महिला नसबंदी में कोविड-19 गाइड लाइन की उड़ी धज्जियां
जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर में नसबंदी के दौरान प्रबंधन की घोर लापरवाही आयी सामने, एक ही बेड पर लेटी थीं दो-दो महिलाएं
सिंगरौली 20 दिसम्बर। ओमिक्रान की तीसरी लहर आने की संभावना देख केन्द्र एवं प्रदेश सरकार ने पूरी तरह से एलर्ट जारी किया है। किन्तु जिला स्वास्थ्य महकमा कोविड-19 के गाइडलाइन को मजाक बना दिया है। ऐसा ही मामला आज सोमवार की दोपहर जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर में देखने को मिला। जहां महिला नसबंदी के दौरान दूर-दूर तक कोविड-19 के गाइड लाइन का पालन होता नहीं दिखा है। शायद चिकित्सक भी अब मान लिये हैं कि ओमिक्रॉन वायरस सिंगरौली में नहीं आयेगा।
दरअसल सोमवार को जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर में महिला नसबंदी की जा रही थी। इस दौरान आधा सैकड़ा से अधिक महिलाओं का टीटी ऑपरेशन हुआ। हैरानी की बात है कि इस ऑपरेशन के दौरान शायद चिकित्सक भूल गये कि समूचा विश्व इन दिनों ओमिक्रॉन कोरोना वायरस की तीसरी लहर से संघर्ष कर रहा है। आज सोमवार को जिला चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड क्र.7 में जो नजारा देखने को मिला उसे देख हर कोई चिंतन मंथन करने लगे कि कहीं यह कोरोना वायरस के खतरे की घण्टी तो नहीं है। आलम यह था कि नसबंदी कराने आयी महिलाओं के एक भी परिजन फेस मास्क नहीं लगाये थे। सबसे हैरानी की बात रही कि अस्पताल में आज कोविड-19 के गाइड लाइन व दिशा-निर्देश का दूर-दूर तक पालन नहीं किया गया। इतनी बड़ी लापरवाही चिकित्सकों ने क्यों की इस सवालों का जबाव भी देने में असमर्थता जताते हुए कई चिकित्सक मीडिया कर्मियों को देख इधर-उधर झांकने लगे। वहीं सीएमएचओ व प्रभारी सिविल सर्जन इस मामले में अनभिज्ञता जाहिर की। सीएमएचओ के अनुसार यदि चिकित्सकों ने लापरवाही की है तो पूछताछ की जायेगी। फिलहाल जिला चिकित्सालय में जब कोविड-19 के गाइड लाइन का पालन चिकित्सक नहीं करा पा रहे हैं तो ग्रामीण अंचलों में स्थिति क्या होगी। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है। बहरहाल इस मामले में कलेक्टर के साथ-साथ सीएमएचओ को भी संज्ञान में लेना चाहिए अन्यथा कभी भी कोरोना वायरस का बड़ा विस्फोट हो सकता है।
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एक बेड पर दो-दो महिलाएं
जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर में आज अव्यवस्था का आलम यह था कि नसबंदी कराने वाली महिलाओं को एक ही बेड पर दो-दो को लेटाया गया था। इतनी बड़ी अव्यवस्था से अस्पताल के मुखिया अंजान कैसे रहे? वहीं जिम्मेदार चिकित्सकों ने लापरवाही क्यों की? इस संबंध में महिलाओं के परिजनों ने कहा कि साहब ऑपरेशन हो जाय यही बहुत बड़ी बात है। बेड एवं वार्ड की कमी बताकर एक-एक बेड पर दो-दो महिलाओं को लेटाया गया है।
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ठण्ड से निपटने नहीं है पुख्ता इंतजाम
जिला अस्पताल सह ट्रामा सेंटर में जिले में पड़ रही कड़ाके की ठण्ड के बावजूद भी भर्ती मरीजों को ठण्ड से बचने के लिए गर्म कपड़े उपलब्ध नहीं कराये गये हैं। आलम यह है कि मरीज ठण्ड से बचने के लिए खुद अपने घरों से रजाई व कंबल मंगाकर प्रयोग कर रहे हैं। इतना ही नहीं जिला अस्पताल परिसर में ननि अमले के द्वारा आज तक अलाव की व्यवस्था नहीं की गयी है। जबकि शहर के अन्य भीड़-भाड़ वाले स्थानों चौक चौराहों, व बस स्टैण्ड में अलाव की व्यवस्था की गयी है। यहां पर नगर निगम प्रशासन पर ही लोगों ने सवाल खड़ा किया है कि जब अन्य जगहों पर अलाव की व्यवस्था की गयी है तो फिर जिला अस्पताल में क्यों नहीं?
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इनका कहना है
तत्संबंध में हमें कोई जानकारी नहीं है। यदि नसबंदी के दौरान ऐसी लापरवाही बरती गयी है तो निश्चित ही यह गलत है। कोविड-19 का पालन कराया जाना जरूरी है। मैं चिकित्सकों से इस संबंध में बात कर जानकारी लेता हूॅ।
डॉ.एनके जैन
सीएमएचओ,सिंगरौली