11 साल बाद लड़की को मिला इंसाफ, बलात्कारी जिवेराइल मोहम्मद अंसारी को 10 वर्ष की हुई सजा

11 साल बाद लड़की को मिला इंसाफ, बलात्कारी जिवेराइल मोहम्मद अंसारी को 10 वर्ष की हुई सजा

सिंगरौली  29 अगस्त नाबालिग किशोरी से दुष्कर्म के मामले में विशेष न्यायाधीश (पाक्सो न्यायालय) देवसर श्यामसुंदर झा की अदालत ने आरोपी जिवेराइल मोहम्मद अंसारी उर्फ दादा पिता इसराइल मोहम्मद अंसारी उम्र 28 वर्ष निवासी ग्राम रामपुर थाना लौर जिला रीवा हाल मुकाम ग्राम सरई थाना सरई को अपराध अंतर्गत धारा 363,366,376(1) भा.द.वि.की धारा 4/6 पाक्सो एक्ट के आरोपी का डीएनए टेस्ट कराया गया जो पाज़िटिव पाया गया।जहां विशेष न्यायालय देवसर ने उक्त आरोपी को 10 वर्ष का कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए अर्थदंड की भी सजा मुकर्रर की है। न्यायालय देवसर ने उक्त आरोपी को 10 वर्ष का कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए अर्थदंड की भी सजा मुकर्रर की है। लोक अभियोजन अधिकारी मारकंडे मणि त्रिपाठी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि पीड़िता के पिता के द्वारा दिनांक 22/12/2011 को पुलिस थाना सरई में इस आशय की सूचना रिपोर्ट अ.क.-376/11 धारा 363,366 भा.द.वि. के अपराधिक आरोपी जिबराइल मोहम्मद अंसारी के विरुद्ध दर्ज कराया गया कि दिनांक 22/12/2011 को पीड़िता पढ़ने के लिए सरई स्थित हाई स्कूल में सुबह 10:00 बजे गई थी।पीड़िता प्रतिदिन दोपहर 1:30 खाना खाने घर आती थी,परंतु उस दिन उक्त समय पर वह घर खाना खाने नहीं आई।तब पीड़िता का भाई उक्त विद्यालय गया तो पता चला कि पीड़िता विद्यालय में नहीं गई थी। वहीं पीड़िता की बहन ने बताया कि पीड़िता को आरोपी के साथ रेलवे स्टेशन में घूमते हुए देखा था।पीड़िता की तहरीर के आधार पर थाना सरई में रिपोर्ट कायम कर उक्त अपराध की विवेचना थाना प्रभारी द्वारा की गई। उक्त मामले में विवेचना के उपरांत दिनांक 12/9/2016 को अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।उक्त मामले पर विचारण के उपरांत माननीय न्यायालय पाक्सो द्वारा आरोपी को दोष सिद्ध करार दिया गया।वहीं आरोपी को धारा 376(2)एन के तहत 10 वर्ष की सजा एवं 5000 रूपए के अर्थदंड से दंडित किया गया।धारा 366 में 7 वर्ष की सजा एवं 1000 रूपए के अर्थदंड से दंडित किया गया। धारा 363 में 5 वर्ष की सजा एवं 1000 रूपए के अर्थदंड से दंडित किया गया।माननीय न्यायालय द्वारा 25/8/2022 को अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी को तीनों दंड एक साथ भुगतने का आदेश पारित किया गया।पीड़िता को प्रतिकर की राशि शासन द्वारा दिलाए जाने के लिए माननीय न्यायालय द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से अनुशंसा किया गया है कि पीड़ित एवं उसके बच्चों को प्रतिकर की राशि दी जावे।