एनटीपीसी सिंगरौली की सीएसआर पहल: ग्रामीण महिलाओं को मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण के माध्यम से स्वरोज़गार को बढ़ावा
एनटीपीसी सिंगरौली में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के तहत ग्रामीण महिलाओं के लिए मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य उन्हें स्वरोज़गार के लिए प्रोत्साहित करना है। इस पहल के माध्यम से महिलाओं को वह आवश्यक कौशल प्रदान करना है, जिससे वे अपने जीवनयापन के अवसरों में सुधार कर सकें और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।
मुख्य अतिथि श्रीमती प्रज्ञा नायक, माननीय अध्यक्षा, वनिता समाज द्वारा मशरूम प्रशिक्षण का जायजा लिया गया एवं इस अवसर पर प्रतिभागियों से संवाद स्थापित करते हुए उन्होंने ग्रामीण महिलाओं के लिए कौशल विकास की आवश्यकता और मशरूम उत्पादन जैसी सतत आजीविका विधियों के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रतिभागियों के कर्म कौशल की सराहना करते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इस प्रशिक्षण सत्र में कुल 30 प्रतिभागी भाग ले रहे है और उन्हें मशरूम उत्पादन की बुनियादी तकनीकों के साथ-साथ विपणन अवसरों और छोटे व्यवसाय प्रबंधन से जुड़ी जानकारी भी दी जा रही है। यह प्रशिक्षण शांति निकेतन जन सेवा समिति के विशेषज्ञ द्वारा प्रदान किया गया रहा है।
इस अवसर पर श्रीमती सुधा किशोर, वरिष्ठ सदस्या, वनिता समाज और श्रीमती शास्मिता मोहंती , वरिष्ठ सदस्या,वनिता समाज एवं श्रीमती नीतु मिश्रा, सचिव, वनिता समाज ने भी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया।
तीन माह के मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को इस व्यवसाय में पूरी तरह से प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि वे इसे अपने स्वरोज़गार के रूप में अपनाकर आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें।
एनटीपीसी सिंगरौली इस प्रकार की सार्थक पहल के माध्यम से क्षेत्र की महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण तथा उनके जीवन स्तर में सुधार के लिए सतत रूप से प्रयासरत है। इसके अलावा, एनटीपीसी सिंगरौली ने महिलाओं के स्वरोज़गार को बढ़ावा देने के लिए कई अन्य सीएसआर पहल भी की है जिनमें साबुन और मोमबत्ती बनाने का प्रशिक्षण, सिलाई और कढ़ाई, आचार मुरब्बा, कंप्यूटर प्रशिक्षण इत्यादि शामिल हैं।
एनटीपीसी सिंगरौली के सीएसआर कार्यक्रमों का उद्देश्य महिलाओं को न केवल कौशल प्रदान करना, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना भी है, जिससे वे अपने परिवारों के लिए बेहतर जीवन स्तर सुनिश्चित कर सकें।