खाद के लिए अब टोकन जरूरी: तय तारीख पर ही मिलेगा अन्नदाता का हक
जिले के छह गोदामों से रोज़ाना 200 किसानों को वितरण, आधार और ऋण पुस्तिका साथ लाना अनिवार्य, टोकन व्यवस्था से होगी पारदर्शिता और सुविधा सुनिश्चित।
टीकमगढ़। जिले में लगातार बढ़ती खाद वितरण की अव्यवस्था और किसानों की परेशानियों को देखते हुए जिला प्रशासन ने एक नई रणनीति लागू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत किसानों को अब खाद के लिए टोकन प्रणाली के माध्यम से सेवा प्रदान की जाएगी, जिससे भीड़-भाड़ कम होगी और किसानों को अपनी सुविधा के अनुसार खाद प्राप्त करने में आसानी होगी।
प्रशासन द्वारा तय कार्यक्रम के अनुसार 17, 18 और 19 अक्टूबर को जिलेभर की सहकारी समितियों में किसानों को खाद के टोकन वितरित किए जाएंगे, जबकि 22 से 25 अक्टूबर तक खाद का वितरण किया जाएगा।
जनप्रतिनिधियों और किसान नेताओं से चर्चा के बाद हुआ निर्णय
कलेक्टर विवेक श्रोत्रिय ने बताया कि बीते चार दिनों से जनप्रतिनिधियों और किसान नेताओं के साथ लगातार चर्चा की जा रही थी। सभी पक्षों से मिले सुझावों के आधार पर यह फैसला लिया गया कि अब खाद वितरण में टोकन व्यवस्था लागू की जाए, ताकि प्रत्येक किसान को समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से खाद मिल सके।
यह व्यवस्था डीएपी और एनपीके (अन्नदाता) खाद की नकद खरीद करने वाले किसानों के लिए लागू की गई है।
टोकन वितरण की प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज
किसानों को 17, 18 और 19 अक्टूबर को सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक अपने निकटतम सहकारी समिति में जाकर टोकन प्राप्त करना होगा। टोकन लेने के लिए किसानों को आधार कार्ड और ऋण पुस्तिका साथ लाना अनिवार्य रहेगा। समिति पर किसानों की भूमि के रकबे के अनुसार खाद की मात्रा और वितरण की तारीख टोकन पर स्पष्ट रूप से अंकित की जाएगी।
22 से 25 अक्टूबर तक होगा खाद वितरण
खाद वितरण की प्रक्रिया 22, 23, 24 और 25 अक्टूबर तक जिले के डबल लॉक गोदामों और मार्कफेड के गोदामों से की जाएगी।
किसानों को अपने टोकन पर लिखी तारीख को गोदाम पहुंचकर मूल टोकन जमा करना होगा। इसके बाद पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाकर और नकद भुगतान कर खाद प्राप्त की जा सकेगी।
प्रत्येक गोदाम से प्रतिदिन लगभग 200 किसानों को खाद वितरित करने की योजना बनाई गई है। जिले में कुल 6 प्रमुख गोदामों से यह प्रक्रिया संचालित होगी।
किसानों को मिलेगी राहत, अनिश्चितता होगी समाप्त
इस नई व्यवस्था से नकद खाद खरीदने वाले किसानों को यह निश्चितता रहेगी कि उन्हें किस दिन खाद प्राप्त होगी।
साथ ही, वितरण केंद्रों पर अत्यधिक भीड़, अव्यवस्था और लंबी प्रतीक्षा जैसी परेशानियों से भी किसानों को मुक्ति मिलेगी।
प्रशासन का कहना है कि यह व्यवस्था किसानों की सुविधा और पारदर्शिता दोनों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है, ताकि हर पात्र किसान को समय पर खाद मिल सके और कृषि कार्यों में किसी प्रकार की बाधा न आए।