पंचायत एवं ग्रामीण विकास का अमला उतरा सड़क पर दफ्तरों में ताला जड़कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री के नाम डिप्टी कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

पंचायत एवं ग्रामीण विकास का अमला उतरा सड़क पर दफ्तरों में ताला जड़कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री के नाम डिप्टी कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

पंचायत एवं ग्रामीण विकास का अमला उतरा सड़क पर दफ्तरों में ताला जड़कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री के नाम डिप्टी कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

सिंगरौली 12 जुलाई। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के जनपद सीईओ, उपयंत्री द्वारा अधिकारियों की प्रताडऩा से की गयी आत्महत्या के विरोध में दोषी अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने एवं संयुक्त मोर्चा के समस्त संगठनापें की अनार्थिक मांगों के निराकरण 7 दिवस में किये जाने के लिए मुख्यमंत्री, पंचायत मंत्री, मुख्य सचिव म.प्र.शासन, प्रमुख सचिव पंचायत एव ग्रामीण विकास विभाग म.प्र.के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया है।
म.प्र.पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग संयुक्त मोर्चा के बैनर तले सौंपे गये ज्ञापन में उल्लेख किया है कि म.प्र.पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग म.प्र.का सबसे बड़ा विभाग होने के नाते जनपद और जिले में पदस्थ संयुक्त मोर्चा के समस्त संगठनों के अधिकारी,कर्मचारी 52 हजार गांव में सरकार की लक्ष्यों की पूर्ति के लिए दिन-रात एक करके मेहनत करते हैं। वर्तमान परिपेक्ष्य में प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रदेश सरकार की गुड लिस्ट में नं.1 बनने की होड़ में ग्राम पंचायत के सबसे छोटे कर्मचारी रोजगार सहायक से लेकर वरिष्ठ मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत हित बीच का समस्त अमला प्रताडि़त और त्रस्त है। सौंपे गये मांग पत्र में जिला, जनपद पंचायतों के मूल कर्मचारियों को शासकीय कर्मचारियों के अनुरूप देय 5वां,6 वां वेतनमान, समयमान वेतनमान एवं पेंशन के आदेश संशोधित किये जावें एवं जिला,जनपद पंचायत का स्टाफ सेटअप को लागू किया जाये। वहीं म.प्र.पंचायत समन्वय अधिकारी संघ ने मांग किया है कि दिवंगत पीसीओ, बीपीओ के आश्रितों को तत्काल अनुकम्पा नियुक्ति, सहायक संचालक पद के लिए विभागीय परीक्षा आयोजित कराने, मुख्यमंत्री हेल्पलाईन में मांग एवं समस्या आधारित विषय अलग-अलग दर्ज किये जाने एवं इस के लिए निचले स्तर के कर्मचारियों को प्रताडि़त न किया जाये। प्रधानमंत्री आवास मिशन में राशि सीधे हितग्राही के खाते में दी जा रही है एवं आवास पूर्ण कराने के नाम पर निचले स्तर के कर्मचारियों की प्रताडऩा बंद हो एवं समस्त पीसीओ, बीपीओ के नियुक्ति दिनांक से एवं जिस दिनांक से स्नातक किया है उसी दिनांक से स्नातक वेतन व समयमान की गणना करने की मांग की है। साथ ही मुख्यकार्यपालन अधिकारी संगठन ने मांग किया है कि जिन मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, विकासखण्ड अधिकारियों की परिवीक्षा अवधि पूर्ण हो चुकी है उनकी परिवीक्षा तत्काल समाप्त की जाये। मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, विकासखण्ड अधिकारियों का गे्रड पे 5400,4200 तत्काल प्रभाव से लागू किये जाने, ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को समयमान वेतनमान लागू किये जाने , गोपनीय प्रतिवेदन को ऑनलाईन किया जाये एवं प्रोटेक्शन एक्ट लागू करते हुए सुरक्षा गार्ड, सीईओ जनपद पंचायत को उपलब्ध कराया जाये। इसके अलावा अभियंता संघ ने मांग पत्र में उल्लेख किया है कि मप्र शासन सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र 5 जून 2018 के परिपालन में मनरेगा योजनाओं मेें कार्यरत संविदा उपयंत्रियों को शीघ्र नियमित करने, मनरेगा योजना मांग आधारित योजना है, किन्तु वर्तमान में इसको लक्ष्य आधारित योजना में परिवर्तित कर अकल्पनीय लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिए अनावश्यक दबाव बनाया जाता है। ज्ञापन के दौरान अन्य मांगें पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।

सिंगरौली 12 जुलाई। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के जनपद सीईओ, उपयंत्री द्वारा अधिकारियों की प्रताडऩा से की गयी आत्महत्या के विरोध में दोषी अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने एवं संयुक्त मोर्चा के समस्त संगठनापें की अनार्थिक मांगों के निराकरण 7 दिवस में किये जाने के लिए मुख्यमंत्री, पंचायत मंत्री, मुख्य सचिव म.प्र.शासन, प्रमुख सचिव पंचायत एव ग्रामीण विकास विभाग म.प्र.के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया है।
म.प्र.पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग संयुक्त मोर्चा के बैनर तले सौंपे गये ज्ञापन में उल्लेख किया है कि म.प्र.पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग म.प्र.का सबसे बड़ा विभाग होने के नाते जनपद और जिले में पदस्थ संयुक्त मोर्चा के समस्त संगठनों के अधिकारी,कर्मचारी 52 हजार गांव में सरकार की लक्ष्यों की पूर्ति के लिए दिन-रात एक करके मेहनत करते हैं। वर्तमान परिपेक्ष्य में प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रदेश सरकार की गुड लिस्ट में नं.1 बनने की होड़ में ग्राम पंचायत के सबसे छोटे कर्मचारी रोजगार सहायक से लेकर वरिष्ठ मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत हित बीच का समस्त अमला प्रताडि़त और त्रस्त है। सौंपे गये मांग पत्र में जिला, जनपद पंचायतों के मूल कर्मचारियों को शासकीय कर्मचारियों के अनुरूप देय 5वां,6 वां वेतनमान, समयमान वेतनमान एवं पेंशन के आदेश संशोधित किये जावें एवं जिला,जनपद पंचायत का स्टाफ सेटअप को लागू किया जाये। वहीं म.प्र.पंचायत समन्वय अधिकारी संघ ने मांग किया है कि दिवंगत पीसीओ, बीपीओ के आश्रितों को तत्काल अनुकम्पा नियुक्ति, सहायक संचालक पद के लिए विभागीय परीक्षा आयोजित कराने, मुख्यमंत्री हेल्पलाईन में मांग एवं समस्या आधारित विषय अलग-अलग दर्ज किये जाने एवं इस के लिए निचले स्तर के कर्मचारियों को प्रताडि़त न किया जाये। प्रधानमंत्री आवास मिशन में राशि सीधे हितग्राही के खाते में दी जा रही है एवं आवास पूर्ण कराने के नाम पर निचले स्तर के कर्मचारियों की प्रताडऩा बंद हो एवं समस्त पीसीओ, बीपीओ के नियुक्ति दिनांक से एवं जिस दिनांक से स्नातक किया है उसी दिनांक से स्नातक वेतन व समयमान की गणना करने की मांग की है। साथ ही मुख्यकार्यपालन अधिकारी संगठन ने मांग किया है कि जिन मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, विकासखण्ड अधिकारियों की परिवीक्षा अवधि पूर्ण हो चुकी है उनकी परिवीक्षा तत्काल समाप्त की जाये। मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, विकासखण्ड अधिकारियों का गे्रड पे 5400,4200 तत्काल प्रभाव से लागू किये जाने, ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को समयमान वेतनमान लागू किये जाने , गोपनीय प्रतिवेदन को ऑनलाईन किया जाये एवं प्रोटेक्शन एक्ट लागू करते हुए सुरक्षा गार्ड, सीईओ जनपद पंचायत को उपलब्ध कराया जाये। इसके अलावा अभियंता संघ ने मांग पत्र में उल्लेख किया है कि मप्र शासन सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र 5 जून 2018 के परिपालन में मनरेगा योजनाओं मेें कार्यरत संविदा उपयंत्रियों को शीघ्र नियमित करने, मनरेगा योजना मांग आधारित योजना है, किन्तु वर्तमान में इसको लक्ष्य आधारित योजना में परिवर्तित कर अकल्पनीय लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिए अनावश्यक दबाव बनाया जाता है। ज्ञापन के दौरान अन्य मांगें पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।