निगम सिंगरौली के कमिश्ननर की जनता के पैसों की टेंडर के जरिए बंदरबांट की सिकायत होगी

निगम सिंगरौली के कमिश्ननर की जनता के पैसों की टेंडर के जरिए बंदरबांट की सिकायत होगी

सिंगरौली 3 अक्टूबर भाजपा शासित नगर निगम में टैक्स के रूप में शहरवासियों से वसूले जा रहे पैसों की जमकर बंदर बांट हो रही है। बताया जा रहा है कि विवादित और चर्चित नगर निगम कमिश्नर आरपी सिंह विकास के नाम पर कई निर्माण कार्यों पर एस्टिमेट से डेढ़ से दोगुना बढ़ा दिया गया । यह नियमों के विपरीत है बावजूद इसके नगर निगम हाउस में इसे मंजूरी भी दी गई। स्मार्ट सिटी के तहत पूरे कामों की गुणवत्ता को लेकर निवर्तमान नगर निगम अध्यक्ष चंद्र प्रताप विश्वकर्मा ने भी सवाल खड़े करते हुए नगर निगम क्षेत्र में गुणवत्ता विहीन काम कराए जाने के आरोप लगाए हैं उन्होंने कलेक्टर से शिकायत कर कामों की गुणवत्ता की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। बताया यह भी जा रहा है कि नगर निगम के गुणवत्ता विहीन कामों की शिकायत 4 अक्टूबर को सीएम शिवराज से भी की जाएगी। सिंगरौली — भाजपा शासित नगर निगम में टैक्स के रूप में शहरवासियों से वसूले जा रहे पैसों की जमकर बंदर बांट हो रही है। बताया जा रहा है कि विवादित और चर्चित नगर निगम कमिश्नर आरपी सिंह विकास के नाम पर कई निर्माण कार्यों पर एस्टिमेट से डेढ़ से दोगुना बढ़ा दिया गया । यह नियमों के विपरीत है बावजूद इसके नगर निगम हाउस में इसे मंजूरी भी दी गई। स्मार्ट सिटी के तहत पूरे कामों की गुणवत्ता को लेकर निवर्तमान नगर निगम अध्यक्ष चंद्र प्रताप विश्वकर्मा ने भी सवाल खड़े करते हुए नगर निगम क्षेत्र में गुणवत्ता विहीन काम कराए जाने के आरोप लगाए हैं उन्होंने कलेक्टर से शिकायत कर कामों की गुणवत्ता की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। बताया यह भी जा रहा है कि नगर निगम के गुणवत्ता विहीन कामों की शिकायत 4 अक्टूबर को सीएम शिवराज से भी की जाएगी। बता दें कि हाल ही में विवादित चर्चित नगर निगम कमिश्नर ज्वाइन करते ही पैसों की बंदरबांट कराने के लिए टेबल टेंडर को जरिया बनाया। सूत्रों की माने तो जिले में नए कमिश्नर आते हैं पूरा फोकस टेबल टेंडर के कामों में ही फोकस कर दिया है उसके पीछे सूत्र बताते हैं कि टेबल टेंडर में के वर्क 10 से 20 परसेंट ठीक काम किया जाता है बाकी बचे पैसों का कमिश्नर एसडीओ सब इंजीनियर सहित ठेकेदारों के बीच बंदरबांट कर दिया जाता है यही वजह है कि भले ही औद्योगिक नगरी सिंगरौली को स्मार्ट शहरों की सूची में शामिल किया गया है लेकिन विकास काम बेपटरी हो गए हैं। टाइम कीपर को बना दिया इंजीनियर विवादित और चर्चित कमिश्नर अपने एक चहेते टाइम कीपर,स्वच्छता प्रकोष्ठ प्रभारी को सब इंजीनियर का प्रभार देकर उपकृत किया है सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि अब इन्हीं टाइम कीपर के जरिए टैक्स के रूप में आई जनता की गाढ़ी खून पसीने की कमाई का बंदरबांट कराएंगे। सवाल यह भी है कि एक टाइम कीपर तकनीकी रूप से अयोग्य होता है जबकि निर्माण कार्यों में तकनीकी विशेषज्ञ की आवश्यकता रहती है जिसे गुणवत्ता युक्त काम कराने की जानकारी हो। अब ऐसे टाइम कीपर कितनी गुणवत्ता के साथ काम कर आएंगे यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा । टेबल टेंडर में फूंक दिए करोड़ो
विवादित और चर्चित कमिश्नर आते ही अपना पूरा फोकस टेबल टेंडर के कामों में ही फोकस कर दिया। उसके पीछे सूत्र बताते हैं कि टेबल टेंडर में काम 10 से 20 परसेंट ही किया जाता है बाकी बचे पैसों का कमिश्नर एसडीओ सब इंजीनियर सहित ठेकेदारों के बीच बंदरबांट कर दिया जाता है यही वजह है कि औद्योगिक नगरी सिंगरौली को स्मार्ट शहरों की सूची में भले ही शामिल किया गया है लेकिन विकास काम बेपटरी हो गए हैं। बार्ड-30 की सड़क मौत को दे रही आमंत्रण चाणक्य वार्ड क्रमांक 30 में 5 सालों के दरमियान करीब 10 करोड़ से ज्यादा के काम कराए गए हैं लेकिन यहां हालात बद से बदतर हैं। आधा घंटे की बारिश में सड़क तालाब में तब्दील हो जाते हैं तो वही सीवरेज के ढक्कन सड़क से आधा फिर से ज्यादा ऊपर होने के चलते मौत को आमंत्रण दे रहे हैं। अभी हाल ही में सीवरेज मेंटेनेंस में काम कर रहे तीन मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई थी लेकिन नगर निगम प्रशासन अभी इस हादसे से कोई सबक नहीं लिया है यदि समय रहते सीवरेज के ढक्कन को व्यवस्थित नहीं किया गया तो किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है।