सिंगरौली जिले में बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि से लोगों की बढ़ी मुश्किलें बिजली गिरने से एक युवक की हुई मौत
जिले में हुई बारिश एवं ओलावृष्टि को लेकर कुछ देर तक के लिए लोगों की थम गयी थी सांसे, खेत तालाब में भरा पानी,एक युवक की गयी जान,छ: घण्टे से अधिक समय तक कई इलाके ब्लैक आउट
सिंगरौली 7 मई। शुक्रवार की अपरान्ह करीब 3 बजे समूचे ऊर्जाधानी में इस तरह अपना बिकराल रूप दिखाया कि बैढऩ क्षेत्र में कुछ देर तक के लिए लोगों की सांसे थम सी गयी थी। करीब एक घण्टे से अधिक समय तक तूफान का बवाल मचा रहा। तो वहीं बारिश व ओलावृष्टि हैरान कर देने वाला था। जिसने देखा सभी किसी बड़े अनहोनी होने का अनुमान लगाने लगे।
जिले में आज फिर से रूठे इन्द्रदेवता ने अपना बिकराल रूप दिखाया है। तूफान के साथ मूसलाधार बारिश का जो क्रम शुरू हुआ वह सबको हैरान, परेशान कर देने वाला था। शायद इस तरह की बारिश व तूफान का असर वर्षों पूर्व दिखा होगा लेकिन इधर दो दशक से मई महीने के प्रथम सप्ताह में प्रकृति का ताण्डव नहीं दिखा था। बैढऩ इलाके में शुक्रवार की अपरान्ह 3 बजे से जो क्रम शुरू हुआ करीब 4.15 बजे तक ताण्डव जारी था। तेज मूसलाधार बारिश एवं तूफान के साथ जमकर ओले भी गिरे। कसर समेत मोरवा इलाके में ओले ने तो हद कर दिया। घरों के आंगनों में भी ओले इस तरह जमा हुए की जैसे कोई सफेद चादर बिछा दिया हो। प्रकृति के इस कहर से बरगवां थाना क्षेत्र के ग्राम खेखड़ा निवासी एक युवक की मौत हो गयी। तो वहीं महुआगांव निवासी जग्यनारायण साहू 52 वर्ष आसमानी बिजली के चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गया है।
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जड़ से उखड़ गये पेंड़
तूफान की गति करीब 100 किमी प्रति घण्टे से ज्यादा रही होगी। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है। पोस्ट आफिस मार्ग ब्लाक कॉलोनी में एक पेंड़ जड़ से उखड़ गया और खड़ी कार पर गिर गया। गनीमत रही कि इस दौरान लोग अपने घरों में थे वर्ना बड़ा हादसा हो सकता था। वहीं कोविड-19 के लिए बनाये गये बैरियल छावनी व सहायता केन्द्र के छप्पर भी उड़ गये। साथ ही शहर की कई होर्डिंग भी हवा के झोकों में गायब हो गयीं। इसके अलावा कान्वेंट स्कूल मार्ग बिलौंजी में एक पेंड़ जड़ से उखड़ गया था। इसी तरह बैढऩ के ग्रामीण अंचलों में तूफान व ओले के ताण्डव से कच्चे मकानों को भारी नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
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कसर गांव में जमकर हुई ओलावृष्टि
चितरंगी ब्लाक के कसर गांव के आस-पास जमकर ओलावृष्टि हुई है। यहां तो घरों के बाहर आंगनों में सफेद चादरों की तरह ओले नजर आ रहे थे। ओलावृष्टि का असर चितरंगी क्षेत्र के कई गांवों के साथ-साथ बैढऩ इलाके में भी रहा है। जहां तेज तूफान था वहां ओले ज्यादा देर तक नहीं टिक पाये। लेकिन जहां पर तूफान का असर कम था वहां के नजारे को देख हर कोई चिंता करने के लिए मजबूर हो गये कि आखिरकार प्रकृति इतना क्यों रूठ गयी है।
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नालियां उफान पर, घरों में भरा लबालब पानी
बैढऩ इलाके में सवा घण्टे से भी अधिक समय तक हुई मूसलाधार बारिश ने इस तरह अपना रौद्र रूप दिखाया कि शहर की नालियां उफान पर आ गयी। वार्ड क्र.41 गनियारी विश्वकर्मा मोहल्ला इसका उदाहरण है। इसके अलावा घरों में भी पानी भरने लगा। बारिश, तूफान के समय का मंजर देखकर हर कोई हैरत में पड़ गये और ईश्वर से प्रार्थना करने लगे कि हे भगवान आखिरकार आगे क्या होने वाला है। बारिश के चलते खेतों में भी पानी ही पानी नजर आ रहा था।
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खुटार चौकी का बिजली सिस्टम जला
तेज तूफान व चमक गरज बारिश के चलते खुटार पुलिस चौकी का बिजली सिस्टम पूरी तरह से जल गया है। चौकी प्रभारी मुकेश झारिया के अनुसार तेज चमक गरज, भीषण तूफान के कारण बिजली सिस्टम पूरी तरह से फेल हो गया है। सुधार कार्य कराया जा रहा है। तेज चमक गरज के चलते यह हादसा हुआ है।
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चार घण्टे गुल रही बिजली
भीषण तूफान का असर इस तरह रहा कि समूचा ऊर्जाधानी में बिजली गुल हो गयी थी। वहीं जिला मुख्यालय बैढऩ भी अछूता नहीं रहा। करीब चार घण्टे समय तक बिजली गुल रही। बताया जा रहा है कि कई जगह बिजली के खंभे व तार टूट गये थे। वहीं पेंड़ भी बिजली के तारों पर गिर गये। जिसके चलते बिजली आपूर्ति भी ठप रही। हालांकि शहर के कुछ भागों में बिजली सेवा शाम करीब 7 बजे बहाल हो गयी, लेकिन गनियारी इलाके में अभी भी अंधेरा छाया हुआ है। साथ ही ग्रामीण अंचलों में भी तूफान के चलते बिजली व्यवस्था चरमरा गयी। जिसे बहाल करने के लिए एमपीईबी अमला लगा हुआ है। हमारे जियावन संवाददाता केएस पाठक लकी के अनुसार यहां बारिश व तूफान का व्यापक असर रहा। ओले भी गिरे हैं और कई घण्टे तक बिजली गुल रही।
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