सकेगी। बताते चलें कि डीएवी सिंगरौली में करीब 360 बच्चे, क्राइस्ट ज्योति में करीब 1600 तो वहीं सरस्वती शिशु मंदिर में करीब 1200 बच्चे अभी शिक्षा ग्रहण कर रहा हैं।