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पड़री बांध से खेतों में नही पहुंच रहा पानी जगह-जगह नहरें टूटी, एक दशक से नही हुआ मरम्मत एवं साफ-सफाई कार्य, दूरबिन से तलासना पड़ेगा माईनर नहरे

Pradeep Tiwari
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चितरंगी ब्लॉक के पड़री बांध जलाशय का पानी गुंजावल एवं मानिकपुर समेत कई गांव में नही पहुंच पा रहा है। अन्नदाता इन दिनों पानी के प्रत्याशा में रात भर नहरों के किनारे भटकते रहते हैं। टूटी-फूटी क्षतिग्रस्त नहरें अपने आप में दुर्दशा की बया कर रही हैं।
दरअसल पड़री जलाशस का देख-रेख जल उपभोक्ता संस्था के पास है एवं इसकी मॉनिटिंरग जल संसाधन विभाग को करने का जिम्मा है। किन्तु विभागीय उदासीनता का खामियाजा क्षेत्र के सैकड़ों अन्नदाताओं को भुगतना पड़ रहा है। आलम यह है कि जलाशय के अधिकांश नहरे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने के कारण गुंजावल एवं मानिकपुर के नहर में पानी नही पहुंच पा रहा है। यह समस्या आज से नही कई सालों से है। लेकिन आरोप है कि जल उपभोक्ता संस्था जहां उदासीन है। वही जल संसाधन विभाग का अमला भी उक्त समस्या को नजर अंदाज करता रहा है। अन्नदाताओं ने यह भी आरोप लगाया है कि मुख्य नहर पड़री से लेकर विजयपुर तक करीब आधा दर्जन स्थानों में नहरें टूटी-फू टी हुई है। इसके बारे में अन्नदाता अपनी पीड़ा सत्ताधारी नेताओं को भी बता चुके हैं। इसके बावजूद नहर का मरम्मत एवं झाड़ियों की साफ-सफाई कभी नही कराई गई। वही यह भी आरोप है कि 1 नम्बर के नहर के पानी में कुछ लोग कब्जा कर लेते हैं। जिसके चलते विजयपुर, मानिकपुर, पानी नही आ पा रहा है। यहां के अन्नदाताओं ने कड़े शब्दों में कहा है कि जनप्रतिनिधि चुनाव के वक्त ही नजर आते हैं। अन्य दिनों में उनका कोई पता नही चलता। अन्नदाताओं ने इस ओर जिले के प्रभारी मंत्री एवं कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट कराया है।
माईनर नहरें भी गायब, विभाग बेसुध
आलम यह है कि पड़री गुंजावल, मनिकपुर एवं विजयपुर खेतों में बनाई गई माईनर नहरें पूरी तरह से गायब हो चुकी हैं। अन्नदाता बतातें हैं कि रख-रखाव एवं कभी मरम्मत कार्य न कराये जाने से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है। जल संसाधन विभाग का अमला कभी भी झाकने नही आता। क्षेत्र के नागरिको ने यह भी बताया कि दशकों से पड़री जलाशय अधूरा पड़ा हुआ था। लेकिन एक दशक पूर्व तत्कालीन श्रम मंत्री जगन्ननाथ सिंह के अथक प्रयास से खेतों में पानी पहुंचने लगा था। लेकिन मौजूदा समय में यहां के समस्या का सूध लेने वाला कोई आगे नही आ रहा। जिसके चलते रबी फसल की बुआई पर विपरित प्रभाव पड़ता दिख रहा है। जबकि अब खेतों में पलेवा के लिए पानी की जरूरत है।
इनका कहना:-
हमारे गांव में नहर बनी हुई है। लेकिन पानी नहीं आता है । पानी की समस्या है। धान को भी पानी नहीं मिला और गेहूं बुवाई आ गई अभी तक नहर का पानी नहीं आ पाया है। नहर टूटी है हर जगह ।
मोहन कोल
किसान मानिकपुर
इनका कहना:-
हमारे गांव में पानी की बहुत बड़ी समस्या है। नहर आई हुई है। लेकिन पानी नहीं आ पा रहा है। पूरी नहर टूटी हुई है। धान सूख गई, गेहूॅ की बउनी आ चुकी है।
रामभुवन विश्वकर्मा
ग्राम विजयपुर
इनका कहना:-
पानी नहीं आ पा रहा है क्योंकि नहर हर जगह टूटी हुई है और पूरे नहर में कचरा पेड़ बड़े-बड़े झाड़ हो गए हैं और सुनने में आया है कि एक नंबर माइनर सबसे ज्यादा चलता है पानी उधर जाता है।
अंजनी कुमार द्विवेदी
ग्राम मानिकपुर, बरहट

Pradeep Tiwari

Pradeep Tiwari

मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।

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