सैंपलिंग की नई प्रक्रिया को समाप्त करने के संबंध में सिंगरौली ट्रक एसोसिएशन ने मुख्य महाप्रबंधक निर्देश NCL को लिखा पत्र

सैंपलिंग की नई प्रक्रिया को समाप्त करने के संबंध में सिंगरौली ट्रक एसोसिएशन ने मुख्य महाप्रबंधक निर्देश NCL को लिखा पत्र

(सिंगरौली)
सिंगरौली ट्रक एसोसिएशन ने अपने पत्र में जिक्र किया है कि पूरे भारत में ऊर्जा उत्पादन और बड़े-बड़े कारखाने में जहा कोयले कि आवश्यतका पड़ती है, NCL कि प्रमुख भूमिका है। कोल इंडिया कि तरफ से NCL में बार-बार निती परिवर्तन यहाँ के खुदरा विक्रय कोयला के ट्रांसपोर्टर और ट्रेडिंग के व्यवसाय को ख़तम कर रहा है।पहले NCL के सभी परियोजना में रोड के माध्यम से सारा कोयला उठान होता रहा है, जिसमे तमाम पूरे भारत के छोटे एवं बड़े व्यापारी, ट्रांसपोर्टर, ट्रको के माध्यम से व्यापर करते थे, उसे कंपनी द्वारा CHP और रेल ट्रांसपोर्ट में बदल कर 90% कार्य ख़तम कर दिया गया।फिर दूसरी मार परियोजना विस्तार के लिए जमीन का अधिग्रहण NCL के द्वारा करने में उसके पूरे मूल्य का अधिभार 300 रुपए मेट्रिक टन बेसिक मूल्य जो 600 से 700 रुपए मेट्रिक टन पड़ता है उसे, थोपा गया।अभी हम उसी व्यवस्था में उलझे ही थे फिर GST केंद्र सरकार द्वारा कोयले में 5% से 18% कर दिया गया जिसकी वजह से कोयले के मूल्य में लगभग 200 रुपए मेट्रिक टन की वृद्धि हो गयी। उसके पष्चात हम लोगो के ऊपर यह नई सैंपलिंग निती लागु हो गई जिसके वजह से 1500 रुपए मेट्रिक टन से 2000 रुपए मेट्रिक टन कोयला कि लागत बढ़ गई, यह नियम हम लोगो के पूरे व्यवसाय को खतम करने कि साजिस है।आप के द्वारा अगर यह नियम वापस नहीं लिया गया तो हम लोग मजबूरन पूरे परियोजना के कोयला डिस्पैच को बाधित करेंगे।जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी कोल इंडिया एवं NCL प्रबंधन कि होगी ।