पशुपालकों की खुशहाली के लिए अदाणी फाउंडेशन का गौ समृद्धि परियोजना
नस्ल सुधार के साथ गांवों में होगा दुग्ध उत्पादन में वृद्धि जिले के 14 गांवों के पशुपालक होंगे लाभान्वित
अदाणी फाउंडेशन ने ग्रामीण पशुपालकों को लाभकारी स्वरोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से पशुधन विकास कार्यक्रमों की शुरुआत की गयी है। इसके अंतर्गत बाइफ संस्था के साथ मिलकर सरई तहसील अंतर्गत धिरौली गांव में पशुधन विकास केन्द्र के माध्यम से जिले के 14 गांवों के पशुपालक लाभान्वित होंगे।
चयनयित गांवों में धिरौली, फाटपानी, भलया टोला, खनवा खास, खनवा नया, ज_ा टोला, झलरी, आमडांड, अमरई खोह, बजौड़ी, सिरसवाह, मझौलीपाठ, बेलवार एवं डोंगरी शामिल है। एकीकृत पशुधन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत उन्नत नस्ल सुधार के लिए कृत्रिम गर्भाधान एवं पशुओं के उत्तम स्वास्थ के लिए टीकाकरण, पशुओं के आहार प्रबंधन एवं उत्तम गुणवत्ता का हरे चारे की व्यवस्था एवं उसका प्रबंधन जैसे जानकारी चयनित महिला पशुपालक एवं प्रगतिशील किसानों के साथ मीटिंग एवं प्रशिक्षण के माध्यम से जानकारी दी जा जाती है। सभी चयनित ग्रामों में अदाणी फाउंडेशन का सहयोगी संस्था बाइफ के कर्मचारियों द्वारा पशु बांझपन निवारण एवं स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जाता है एवं पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर आवश्यक उपचार एवं पशुपालकों को तकनीकी सुझाव दिए जाते हैं। गौरतलब है कि अब तक पशुधन विकास के लिए आयोजित 30 विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से कुल 1134 पशुओं का उपचार किया गया है। जबकि पीपीआर वैक्सीन से 1400 पशुओं का टीकाकरण किया गया है। इन कार्यक्रमों में बांझपन निवारण के लिए 51 पशुओं का उपचार किया एवं सॉर्टेड सीमेन के जरिये सफलता पूर्वक 40 गाय, भैंस एवं बकरी का कृत्रिम गर्भादान करवाया गया।