स्थानीय लोगों के सामाजिक और आर्थिक विकास के बारे में अपने विचार रखे
गोड़बहेरा उज्जैनी भूमिगत खदान की पर्यावरण स्वीकृति के लिए हुई तलवा गांव में सफल जनसुनवाई, अपर कलेक्टर सहित अन्य अधिकारी रहे मौजूद
जिले के बरगवां तहसील अन्तर्गत प्रस्तावित गोड़बहेरा उज्जैनी कोयला खदान के लिए आज दिन शुक्रवार को तलवा गांव में पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए आयोजित जनसुनवाई सफलता पूर्वक सम्पन्न हुई।
इस कार्यक्रम में भूमिगत खदान से प्रभावित होनेवाले सभी पांच गांव के हजारों स्थानीय ग्रामीण उपस्थित थे। जिन्होंने प्रोजेक्ट का खुलकर समर्थन किया। इस दौरान अपर कलेक्टर अरविन्द कुमार झा एवं म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी संजीव मेहरा की उपस्थिति में जनसुनवाई की गई। इसके साथ हीं कुछ ग्रामीणों ने इस प्रोजेक्ट के आसपास के गांवों के लोगों ने पर्यावरण पर होनेवाली संभावित असरों के साथ-साथ स्थानीय लोगों के सामाजिक और आर्थिक विकास के बारे में अपने विचार रखे। इस जन सुनवाई में उज्जैनी और तलवा सरपंच शंकर प्रसाद प्रजापति, देवरा सरपंच आशीष सिंह चंदेल, मझौली सरपंच श्यामले पनिका, पचौर सरपंच मुन्नी लाल रावत और तीनगुड़ी की सरपंच प्रेमलता गुप्ता ,चितरंगी एसडीओपी आशीष जैन, बरगवां टीआई शिवपूजन मिश्रा के साथ अदाणी समूह की तरफ से कई अधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने परियोजना के लिए उठाये जानेवाले पर्यावरणीय उपायों में विस्तार से बताया।
51 साल तक संचालित रहेगी परियोजना
यह परियोजना 51 वर्षों तक चलेगी। जिसमें आधुनिक तकनीक से भूमिगत उत्खनन द्वारा कोयला उत्पादन किया जाना प्रस्तावित है। कोयला उत्पादन की प्रति वर्ष क्षमता 41.2 लाख टन है। इस खनन परियोजना के संचालन के दौरान पर्याप्त मात्रा में रोजगार का सृजन होगा। जिसके फलस्वरूप यहाँ के लोगों के आय में वृद्धि से जीवन स्तर बेहतर होगा। इस परियोजना से म.प्र. सरकार के राजस्व में भी बढ़ोत्तरी होगी। एमपी नेचुरल रिसोर्सेज प्रालि ने स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था के लिए विस्तार से योजना बनायी है। देवरा सरपंच आशीष सिंह ने बताया कि अंडरग्राउंड माइनिंग से प्रदूषण नहीं के बराबर होगा। इस प्रोजेक्ट के आने से स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। जबकि देवरा गांव के जानकी देवी का कहना है कि अदाणी फाउंडेशन ने इस क्षेत्र में स्वरोजगार और महिला सशक्तिकरण के लिए कई कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं और इस परियोजना के आने के बाद इसे और भी गति मिलेगी।
पॉच गांव में भूमिगत होगी कोयला खदान
गोंड़बहेरा उज्जैनी भूमिगत कोयला परियोजना भारत सरकार के कोयला मंत्रायलय ने कमर्शियल माइनिंग के तहत 2023 में स्पर्धात्मक बोली के द्वारा अदाणी समूह की कंपनी एमपी नेचुरल रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड को मिला है। यह एक भूमिगत कोयला खदान है जो जिले के पांच गांव उज्जैनी, तलवा, देवरा, मझौली और तीनगुड़ी के 1926.246 हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तृत है। हालांकि भूमिगत खदान होने के कारण गोंड़बहेरा उज्जैनी परियोजना के संचालन के लिए सिर्फ 40 हेक्टेयर जमीन की जरुरत होगी।
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Pradeep Tiwari
मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।
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