समय रहते प्रशासन की नहीं खुली नींद तो न जाने कितने घरों का चिराग बुझाएगा के.के.स्पन

समय रहते प्रशासन की नहीं खुली नींद तो न जाने कितने घरों का चिराग बुझाएगा के.के.स्पन

1=गंभीर हादसे से परिजनों का बुरा हाल,कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की उठी मांग
2=सतना से कंपनी ब्लैक लिस्ट,रीवा में कंपनी के खिलाफ़ श्रमिक कर रहे विरोध

सिंगरौली 27 सितम्बर जिले में स्थापित व कार्यरत कंपनियों की लापरवाही के कारण मासूमों की मौत का कचनी हादसा कोई पहला मामला नहीं है। हादसे होते हैं पीड़ित परिवार को मुआवजा दिला कर मामला शांत करा दिया जाता था। लेकिन बीते शुक्रवार को कचनी में हुए गंभीर हादसे में जिला प्रशासन के सख्त रवैया देखने को मिला है। कंपनी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। जिले के नगर निगम से सीवरेज (पाइप लाइन) का कार्य कर रही के. के.स्पन कंपनी के लापरवाही का प्रोमो शुरुआती समय से ही उजागर होते आया है। लेकिन हंगामा तब हुआ जब के.के. स्पन अपने लापरवाही से तीन लोगों की जान का दोषी बन गया। कचनी में हुए दर्दनाक हादसे के बाद कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की मांग उठ रही है। जिससे आगे भविष्य में गंभीर हादसे की पुनरावृत्ति न हो। सतना से ब्लैक लिस्ट,रीवा में श्रमिक कर रहे विरोध एक कंपनी अपने बेहतर कार्य प्रणाली के लिए जानी जाती है। लेकिन दिल्ली की के.के.स्पन कंपनी जहां कार्य करती है। वहां अपने बदहाली व लापरवाही का छाप छोडती है। जानकारी के अनुसार एमपी के सतना जिले में कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। वहीं रीवा में भी कंपनी द्वारा श्रमिकों का भुगतान नहीं किए जाने से श्रमिक विरोध पर उतारू हैं। और सिंगरौली में कंपनी का क्या परिणाम है किसी से छिपा नहीं है। बड़ा सवाल ये है की जिले में कंपनी के खिलाफ कब कार्यवाही की जाएगी… नगर निगम नहीं करता कार्य की मॉनिटरिंग लंबे दिनों से जिले में पाइप लाइन का कार्य कर रही के.के.स्पन कंपनी की लापरवाही शुरू से देखने को मिली है। लेकिन ननि के जिम्मेदार जुबान पर ताला लटका कर लापरवाही को नजर अंदाज करते है। वहीं लापरवाही आज गंभीर हादसे में परिवर्तित हो गई। जिसका परिणाम तीन मासूम व्यक्तियों को भुगतना पड़ा। वहीं आरोप है कि नगर निगम क्षेत्र में हो रहे कार्य की मॉनिटरिंग नहीं करता है। जिससे ठेकेदार मनमानी रूप से कार्य करते हैं और लापरवाही पर लगाम नहीं लगती है। जिला कलेक्टर को नगर निगम के कर्मचारी पर भी कार्यवाही करनी चाहिए। ऐसे में आम जनमानस में चर्चा है कि यदि समय रहते जिला प्रशासन की नींद नहीं खुली तो न जाने कितने घरों के चिराग के केके स्पंदन कंपनी बुझा देगी।