ई अटेडेस की अव्यवहारिक समस्या में बिन्दुओं दृष्टिगत रखते हुए जिले एवं ब्लॉक की अन्य समस्याओं का स्वरित निराकरण के संम्बध में ज्ञापन
आलोट में शिक्षा विभाग द्वारा रैली के रूप में तहसील कार्यालय पहुंच कर एक ज्ञापन देकर शिक्षा विभाग द्वारा जिले के समस्त संकुल प्राचार्य द्वारा संकुल अंतर्गत कार्यरत समस्त शिक्षको को आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा ई. अटेडेस अनिवार्य रूप से लगाने हेतु सुचना प्रसारित कि गई थी। ई अटेडेस की अव्यवहारिक समस्या में बिन्दुओं दृष्टिगत रखते हुए जिले एवं ब्लॉक की अन्य समस्याओं का स्वरित निराकरण के संम्बध में। एवं नहीं लगाने वाले शिक्षको का वेतन काटने और अनुशासनात्मक कार्यवाही का भय संकुल प्राचार्य द्वारा दिखाया जा रहा है। चूंकि उक्त व्यवस्था पूर्णतः अव्यवहारिक होकर शिक्षकों को धरातल पर होने वाली सामाजिक और भौतिक समस्या को नजर अंदाज करने से इस व्यवस्था के कियान्वयन के प्रति समस्त शिक्षकों में विरोधाभास उत्पन्न हो रहा है जो बिन्दुवार होकर निम्न लिखित है।
कृपया ई अटेडेस की कियान्वयन में शिक्षको की मोलिक समस्या के बिन्दुओं का त्वरीत निराकरण की अपेक्षा में संघ का ज्ञापन प्रेषित है।
1. यह कि ई अटेण्डेस व्यवस्था पूर्णतः ऑनलाईन व्यवस्था है और शिक्षको के कर्तव्य पर उपस्थिति की निरिक्षण की पृथक रूप से तकनिकी व्यवस्था है।
2. यह कि शिक्षको के कर्तव्य के निरिक्षण की व्यवस्था शासन द्वारा पूर्व से सिविल सेवा आचरण अधिनियम अन्तर्गत नियमों के अधिन है. ऐसी स्थिति में ऑनलाईन उपस्थिति की दोहरी व्यवस्था लागू करना शासन नियम विरूद्ध है उक्त व्यवस्था निरस्त करने की कृपा करे।
3. यह कि पूर्व मुख्यमंत्री माननीय शिवराजसिंह जी चौहान द्वारा इसी प्रकार के लागु एम शिक्षा मित्र ऑनलाईन अटेडेस को शिक्षकों हेतु समाज में अपमानजनक व्यवस्था मानकर उक्त व्यवस्था की तत्काल बंद किया था। फिर पूनः ई अटेडेस को दुसरे रूप में लागु करना पूर्णतः अव्यवहारिक है।
4. यह कि उक्त ई अटेडेस व्यवस्था में एप डाउनलोड करना अनिवार्य किया गया है. डाउनलोड के बाद यदि मोबाईल तकनिकी रूप से हेकर्स द्वारा हेक कर शिक्षकों के खाते में राशि निकाल ली गई है या डेटा का दुरुपयोग किया गया तो इसी भरपाई शासन करे नही तो ऐसी व्यवस्था लागु नहीं की जा सकती है।
5. यह कि ई अटेडेस व्यवस्था एक ऑनलाईन व्यवस्था है, इस उपरोक्त व्यवस्था से शिक्षको के साथ शासन को भी पृथक रूप से वित्तीय हानि पहुंचाने वाली व्यवस्था है इसे तत्काल निरस्त किया जावे।
6. यह कि म.प्र. में अध्यापक संवर्ग के शिक्षको को समान कार्य का समान वेतन, पुरानी पेंशन एवं नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता का लाभ 25 वर्ष नोकरी पूर्ण करने के उपरांत की अप्राप्त है ऐसी स्थिती मे उक्त व्यवस्था अव्यवहारिक होकर लागु करना समानता के सिद्धान्त विपरीत है। इसे तत्काल निरस्त किया जावे।
7. यह कि केन्द्र के समान म.प्र के शासकीय सेवको शिक्षको को 03 प्रतिशत मंहगाई भत्ता दिपावली पूर्व स्वीकृत किया जावें।
8. अतिथियो की मोबाईल से अटेडेस व्यवस्था को तुरंत खत्म कीया जाये एवं जुलाई एव अगस्त माह का वेतन हस्ताक्षर पंजी के आधार पर भुगतान किया जावे।
9. शिक्षको नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठा बहाल कर IFMS पोर्टल पर नियुक्ति दिनांक अंकित कि जावे।