आजीविका मिशन से जुड़कर आश्रित से आत्म निर्भर बनी इन्दु विश्वकर्माः-खुशियो की दस्तां
1—- किराना दुकान के माध्यम से इन्दु को प्रतिमाह 15 से 20 हजार रूपये की आमदनी हो रही
सिंगरौली 27 जुलाई श्रीमती इंदू विश्वकर्मा पति अजय विश्वकर्मा उम्र 30 निवासी नगर पालिक निगम सिंगरौली वार्ड क्रमांक 13कों दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिषन की जानकारी हुई तब इन्होंने नगर पालिक निगम सिंगरौली में संपर्क किया, आजीविका मिशन में पदस्थ सिटी मिशन मैंनेजर द्वारा आजीविका मिशन के सभी घटकों की जानकारी इंदू विश्वकर्मा को दी गई। उसके बाद इंदू ने अपने मोहल्ले में दस महिलाओं से चर्चा करके आनंद प्रार्थना स्व सहायता समूह का गठन किया। इंदू एवं बाकी समूह की महिला समूह की बैठक एवं बचत करने लगी। इंदू के पति के पास कोई नियमित आय का स्त्रोत नहीं था, वो छोटा-मोटा काम करके अपना और अपने परिवार का जीवन यापन करते थे। जिससे घर की सभी जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही थी। इसलिए एक दिन इंदू ने सोचा कि मोहल्ले में कोई किराना दुकान नहीं है क्यों न मैं एक किराना दुकान खोलू लूँ और यही बात उन्होंने अपने पति से साझा की उनके पति ने दुकान खोलने की सहमति दे दी एवं उसके बाद इंदू ने निकाय में स्वरोजगार कार्यक्रम व्यक्तिगत ऋण का एक लाख का आवेदन जमा किया जिसकों निकाय द्वारा पूर्ण करके मध्यांचल ग्रामीण बैंक जयंत सिंगरौली में भेजा गया शाखा प्रबंधक द्वारा प्रकरण की जाँच करके फिर फील्ड विजिट कर ऋण आवेदन स्वीकृत कर 1.00 लाख की ऋण राशि वितरित की।
ऋण राशि प्राप्त होने के बाद इंदू मोहल्ले में किराना दुकान खोलकर उसका संचालन स्वयं करने लगी। इन्दु कों किराना दुकान के माध्यम से प्रतिमाह 15 से 20 हजार रूपये की आमदनी हो रही है, जिससे वो अपने पति एवं परिवार का अर्थिक रूप से सहयोग कर रही है। इंदू विश्वकर्मा द्वारा बताया गया कि आजीविका मिशन से जुड़कर उसके जीवन में बदलाव आ गया है। पहले वो परिवार पर आश्रित थी अब वो आत्मनिर्भर बन कर अपने परिवार की आर्थिक रूप से सहयोग कर रही है एवं इसके साथ-साथ वो सीआरपी के रूप में चयनित हो कर बाकी अपने मोहल्ले एवं शहर की अन्य गरीब महिलाओं को समूह से जुड़ने एवं आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित कर रही हैं। इंदू अपने कार्य से बहुत खुष है आजीविका मिषन और म.प्र. सरकार को बहुत-बहुत धन्यवाद ज्ञापित करती हैं।