हिंडालको महान ने 700 छात्रों की दी निःशुल्क पाठ्य पुस्तके साथ ही अध्यापन का कार्य कर रहे शिक्षकों को किया सम्मानित

हिंडालको महान ने 700 छात्रों की दी निःशुल्क पाठ्य पुस्तके साथ ही अध्यापन का कार्य कर रहे शिक्षकों को किया सम्मानित
1—- मोबाइल को शिक्षा के हथियार के लिए करे प्रयोग:-बिश्वनाथ मुखर्जी

सिंगरौली 14 जुलाई जहाँ ब्यास पुर्णिमा के अवसर पर गुरुओ को पूजने की परंपरा आज से नहीं बल्कि सदियो पुरानी रही है।यह दिन सभी पुराणों के रचायिता महर्षि वेदव्यास के जन्म दिवस के अवसर पर मनाया जा रहा है। महर्षि वेदव्यास ने वेदों को विभाजित किया है, जिसके कारण इनका नाम वेदव्यास पड़ा था। वेदब्यास जी के जन्म दिवस के अवसर पर हिंडालको महान ने निगमित सामाजिक दायित्व के तहत शिक्षा के प्रति खास जोर देते हुये विस्थापित कालोनी मझिगवां में पुस्तक वितरण व शिक्षकों का सम्मान समारोह कार्यक्रम आयोजित किया गया, निगमित सामाजिक दायित्व के तहत शिक्षा के लिये किये जा रहे प्रयासों से अच्छे परिणाम भी देखे गये हैं,जिसमे अशिक्षा का प्रतिशत व ड्राप आउट में गिरावट देखी गयी है ।हिंडालको महान के विस्थापित कालोनी मझिगवां में संचालित सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय में 700 से ज्यादा बच्चो को निशुल्क पाठ्यपुस्तको का वितरण किया गया,पुस्तक वितरण कार्यक्रम में हिंडालको महान के मानव संसाधन प्रमुख बिश्वनाथ मुखर्जी,सी.एस. आर.प्रमुख संजय सिंह व उनकी टीम द्वारा विद्यालय में अध्यापन का कार्य कर रहे शिक्षकों को सम्मानित किया । कार्यक्रम में अपने विचार रखते मानव संसाधन प्रमुख बिश्वनाथ मुखर्जी ने छात्रों को मोबाइल का प्रयोग मनोरंजन के रूप में न करके शिक्षा के लिये बेहतर हथियार के रूप प्रयोग करने की सलाह दी,साथ ही बच्चो को कहा कि आप में मुझे कल का भविष्य नज़र आ रहा है,हमे गर्व होगा कि आपमेसेकोईआई.ए.एस.आई.पी.एस.होगा, इसलिये अपने कैरियर के प्रति सदैव सचेत रहे। आपके बेहतर भविष्य के लिये हिंडालको महान द्वारा पूरा सहयोग करने का संकल्प दोहराया,वही सी.एस.आर.प्रमुख ने बिना गुरु के जीवन को अधूरा बताया व विद्यालय को और बेहतर सुविधाओ से सुसज्जित करने की बात कही, वही कार्यक्रम का सफल संचालन विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य गोपाल विश्वकर्मा ने किया ।वही कार्यक्रम में सफल संचालन में सी.एस.आर.विभाग से विजय वैश्य,धीरेन्द्र तिवारी,बीरेंद्र पाण्डेय,शीतल श्रीवास्तव,भोला बैश्य व प्रभाकर वैश्य का विशेष योगदान रहा।