सीएचओ ने एक साथ दो जिम्मेदारियों को संभालने से किया इंकार दर्जन भर सीएचओ कार्यकर्ताओं ने सीएमएचओ दफ्तर पहुंच सुनाई अपनी पीड़ा 

सीएचओ ने एक साथ दो जिम्मेदारियों को संभालने से किया इंकार दर्जन भर सीएचओ कार्यकर्ताओं ने सीएमएचओ दफ्तर पहुंच सुनाई अपनी पीड़ा

सिंगरौली 13 सितम्बर। ग्रामीण क्षेत्रों के उप स्वास्थ्य केन्द्रों में कार्यरत दर्जनों की संख्या में सीएचओ यानी कम्यूनिटी हेल्थ आफीसर आज मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दफ्तर पहुंच एक साथ दो जिम्मेदारियों को संभालने से इंकार कर दिया है और कहा कि इस परिस्थिति में केवल एक ही कार्य किया जा सकता है। सीएचओ ने आक्रोश जताते हुए अधिकारियों की मनमानी पर तीखा हमला बोला है।
दरअसल ग्रामीण क्षेत्रों के उप स्वास्थ्य केन्द्रों में तैनात सीएचओ को इन दिनों सबसे ज्यादा कोविड-19 के वैक्सीनेशन को शत-प्रतिशत लगाने का लक्ष्य दिया गया है। जहां इनके द्वारा लोगों का वैक्सीनेशन भी जोर-शोर से किया जा रहा है। ताकि निर्धारित उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन का पहला डोज लग सके। तो वहीं गत दिवस बीएमओ ने एक पत्र जारी किया कि वैक्सीनेशन के साथ-साथ कम्युनिटी हेल्थ आफीसर एएनएम का भी जिम्मेदारी संभाले और बच्चों व शिशुओं तथा गर्भवती महिलाओं को लगने वाले टीकाकरण भी करें। इसी आदेश से कम्युनिटी हेल्थ आफीसर के कर्मचारी आज दर्जनभर की संख्या में सीएमएचओ दफ्तर पहुंचकर अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा कि एक ही व्यक्ति एक साथ अलग-अलग दो जगहों में ड्यूटी नहीं कर सकता। उनका कहना है कि मूल दायित्वों से हटाकर वैक्सीनेटर कार्य के लिए आदेश निकाले जा रहे हैं। जबकि वेरीफायर की ड्यूटी लगातार सभी सीएचओ द्वारा किया जा रहा है। उनका यह भी आरोप है कि वरिष्ठ अधिकारियों की अनदेखी करते हुए हम लोगों की ड्यूटी बार-बार वैक्सीनेटर के रूप में लगाना न्यायोचित नहीं लगता। इस प्रकार के आदेशों से सभी सीएचओ मानसिक, शारीरिक, एवं आर्थिक रूप से प्रताडि़त महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थिति में हम लोग ड्यूटी करने के लिए तैयार हैं। बशर्तें उस दिन संबंधित उप स्वास्थ्य केन्द्र में एएनएम व एमपीडब्ल्यू, सुपरवाईजर या एमएलएचपी अनुपस्थित हों। उनका यह भी कहना है कि हम लोगों की ड्यूटी केवल वेरीफायर के रूप में अपने स्वास्थ्य केन्द्र में ही लगाया जाय तथा इस दौरान एचडब्ल्यूसी के कार्य प्रभावित होने पर हम लोगों को प्रोत्साहन राशि का संपूर्ण भुगतान किया जाय। सीएचओ ने सीएमएचओ के साथ-साथ कलेक्टर के यहां भी अपनी फरियाद की है। सबसे ज्यादा सीएचओ बैढऩ ब्लाक के साथ साधना सिंह करौंटी, प्रियंका सिंह चौरा, सना परवीन ढोंटी, रीता कुशवाहा परसौना एवं परवतिया नौगढ़ सहित चितरंगी, देवसर से पहुंचे हुए थे। जहां कलेक्टर से मिलकर समस्याओं को अवगत कराया। सीएचओ के अनुसार कलेक्टर ने आश्वस्त किया है कि सीएमएचओ से बात कर समस्याओं का निदान हरहाल में किया जायेगा।
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स्वास्थ्य केन्द्रों में पानी तक नहीं होता नसीब
कम्युनिटी हेल्थ आफीसरों का आरोप है कि उप स्वास्थ्य केन्द्रों में एक नहीं दर्जनभर समस्याओं का अंबार है। कई ऐसे उप स्वास्थ्य केन्द्र हैं जहां टेबल तक नहीं है। गंदगी होने का कारण खुद झाडू लगाना पड़ता है। स्वच्छ पानी तक नसीब नहीं होता। शहरी क्षेत्र में तैनात सीएचओ को हर तरह की सुविधाएं मुहैया करायी जाती हैं, लेकिन हम लोगों को लंच पैकेट तक भी नसीब नहीं होता। हम लोगों की समस्याओं को कोई सुनने व देखने वाला नहीं है। समस्याओं से अवगत कराने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी मुह मोड़ लेते हैं। उनका यह भी कहना है कि वहां पर टायलेट की सुविधा नहीं होती है। जिससे हम महिलाओं को खुले स्थानों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
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अब हम लोगों का समाप्त कर दें अनुबंध
कम्युनिटी हेल्थ आफीसरों ने जिम्मेदार अधिकारियों की मनमानी रवैये से त्रस्त होकर वेदना भरी लहजे से कहा है कि यदि एक साथ दो जिम्मेदारियां सौंपी जायेंगी तो इससे बेहतर है कि हम लोगों का जो दो साल के लिए अनुबंध किया गया है उसे समाप्त कर दें, हम लोग इस स्थिति व परिस्थिति में कार्य नहीं कर सकते। बीएमओ द्वारा केवल मानसिक व आर्थिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है।
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