पराली प्रबंधन में सहयोग के लिए आगे आ रहे युवा किसान
व्यवसायिक इस्तेमाल के लिए खरीदा बेलर, जिससे मिलेगा रोजगार
श्योपुर,कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्री अर्पित वर्मा द्वारा पराली फ्री डिस्ट्रिक्ट को लेकर चलाई जारी मुहिम को युवा किसानों का सहयोग मिल रहा है, जिले में पहली बार पराली के व्यवसायिक इस्तेमाल के लिए ग्राम बनवाडा के युवा कृषक श्री रामनरेश मीणा ने अनुदान पर बेलर एवं हे-रैक खरीदी है, जो अपने खेतो में पराली का उचित प्रबंधन तो करेंगे ही साथ ही गांव में अन्य किसानों के खेतो की पराली को काटकर गठ्ठे बनाने का कार्य करेंगे, जिससे रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगा।
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्री अर्पित वर्मा द्वारा आज कलेक्ट्रेट परिसर में युवा किसान को शासन की अनुदान योजना के तहत बेलर एवं हे-रैक प्रदान की गई। इस अवसर पर सहरिया विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राज्यमंत्री दर्जा श्री सीताराम आदिवासी, डीएफओ कूनो श्री आर थिरूकुरल, एसडीएम श्री गगन सिंह मीणा, उप संचालक कृषि श्री मुनेश शाक्य, सहायक कृषि यंत्री श्री अंकित सेन, श्री अरूण शाक्य आदि मौजूद रहें।
उल्लेखनीय है कि श्री रामनरेश मीणा को ई-कृषि अनुदान पोर्टल के माध्यम से शासन की अनुदान योजना के तहत 15 लाख 15 हजार रूपये मूल्य का बेलर और 3 लाख 95 हजार रूपये मूल्य की हे-रैक प्रदान की गई है। शासन की ओर से बेलर पर 6 लाख 60 हजार रूपये तथा हे-रैक पर 1 लाख 65 हजार रूपये की सबसिडी प्रदान की गई है।
पराली प्रबंधन की मुहिम से जुडने वाले युवा किसान श्री रामनरेश मीणा का कहना है कि व्यवसायिक रूप में बेलर का इस्तेमाल करने से हमें रोजगार भी उपलब्ध हो रहा है। उनके द्वारा पराली के गठ्ठे बनाकर श्योपुर में संचालित बायोफ्यूल प्लांट को विक्रय किया जायेगा, जिस पर उन्हें 200 रूपये प्रति क्विंटल का भुगतान होगा। उन्होने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में पराली प्रबंधन से जुडकर युवा किसान अपने खेतो में पराली का उचित निष्पादन तो कर ही सकते है, बल्कि अन्य लोगों के खेतो में पराली प्रबंधन करते हुए स्वयं रोजगार भी प्राप्त कर सकते है। मध्यप्रदेश शासन की ओर से इन उपकरणों पर आकर्षक सबसिडी भी प्रदान की जा रही है। लाभदायक यह है कि हमें सिर्फ अपने हिस्से की ही राशि देनी होती है, सबसिडी की राशि संबंधित डीलर को शासन से प्राप्त होती है, इसलिए आसानी से कृषि यंत्र खरीदे जा सकते है।