कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने दूधीचुआ में किया साइलो का शिलान्यास,निगाही में डंपर को दिखाई हरी झंडी

कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने दूधीचुआ में किया साइलो का शिलान्यास,निगाही में डंपर को दिखाई हरी झंडी

केंद्रीय कोयला, खान एवम संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने मंगलवार को सिंगरौली, मध्य प्रदेश स्थित नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड का दौरा किया। मंत्री महोदय ने एनसीएल प्रबंधन के साथ कोयला उत्पादन एवम प्रेषण पर एक विस्तृत समीक्षा बैठक की और देश के बिजली संयंत्रों को निर्बाध कोयला आपूर्ति हेतु एनसीएल द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की ।

*निगाही खदान का किया निरीक्षण*
मंगलवार को निगाही क्षेत्र के निरीक्षण के दौरान केंद्रीय कोयला, खान एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने निगाही व्यू पॉइंट का दौरा कर खदान का अवलोकन किया। निगाही परियोजना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ खदान संचालन के बारे में चर्चा कर उत्पादन और प्रेषण में तेजी लाने के निर्देश दिए। इस दौरान मंत्री महोदय ने परियोजना के सर्वश्रेष्ठ कामगारों को सम्मानित किया और खदान में तैनात खनिकों की टीम को उत्पादन और प्रेषण में बढ़ोत्तरी के लिए प्रेरित किया ।

*मेक इन इंडिया के तहत तैयार डंपर को दिखाई हरी झंडी*
माननीय मंत्री ने निगाही परियोजना में मेक इन इंडिया के तहत तैयार 190 टन के स्वदेशी इलेक्ट्रिक डंपर को हरी झंडी दिखाई। इसी क्रम में उन्होंने पौधारोपण कर खदानों के चारों ओर हरित आवरण को बढ़ाने का संदेश दिया और टीम एनसीएल को दीर्घकालिक खनन गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित किया।

*जयंत में देखा गंगा ड्रैगलाइन व सरफ़ेस माइनर का संचालन*
अल्प प्रवास पर पहुँचे मंत्री जी ने जयंत ओसीपी का दौरा किया, जो एनसीएल की सबसे बड़ी कोयला खदान में से एक है। सर्वप्रथम उन्होंने जयंत व्यू पॉइंट का दौरा कर खदान का अवलोकन किया। तत्पश्चात खदान में संचालित गंगा ड्रैगलाइन व सरफ़ेस माइनर का संचालन देखा तथा कोल फ़ेस का निरीक्षण किया। निरीक्षण के उपरांत मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी ने जयंत क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारियों को उत्पादन व प्रेषण के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

*दूधीचुआ रेलवे साइडिंग का किया निरीक्षण, साइलो का किया उद्घाटन*
निरीक्षण के इसी क्रम में मंत्री महोदय ने दूधिचुआ रेलवे साइडिंग का निरीक्षण किया। इसी क्रम में दूधिचुआ परियोजना में फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी(एफएमसी) के तहत 10 मिलियन टन वार्षिक क्षमता के नए साइलो की आधारशिला भी रखी l