नवजात को झाड़ियों में फेंका, चार हिरासत में, टीकमगढ़ में मानवता हुई शर्मसार

नवजात को झाड़ियों में फेंका, चार हिरासत में, टीकमगढ़ में मानवता हुई शर्मसार

सीसीटीवी फुटेज से खुला राज, महिला समेत चार लोग पुलिस की गिरफ्त में; नवजात जीवित, अस्पताल में उपचार जारी

 

टीकमगढ़। जिला अस्पताल परिसर में मंगलवार शाम उस वक्त हड़कंप मच गया जब मुख्य गेट के पास झाड़ियों में एक नवजात शिशु रोता हुआ मिला। यह दृश्य इतना हृदयविदारक था कि मौके पर मौजूद हर व्यक्ति का मन द्रवित हो उठा। किसी निर्दयी हाथ ने अभी-अभी जन्मे मासूम को कचरे की तरह झाड़ियों में फेंक दिया था लेकिन किस्मत ने साथ दिया और उसकी सांसें चल रही थीं।

स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और अस्पताल स्टाफ को सूचना दी। एम्बुलेंस की मदद से बच्चे को तत्काल जिला अस्पताल के शिशु वार्ड में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों ने बताया कि बच्चा फिलहाल सुरक्षित है और उपचार जारी है।

घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस सक्रिय हो गई। अस्पताल परिसर और आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई। जांच में सामने आया कि घटना से कुछ देर पहले दो बाइक पर सवार एक महिला और तीन युवक अस्पताल के आसपास घूमते दिखाई दिए।

पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कलेक्टरेट रोड स्थित जीवन हॉस्पिटल डॉ. मांडवी साहू के पास से चारों संदिग्धों को हिरासत में ले लिया। पकड़े गए लोगों से पूछताछ जारी है।

एडिशनल एसपी विक्रम सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा प्रतीत हो रहा है। जिस युवती की डिलीवरी हुई थी, वह अविवाहित है। लोक-लाज और सामाजिक दबाव के डर से नवजात को फेंक दिया गया।

फिलहाल पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि डिलीवरी जीवन हॉस्पिटल में हुई थी या किसी अन्य स्थान पर। साथ ही युवती की उम्र बालिग या नाबालिग की पुष्टि के लिए आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज मंगवाए गए हैं।

यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि समाज की संवेदनहीनता की भयावह मिसाल है। जब भय, शर्म और सामाजिक तिरस्कार किसी मां को अपने ही बच्चे से मुंह मोड़ने पर मजबूर कर दें — तो यह कानून से अधिक हमारे विवेक की हार होती है।

एडिशनल एसपी ने बताया कि पूछताछ पूरी होने के बाद चारों आरोपियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की जाएगी। फिलहाल पुलिस सभी पहलुओं पर गहराई से जांच कर रही है।