महावीर कोल वॉशरी के भयंकर प्रदूषण के चलते पलायन को मजबूर हुये नौढ़िया के रहवासी
सिंगरौली 7 सितम्बर। गोरबी के नौढ़िया में स्थापित महावीर कोल वॉशरी द्वारा पर्यावरण को इस कदर प्रदूषित किया जा रहा है कि यहां के रहवासी पलायन को मजबूर हो गये हैं। प्लांट के लिए कोल परिवहन कर रहे वाहनों की आवाजाही से कोल डस्ट पूरे क्षेत्र को प्रदूषित करा है। स्थिति इतनी भयावह हो गयी है कि नौढ़िया से लेकर आसपास क्षेत्रों में प्रदूषण का ग्राफ मानक को क्रास कर गया है। यहां के निवासियों का कहना है कि महदेइया कोलयार्ड से लेकर वॉशरी तक कोल डस्ट के गुबार से आमलोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। यही नहीं महावीर कोल वॉशरी द्वारा यहां के जलश्रोतों को भी पूरी तरह से नष्ट किया जा रहा है। नियम कानूनो को दरकिनार कर महावीर कोल वॉशरी द्वारा आसपास के रहवासियों की जमीनों में कोल का मलबा जमा किया जा रहा है। जिससे खेती भी पूरी तरह चौपट हो गयी है। महावीर कोल वॉशरी प्रबंधन द्वारा प्लांट के खतरनाक रसायन के साथ कोल डस्ट और गंदा पानी बिजुल नदी में छोड़ा जा रहा है। आस-पास के जलाशय पूरी तरह प्रदूषित हो गये हैं। प्रदूषित पानी का सेवन करने से आमलोग गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। नियमों का खुला उल्लंघन करने के बावजूद भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हाथ पर हाथ धरे बैठा है जिससे महावीर कोल वॉशरी के अधिकारियों के हौसले और बढ़ रहे हैं। विगत दिनों शिकायत के बाद जिला कलेक्टर राजीव रंजन मीना द्वारा मामले की जांच के लिए टीम को गठित किया गया था जिसमें कहा गया था कि यदि प्रदूषण बोर्ड की भूमिका उक्त मामले में संदिग्ध पायी जाती है तो उनके ऊपर भी कार्यवाही की जायेगी। कलेक्टर द्वारा महावीर कोल वॉशरी के अधिकारियों को सख्त हिदायत भी दी गयी थी कि इस तरह से फैलाये जा रहे प्रदूषण पर लगाम लगाये लेकिन प्रबंधन की मानमानी का आलम यह है कि अब तक प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में कोई ठोस उपाय नहीं अपनाये गये हैं।
16
कोल इंडिया, सीएसआर के तहत राष्ट्रीय खेल विकास कोष को देगी 75 करोड़ ग्वालियर, भोपाल व बैंगलुरु में खिलाडिय़ों के लिए बनेगे तीन छात्रावास
सिंगरौली 7 सितम्बर। कोल इंडिया, सीएसआर के तहत राष्ट्रीय खेल विकास कोष को देगी 75 करोड़ ग्वालियर, भोपाल व बैंगलुरु में खिलाडिय़ों के लिए बनेगे तीन छात्रावास नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड(एनसीएल) की होल्डिंग कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने मंगलवार को युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, भारत सरकार के खेल विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जिससे देश में खेल के बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी | इस एमओयू के तहत, कोल इंडिया, सीएसआर के तहत राष्ट्रीय खेल विकास कोष (एनएसडीएफ़) में *75 करोड़* रुपये का योगदान देगी जिससे खिलाड़ियों के लिए तीन बड़े छात्रावासों के निर्माण किया जाएगा ।इस पहल को, ओलंपिक और पैराओलंपिक में हाल की सफलता से प्रेरित होकर आगे और भी बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है | समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर कार्यक्रम के दौरान माननीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री, भारत सरकार श्री अनुराग सिंह ठाकुर तथा माननीय युवा कार्यक्रम और खेल राज्य मंत्री, भारत सरकार श्री निसिथ प्रमाणिक उपस्थिति रहे । इस अवसर पर डॉ. अनिल कुमार जैन, सचिव (कोयला), भारत सरकार, श्री रवि मित्तल, सचिव (खेल),भारत सरकार, श्री प्रमोद अग्रवाल, अध्यक्ष, सीआईएल और श्री अतुल सिंह, संयुक्त सचिव (खेल-विकास), भारत सरकार उपस्थित रहे | समझौता ज्ञापन पर सीआईएल की ओर से श्री विनय रंजन, निदेशक (कार्मिक और औद्योगिक संबंध) तथा युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय की ओर से निदेशक (खेल) और सदस्य सचिव, एनएसडीएफ श्री विजय कुमार ने हस्ताक्षर किए | कुल 350 खिलाड़ियों की क्षमता वाले इन तीन छात्रावासों का निर्माण *लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान (एलएनआईपीई), ग्वालियर और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के भोपाल और बेंगलुरु स्थित केन्द्रों* में किया जाएगा। यहाँ पर प्रतिभाशाली एथलीटों को प्रशिक्षण के अनुकूल पारिस्थितियां व राष्ट्रीय स्तर के कोच उपलब्ध कराये जाएँगे जिससे खिलाड़ी सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे । यह परियोजना 2023 तक पूरी हो जाएगी जिसके लिए सीआईएल ने 25 करोड़ की धनराशि जारी कर दी है | सीआईएल का यह विशेष प्रयास भारत सरकार की *”खेलो इंडिया”* योजना के तहत निर्धारित किए गए उद्देश्य को भी पूरा करने में मदद करेगा ।
गौरतलब है कि कोल इंडिया सामुदायिक विकास के कार्यों पर सालाना *500 करोड़* रुपये खर्च करती है । कोल इंडिया और उसकी सहायक कंपनियों ने अपने परिचालन क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा देने के तहत अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाएं शुरू की हैं जिनमें झारखंड के आदिवासी युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए 10 करोड़ की लागत से रांची में आवासीय खेल एकेडमी का संचालन, 25 करोड़ रुपये की लागत से संबलपुर, उड़ीसा में एक बहुउद्देश्यीय खेल परिसर का निर्माण, 23 करोड़ की लागत से झारसुगुडा, उड़ीसा में एक 10,000 क्षमता वाले स्टेडियम का निर्माण एवं न्क्ल जयंत में आवासीय एथलेटिक एकेडमी इत्यादि प्रमुख हैं ।