बी एम एस के आन्दोलन के दवाब में सीएमपीएफ आया बैक फुट पर बी एम एस के 24 मार्च के आंदोलन के पश्चात प्रभारी आयुक्त ने सी एम पी एफ की 727.67 करोड़ की राशि बट्टे खाते में डालने के निर्णय को निरस्त करते हुए वसूली की कार्यवाही प्रारंभ की –
कोल कर्मचारियों के सी एम पी एफ की राशि 727.67 करोड़ की राशि डी एच एफ एल में निवेश की गई थी । ङी एच एफ एल के दिवालिया होने पर यह राशि सी एम पी एफ बोर्ड अधिकारियों द्वारा बट्टे खाते में डालकर मामले को रफा दफा करने का निर्ण ले लिया गया था । कर्मचारियों के मेहनत की इतनी बड़ी राशि को बट्टे खाते में डालने के नूरानी का विरोध भारतीय मजदूर संघ द्वारा किया जाने लगा । इस संदर्भ में बी एम एस का प्रतिनिधिमंडल मा. कोयला मंत्री से भी मिलकर शिकायत दर्ज किया और दिनाँक 24 मार्च को सभी देश के सभी सी एम पी एफ कार्यालय पर धरना , प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा गया ।
बी एम एस द्वारा किये गए व्यापक आंदोलन का असर यह हुआ कि आंदोलन के दूसरे दिन ही सी एम पी एफ के प्रभारी आयुक्त समीरन दत्ता ने बाकायदा पत्र जारी कर यह निर्णय लिया कि इस राशि को बट्टे खाते में नहीं डाला जाएगा और इसकी वसूली की जाएगी ।
कोल प्रभारी श्री के लक्ष्मा रेड्डी को इस आशय के पत्र की कॉपी भी प्रभारी आयुक्त समीरन दत्ता ने सी एम पी एफ मुख्यालय में हुई शिष्टाचार भेंट के दौरान सौंपा ।
बी एम एस ने इस जीत का श्रेय समस्त कोल कर्मचारियों को दिया जिसने संगठन के नेतृत्त्व में इस व्यापक आंदोलन में बढ़ चढ़कर सहयोग किया ।
अरुण कुमार दुबे
अध्यक्ष
भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ
( बी एम एस )