पांच के बदले ढाई फीट होंगी देवी-देवताओं की मूर्ति,पशोपेश में मूर्तिकार बुधवार को जिला प्रशासन ने मूर्तिकारों की बैठक लेकर दिया निर्देश, गणेश की प्रतिमाओं को बनाने वाले मूर्तिकार कलाकारों को उठाना पड़ेगा नुकसान

पांच के बदले ढाई फीट होंगी देवी-देवताओं की मूर्ति,पशोपेश में मूर्तिकार
बुधवार को जिला प्रशासन ने मूर्तिकारों की बैठक लेकर दिया निर्देश, गणेश की प्रतिमाओं को बनाने वाले मूर्तिकार कलाकारों को उठाना पड़ेगा नुकसान

सिंगरौली 2 सितम्बर। जिला प्रशासन के अचानक फरमान जारी कर दिये जाने से मूर्तिकार कलाकारों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। जिला प्रशासन के आदेश में अचानक किये गये फेरबदल से मूर्तिकारों को अब भारी आर्थिक क्षति भी उठानी पड़ेगी। इस बात को लेकर मूर्तिकार काफी पशोपेश में हैं। तो वहीं उनकी मुश्किलें भी दोगुनी हो गयी हैं।
गौरतलब हो कि 10 सितम्बर से गणेश उत्सव शुरू होगा। जहां मूर्तिकार भी जोर शोर से मूर्तियों को सजाने व संवारने में जुटे हुए थे। मूर्तिकारों को जिला प्रशासन ने पूर्व में निर्देश दिया था कि प्रतिमाओं की अधिकतम हाईट 5 फीट रख सकते हैं, किन्तु बुधवार को जिला प्रशासन व नगर निगम ने मूर्तिकारों की एक बैठक बुलाकर निर्देश दिये गये कि अब प्रतिमाओं की अधिकतम हाईट ढाई फीट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। प्रशासन के उक्त निर्देश को सुनते ही मूर्ति कलाकारों की बेचैनी बढऩे लगी है। बैठक में आपत्ति दर्ज कराया कि कई श्रद्धालुओं ने पहले से ही 5 फीट ऊंचाई मूर्ति बनाने के लिए आर्डर दे चुके हैं और कई प्रतिमाओं का निर्माण भी किया जा चुका है। ऐसे में अब तरह-तरह की समस्याओं से जूझना पड़ेगा। मूर्तिकारों ने अपनी समस्याओं को प्रशासन के समक्ष रख दिया, लेकिन उनकी समस्या को किसी ने नहीं सुना। ऐसे हालात में इस कोरोना काल में आर्थिक संकट से जूझ रहे मूर्तिकारों के सामने अब और समस्या सामने आ खड़ी हो गयी है। उनका कहना है कि हम लोगों ने जो पूर्व में 5 फीट हाईट प्रतिमाओं के लिए जो आर्डर लिया था अब उसे निरस्त करें या फिर प्रतिमाओं को तोड़कर दोबारा बनायें। समय भी कम बचा है। जिनकी एडवांस बुकिंग हुई है उनमें से करीब 80 प्रतिशत प्रतिमाओं का निर्माण भी कर दिया गया है। अब केवल रंग रोगन, साज सज्जा करना शेष रह गया है। ऐसी स्थिति में कोरोना के बाद अब प्रशासन के अचानक जारी आदेश से आर्थिक तंगी सामने आयेगी।
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मूर्तिकारों में बढऩे लगी नाराजगी
जिला प्रशासन के नये निर्देश के बाद मूर्तिकारों के साथ-साथ मूर्ति खरीदने वाले लोगों में भारी असंतोष पनपने लगा है। उनका आरोप है कि जिला प्रशासन ने जो निर्देश जारी किया है वह निर्देश करीब एक से डेढ़ महीने पहले दिया जाना चाहिए था, ताकि जिला प्रशासन के निर्देशों का पालन करते हुए मूर्तियों के बनाने का कार्य किया जाता। लेकिन कल अचानक से जिला प्रशासन के पूर्व निर्देशों के परिवर्तन से मूर्तिकारों के साथ-साथ मूर्ति खरीददारों के लिए समस्याओं भरा है। वैसे भी पिछले दो सीजन से कोरोना के कारण हम लोगों की मूर्तियों की बिक्री पहले की अपेक्षा में काफी कम हो गयी है। पहले हम लोग दो से ढाई सौ तक मूर्तियों का निर्माण सीजन में करते थे। लेकिन अब स्थिति यह है कि 100 मूर्तियां भी नहीं बनायी जा रही हैं। जिससे हम लोगों को काफी नुकसान हो रहा है।
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महंगाई चरम पर,मटेरियल के दाम में दोगुना बढ़ोत्तरी
जिला प्रशासन के निर्देश से सबसे ज्यादा समस्या मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकारों को रही है। क्योंकि मूर्तिकारों ने लोगों से एडवांस में पैसे लेते हुए उनकी मांग पर 5 फीट तक की मूर्ति तैयार की गयी है। लेकिन जिला प्रशासन के निर्देश के बाद मूर्तिकार परेशान हैं कि 5 फीट तक की बनी मूर्तियों का हम करेंगे तो करेंगे क्या? क्योंकि जिला प्रशासन के निर्देश के बाद लोग ढाई फीट से ज्यादा बड़ी मूर्तियों को खरीदेंगे ही नहीं जिससे हम मूर्तिकारों को एक बड़ा नुकसान होगा। क्योंकि महंगाई के कारण मूर्ति बनाने में लगने वाली सामग्रियां भी औने पौने दाम में खरीदी गयी है। जिससे अब हम लोगों को मूर्ति बनाने का मेहनताना तक नहंी मिल पायेगा। जिससे स्थिति यह होगी की हम मूर्तिकारों के साथ-साथ हमारे बाल बच्चे भी पैसे के अभाव में सड़क पर आ जायेंगे। दो वक्त की रोटी भी ऐसी स्थिति में मिलना मुश्किल हो जायेगा।