माड़ा में हुई दोहरी त्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा, घर का सदस्य ही निकला हत्यारा 

माड़ा में हुई दोहरी त्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा, घर का सदस्य ही निकला हत्यारा

 

कलयुगी भाई ने की थी भाई और मां की निर्मम हत्या, पत्नी से अवैध संबंध की शंका एवं जमीन विवाद बना हत्या का कारण

 

 

सिंगरौली पुलिस ने माड़ा क्षेत्र में हुई दोहरी हत्याकांड का आज खुलासा कर दिया। बताया जाता है कि आरोपी मृतकों का सगा भाई और बेटा ही था, जिसने इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया था। गौरतलब है कि विगत शुक्रवार को माड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम मूढ़ी में हुई दोहरे हत्याकांड से समूचे क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी। घटना की जानकारी लगते ही सिंगरौली पुलिस अधीक्षक समेत विभाग के अन्य आला अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंच गए थे। जहां मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक बीरेंद्र सिंह एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सोनकर के दिशा निर्देश व नगर पुलिस अधीक्षक देवेश पाठक, अनुविभागीय अधिकारी सिंगरौली राजीव पाठक, अनुविभागीय अधिकारी देवसर आशुतोष द्विवेदी के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी माड़ा निरीक्षक रावेंद्र द्विवेदी, थाना प्रभारी नवानगर निरीक्षक यूपी सिंह एवं थाना प्रभारी बरगवां निरीक्षक नागेंद्र प्रताप सिंह को दोहरी हत्याकांड के खुलासे का जिम्मा दिया गया था। जिनके द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा था और अंततः पुलिस ने आरोपी को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।

 

क्या था पूरा मामला

शुक्रवार सुबह फरियादी हरिचंद्र वियार पिता बालकरण वियार उम्र 36 वर्ष साकिन मूढ़ी ने माड़ा थाने में तहरीर दर्ज कराई कि उसका छोटा भाई रामरक्षा बियार एवं मां फुलऊ बियार को बीती रात किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा धारदार हथियार से सिर व गर्दन पर गंभीर चोटें पहुंचाई गई है जिस कारण उनकी मौत हो गई है। सूचना पर थाना माड़ा ने अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध धारा 302 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर लिया था एवं इस सनसनीखेज मामले के बाद आरोपियों की धरपकड़ के लिए स्वयं पुलिस अधीक्षक बीरेंद्र सिंह, एसडीओपी राजीव पाठक समेत अन्य आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए थे। जहां एफएसएल टीम एवं डॉग स्क्वाड की मदद से आरोपियों की तलाश की जाने लगी। तफ्तीश के दौरान पुलिस ने ग्रामीण जनों एवं मुखवीरों से अज्ञात आरोपी की पतासाजी के अथक प्रयास किए। संदेह के आधार पर आरोपी लालचंद से लगातार पूछताछ की जाती रही और वह अपने ही बयानों में उलझता चला गया। जिसके बाद शक की सुई उसके ऊपर गहराती चली गई। अतः कड़ाई से पूछताछ के दौरान आरोपी लालचंद बियार ने अपना जुर्म कबूल कर लिया और उसने बताया की हत्या की वजह अपनी पत्नी का मृतक भाई के साथ अवैध संबंध होने की शंका एवं जमीन जायदाद में कम हिस्सा मिलने के कारण उसने इस हत्याकांड को अंजाम दिया था। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी व रक्तरंजित कपड़े भी बरामद कर लिए हैं एवं आरोपी को पुलिस अभिरक्षा में न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।

 

मां भी आई हत्यारे के जद में बताया जाता है कि हत्या की रात आरोपी लालचंद बियार केवल अपने भाई को मारना चाहता था। परंतु उस कमरे में मृतक रामरक्षा बियार एवं उसकी मां फुलऊ बियार दोनों अलग-अलग बिस्तर पर सो रहे थे। जो आरोपी ने अपने भाई की कुल्हाड़ी से हत्या की तो उसकी मां फुलऊ बियार जाग गई। अपने भाई की हत्या का राज उजागर हो जाने के डर से कलयुगी बेटे ने मां की भी कुल्हाड़ी से मारकर निर्मम हत्या कर दी।

 

2 दिनों में 2 बड़े खुलासे से पुलिस ने ली राहत की सांस

माड़ा में एक के बाद एक हत्याओं ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी थी। पुलिस के लिए आरोपियों को पकड़ना चुनौती साबित हो रहा था। ऐसे में एसडीओपी राजीव पाठक, निरीक्षक यू पी सिंह, निरीक्षक नागेंद्र प्रताप सिंह एवं माड़ा निरीक्षक रावेंद्र द्विवेदी क्षेत्र में ही डेरा डालकर आरोपियों की धरपकड़ में जुटे रहे। पुलिस का यह प्रयास ही था जिस कारण इन आंधी हत्याओं का खुलासा हो सका। बीते 24 घंटों में पुलिस ने दो बड़े हत्याओं का खुलासा किया। पहले धरी में हुई अंधी हत्या के खुलासे के बाद आज पुलिस ने दोहरी हत्याकांड का खुलासा कर आरोपी को सलाखों के पीछे पहुंचाया है।

 

इनकी रही उल्लेखनीय भूमिका अंधी हत्या के खुलासे में नगर पुलिस अधीक्षक देवेश पाठक, एसडीओपी सिंगरौली राजीव पाठक, एसडीओपी देवसर आशुतोष द्विवेदी, थाना प्रभारी माड़ा निरीक्षक रावेंद्र द्विवेदी, थाना प्रभारी नवानगर निरीक्षक यूपी सिंह, थाना प्रभारी बरगवां निरीक्षक नागेंद्र प्रताप सिंह, उपनिरीक्षक सूरज सिंह, उपनिरीक्षक अमन वर्मा, सहायक उपनिरीक्षक राजेश सिंह परिहार, प्रधान आरक्षक रमेश प्रसाद, गुलाब प्रसाद, देवेंद्र पांडे, आरक्षक आलोक चतुर्वेदी, अनीश सिंह, अजीत सिंह परिहार, धीरेंद्र कुमार पटेल, अशोक यादव, अजय यादव, राहुल साहू, राहुल सिंह, बलिराम सिंह, कौशलेंद्र सिंह के साथ एफएसएल टीम व डॉग सकॉर्ट की सराहनीय भूमिका रही।