अक्टूबर से पुन: रेत उत्खनन के पूर्व खदानों का सीमांकन किया जाये:ज्ञानेंद्र
जिला कांग्रेस कमेटी सिंगरौली ग्रामीण के अध्यक्ष ने प्रदेश सरकार पर साधा निशाना
वर्षा काल के बाद रेत खदानों में अक्टूबर माह से पुन: उत्खनन एवं परिवहन का कार्य प्रारंभ किया जाना निश्चित है। किंतु स्वीकृत खदानों के स्थान और उनके सीमा की जानकारी आम जनों एवं जनप्रतिनिधियों को नहीं होना भी अवैध उत्खनन एवं परिवहन को बढ़ावा देता है ।
स्वीकृत खदानों की सीमा से बाहर रेत का उत्खनन ठेकेदार द्वारा किया जाना भी खनिज के अवैध उत्खनन एवं परिवहन की श्रेणी में आता है और अपराध भी है। जिला सहित पूरे प्रदेश में कोई ऐसा राजनीतिक अथवा सामाजिक मंच नहीं है। जहां अवैध खनिज रेत के उत्खनन एवं परिवहन की चर्चा नहीं होती हो किंतु कार्यवाही के नाम पर छोटे परिवहन वाहनों और लोगों पर कार्यवाही कर प्रशासनिक खाना पूर्ति की जाती है। जिला कांग्रेस कमेटी सिंगरौली ग्रामीण अध्यक्ष ज्ञानेंद्र द्विवेदी ने जिला के कलेक्टर तथा खनिज अधिकारी को पत्र लिखकर तथा समाचार पत्रों के माध्यम से अक्टूबर माह में शुरू होने वाले रेत उत्खनन के पूर्व खदानों के स्थान और उनका सीमांकन कराकर सार्वजनिक करने के बाद ही उत्खनन एवं परिवहन प्रारंभ करने की अपील की है। उन्होंने कहा की जिला के रेत, कोयला सहित अन्य खनिज के अवैध उत्खनन एवं परिवहन की चर्चाएं सीमावर्ती प्रांत यूपी और बिहार तक में है। जिस पर जिला एवं पुलिस प्रशासन को बारीक नजर रखने की आवश्यकता है । सिंगरौली जिले के अनेक नदियों से ठेकेदार द्वारा रेत का उत्खनन एवं परिवहन किया जाता है। किंतु आम जनों, पंचायत प्रतिनिधियों या जनप्रतिनिधियों को नीलामी में शामिल खदानों और उनके रख-रखाव की जानकारी नहीं होती है और ना ही खदानों का सीमांकन ही कभी किया जाता है ।
अक्टूबर से पुन: रेत उत्खनन के पूर्व खदानों का सीमांकन किया जाये:ज्ञानेंद्र
Pradeep Tiwari
मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।
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