जांच ठंडे बस्ते में,मामला गेंहू उर्पाजन का रिजेक्ट गेंहू को लीपापोती करने में जुटा है संविदा सर्वेयर
सिंगरौली 13 जून। जिले में रबी सीजन वर्ष 2021-22 के गेंहू उर्पाजन में की गई व्यापक अनियमितता का मामला धीरे-धीरे ठंडा पड़ता जा रहा है। कलेक्टर के निर्देश पर गठित जांच टीम भी पांच दिन बाद भी गोदामों का निरीक्षण करने नही पहुंच पायी है। रिजेक्ट गेंहू को अपग्रेडेशन कराने का पर्दे के पीछे व्यापक खेल चल रहा है। जिसमें गोदामों में अस्थायी रुप से नियुक्ति सर्वेयरों की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है। वहीं यह भी चर्चा है कि जांच ठंडे बस्तें में डाल दिया गया है।
गौरतलब हो कि जिले में समर्थन मूल्य के तहत 52 खरीदी केन्द्रो पर करीब चार लाख पैंतीस हजार तीन सौ चौरानवे क्विं टल गेंहू की खरीदी की गई थी। गेंहू की इस खरीदी में व्यापक पैमाने पर अनियमितता किए जाने का सनसनी खेज मामला प्रकाश में आने पर विभाग में हड़कम्प मच गया था। करीब 19 हजार क्वि ंटल गेंहू को संविदा सर्वेयरों ने एक सोची समझी रणनीति के तहत लाखो-करोड़ो रुपए न्यारा वारा करने के उद्देश्य से सड़ा गला घूना समेत अन्य खामियां दिखाकर रिजेक्ट कर दिया था। वहीं सबसे बड़ी अनियमितता यह भी कई गई कि गेंहू रिजेक्ट करने के करीब 10 से लेकर 20 दिनों बाद 31 मई को रिजेक्ट करते हुए पोर्टल पर दर्ज करा दिए गए। जबकि गेंहू उर्पाजन के संबंध में दिशा निर्देश है कि यदि किसी कारणवश खरीदी केन्द्रो में गेंहू निरस्त किया जाता है तो 48 घंटे के अंदर खरीदी केन्द्रो के समितियों के माध्यम से पोर्टल पर दर्ज करा देना है किंतु जिले के खरीदी केन्द्रो में अस्थायी नियुक्त कई सर्वेयर शासन के दिशा निर्देश पर भारी पड़ गए। जब मामला काफी तूल पकड़ा तो कलेक्टर ने उप पंजीयक सहकारिता पीके मिश्रा को जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया। करीब पांच दिन पूर्व उप पंजीयक सहकारिता पीके मिश्रा ने एक टीम गठित किया। जिसमें स्वयं नेतृत्व कर रहे थे। टीम में नागरिक आपूर्ति प्रबंधक ,जिला खाद्य अधिकारी व नोडल अधिकारी,सीसीबी बैंक बैढऩ को शामिल किया और तीन दिन के अंदर जांच करने का भरोसा दिया। इस दौरान जानकारी मिलने लगी की समितियां रिजेक्ट गेंहू को अपग्रडेशन कर टीसी जारी करने लगी। सर्वेयरों ने भी हरी झंडी दे दिया। करीब 7 हजार क्विंटल अभी भी रिजेक्ट गेंहू का अपग्रेडशन शेष है। वहीं यह भी सवाल उठ रहा है कि 19 हजार क्वि ंटल गेंहू रिजेक्ट कर दिया गया तो इसका भंडारण कहां कराया गया। इस सवाल का जवाब कहीं से नही मिल रहा है। फिलहाल सूत्र बता रहें कि उक्त मामले में लीपापोती कर जांच को ठंडे बस्तें में डालने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। वेयर हाऊस गोदाम से लेकर नान के सर्वेयर की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है।
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रिजेक्ट गेंहू भंडारण कहां है?
19 हजार क्विंटल रिजेक्ट गेहूं का भंडारण वेयर हाऊस के कर्मचारियों ने कहां कराया है इसका जवाब किसी के पास नही है। वेयर हाऊस के प्रबंधक ने जहां मीडियाकर्मियों से बात करने से परहेज कर नान नूकर व बहाने बाजी कर रहें हैं तो वहीं वेयरहाऊस का अन्य अमला चूप है। सर्वेयर भी मीडियाकर्मियों को देख दुपक जा रहे हैं। इतनी भारी मात्रा में गेंहू कहां छुपा दिया गया है। गेंहू को रिजेक्ट करने के पीछे मंशा अब धीरे-धीरे जग जाहिर होने लगी है। इसके आड़ में बेजा कमाई करने का एक नायाब तरीका है और यह तौर तरीका आज से नही कई सालो से अपनाया गया है। जहां अन्नदाताओं को रिजेक्ट गेंहू बताकर औने-पौने कीमत में सौदेबाजी कर कमीशन खोरी करते थे लेकिन इस बार गोदाम के कई कर्मचारियों व सर्वेयरों की कार्यगुजारियों का पर्दाफांस हो गया है।
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इनका कहना है
समितियों से गेंहू उर्पाजन व रिजेक्ट के संबंध में दस्तावेज एकत्रित कराए जा रहे हैं। कहां चुक की गई है इस बात की जानकारी ली जा रही है। संभवत: कल सोमवार को जांच टीम के साथ गोदामों का निरीक्षण करने जाऊंगा।
पीके मिश्रा
उप पंजीयक सहकारिता विभाग सिंगरौली