लोगों कि जिंदगी में एनसीएल घोल रहा जहर वायु प्रदूषण के बाद अब खदानों से निकलता पानी भी बना मुसीबत
सिंगरौली एवं सोनभद्र जिले में स्थापित एनसीएल की खदानों से निकलता कोयला पूरे देश में ऊर्जा प्रदान करने के काम में आता है। ऐसे में देश के विकास के लिए अहम योगदान देने वाली कोल इंडिया की अग्रणी कंपनी एनसीएल का दायित्व यहाँ के लोगों के विकास के लिए बढ़ जाता है। परंतु एनसीएल के अधिकारी नियमों को ताक पर रखकर यहां के लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने में लगे हैं। वायु प्रदूषण के साथ अब एनसीएल प्रबंधन के अधिकारियों ने खदान से निकलने वाले काला पानी को सीधे शहर के नदी नालों में उतार दिया है। गौरतलब है कि जयन्त खदान का पानी अब मोरवा शहर में छोड़ा जा रहा है, जिससे लोगों की सेहत पर गंभीर असर होने की संभावना जताई जा रही है। पूर्व में यह पानी मुड़वानी में छोड़ा जाता था, जिसे अब पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जा रहा है। यही कारण है कि नियमों की अनदेखी कर खदान से निकलने वाला पानी का रुख अब मोरवा शहर की तरफ कर दिया गया है। प्रतिदिन हजारों लीटर पानी मोटर पंप के सहारे ग्राम मढौली में छोड़ दिया जाता है। जो मढौली नाले से होते हुए छठ घाट, शुक्ला मोड़, मोरवा बस्ती के रास्ते बिजुल नदी में जाकर मिल रहा है। इसी बिजुल नदी से मोरवा के लोगों को पानी सप्लाई किया जाता है।
*गंदे पानी से होती है असाध्य बीमारियां*
खदानों से निकलते कोयले युक्त काले पानी में कई प्रकार के रसायनों के कारण कई प्रकार की बीमारियां होती हैं। दूषित पानी के सेवन से गैस, कब्ज, पीलिया, अपच, लिवर में सूजन की समस्या शुरू हो जाती है।
क्रोमियम, आर्सेनिक गुर्दा, हृदय, लिवर कैंसर की वजह बन सकता है। यहां तक कि हार्ट अटैक हो सकता है। पानी में फ्लोराइड की अधिकता से दांत-जोड़ कमजोर होते हैं। सिंगरौली एवं सोनभद्र में दूषित पानी की वजह से कई लोग इससे प्रभावित भी हैं।
*एनसीएल के कृत पर विधायक समेत स्थानीय लोगों ने जताई चिंता*
एनसीएल द्वारा लापरवाह रवैया अपनाए जाने को लेकर स्थानीय लोगों ने चिंता व्यक्त की है। स्थानीय व्यापारी दीना बंसल ने बताया कि यह एनसीएल प्रबंधन की तानाशाही है जिसके विरूद्ध जनप्रतिनिधि भी नहीं आ रहे हैं। मोरवा के सभी वार्डों में यही दूषित पानी लोग पीने को मजबूर हो रहे हैं। हालांकि इसे लेकर विपक्षी दल ने भी कड़ा विरोध किया है। स्थानीय कांग्रेसी नेता शेखर सिंह ने बताया कि एनसीएल प्रबंधन लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहा है। खदान का पानी जिन स्रोतों से होकर बिजुल में मिल रहा है, वहां घनी आबादी रहती है जो इसी पानी को पीने के लिए मजबूर है। उनके मुताबिक डॉक्टरों ने भी बताया है कि इस प्रकार के पानी पीने से कई प्रकार के असाध्य रोग पैदा होते हैं। उन्होंने एनसीएल प्रबंधन को चेताते हुए बताया कि यदि जल्द ही खदान का पानी शहर में छोड़ना बंद नहीं किया गया तो कांग्रेस पार्टी इसका पुरजोर विरोध करते हुए सड़क पर उतरेगी।
हालांकि इस मुद्दे को लेकर अब स्थानीय विधायक ने भी मोर्चा खोल दिया है। सिंगरौली विधायक रामलल्लू वैश्य ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इस बावत जिला प्रशासन को अवगत कराने की बात कही है। उन्होंने कहा कि एनसीएल प्रबंधन लापरवाह रवैया अपनाते हुए खदान का पानी पहाड़ के ऊपर मोरवा में छोड़ रहा है जो बिजुल में मिल रहा है। इससे कई ग्राम भी प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को भी इस बाबत विरोध करने के लिए आगे आना चाहिए।