27वां सरस आजीविका मेला 5 से 22 सितंबर 2025 तक दिल्ली में आयोजित किया जाएगा
200 स्टॉल लगाए जाएंगे; देशभर के स्वयं सहायता समूहों की 400 महिलाएं भाग लेंगी
मेला शहरी आगंतुकों को ग्रामीण जीवन का अनुभव करने का अवसर देगा
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय 5 से 22 सितंबर 2025 तक मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम, नई दिल्ली में सरस आजीविका मेला 2025 का आयोजन कर रहा है। इस मेले में लगभग 200 स्टॉल लगाए जाएँगे, जिनमें देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से जुड़ी 400 से अधिक ग्रामीण महिलाएँ भाग लेंगी। यह पहली बार है कि मेले का आयोजन दिल्ली में सभी घटकों – खाने-पीने के स्टॉल, सामानों की बिक्री आदि के साथ किया जा रहा है।
आज प्रेस वार्ता में मेले का विवरण देते हुए, ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव (ग्रामीण आजीविका) सुश्री स्वाति शर्मा ने कहा कि सरस मेला केवल पारंपरिक वस्तुओं की खरीदारी का ही स्थान नहीं है, बल्कि शहरी आगंतुकों को ग्रामीण क्षेत्रों के उत्पादों की जानकारी और खरीदारी करते हुए ग्रामीण जीवन का अनुभव भी मिलेगा। उन्होंने बताया कि मेले के दौरान हर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा और परिवार के साथ आने वाले बच्चों के लिए मनोरंजन और खेल की कई सुविधाएँ भी उपलब्ध होंगी, जो उनके अनुभव को यादगार बना देंगी।
संयुक्त सचिव ने बताया कि स्वयं सहायता समूहों की महिलाएँ विभिन्न संगठनों के माध्यम से कौशल एवं तकनीकी प्रशिक्षण और विपणन तकनीक प्राप्त कर रही हैं। अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसी प्रमुख कंपनियाँ इस पहल को सहयोग प्रदान कर रही हैं। उन्होंने बताया कि इन प्रयासों के परिणाम स्वरूप, इन महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों का हाल ही में मालदीव निर्यात किया गया। उन्होंने बताया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय भी भारतीय डाक विभाग की मदद से इन उत्पादों को पूरे देश में उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहा है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ग्रामीण विकास मंत्रालय की निदेशिका डॉ मोलिश्री ने बताया कि सरस मेला एक माध्यम है जो लोगों को उनकी जड़ों से जोड़ता है। उन्होंने बताया कि यहां आने वाले लोग देश के हर हिस्से में प्रसिद्धि प्राप्त सामानों को खरीद सकेंगे। उन्होंने आगे कहा कि दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को जोड़कर ग्रामीण विकास मंत्रालय उन्हें आजीविका के साधन उपलब्ध कराता है। डॉ मोलिश्री ने बताया कि दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन देश के 34 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में चल रहा है। इस योजना में अब तक 10 करोड़ दीदियां जुड़ चुकी हैं जिनमें से 2 करोड़ से ज़्यादा महिलाएं पहले ही “लखपति दीदी” (एक लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वाली महिला उद्यमी) बन चुकी हैं।
दिल्ली सरस 2025 की प्रमुख विशेषताएँ:
· नॉलेज पैवेलियन: वित्तीय साक्षरता, डिजिटल मार्केटिंग, पैकेजिंग और व्यापार योजना पर सत्र आयोजित कर क्षमता निर्माण का केंद्र।
· अनुभव पैवेलियन: पारंपरिक शिल्प और खाद्य निर्माण की लाइव डेमो, लखपति दीदियों द्वारा प्रेरणादायक कहानियाँ और उद्यमशील सोच को बढ़ावा।
· कन्वर्जेंस पैवेलियन: कृषि एवं किसान कल्याण, डेयरी एवं पशुपालन, खाद्य प्रसंस्करण, MSME, कौशल विकास, डाक विभाग आदि मंत्रालयों/विभागों के साथ समन्वय में लखपति दीदी बनाने को बढ़ावा।
प्रदर्शित उत्पाद:
· विभिन्न प्रकार की साड़ियाँ – तसर साड़ी, बाघ प्रिंट, गुजरात की पाटोला साड़ी, कांथा साड़ी, चंदेरी साड़ी
· उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के ऊनी उत्पाद
· प्राकृतिक खाद्य उत्पाद
· कर्नाटक और तेलंगाना की लकड़ी की कारीगरी
· झारखंड के पलाश और अन्य प्राकृतिक उत्पाद
अन्यआकर्षण:
· SARAS INDIA फूडकोर्ट – पूरे भारत के व्यंजनों का स्वाद
· विभिन्न राज्यों के सांस्कृतिक कार्यक्रम
· पर्यावरण अनुकूल पहल
· वरिष्ठ नागरिकों के लिए कार्ट सेवाएँ
· बच्चों के लिए मनोरंजन जोन
· स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए प्रतियोगिताएँ