प्राकृतिक खेती वर्तमान समय की आवश्यकता है: गजेंद्र
कृषि विज्ञान केन्द्र सिंगरौली में आयोजित हुआ कार्यक्रम
सिंगरौली वर्तमान समय में मृदा को पुनर्जीवित करने एवं मानव स्वास्थ्य की समस्याओं के समाधान में फसलों के योगदान को देखते हुए वर्तमान समय में प्राकृतिक खेती की महत्ता अत्यंत बढ़ गई है। प्राकृतिक खेती न केवल मानव को स्वस्थ पोषण युक्त भोजन उपलब्ध कराती है, वरन वह हमारी मिट्टी को पुनर्जीवित कर आने वाली पीढ़ियां के लिए भरपुर उत्पादन देने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देती है।
इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र सिंगरौली एवं आत्मा परियोजना, सिंगरौली संयुक्त के द्वारा 15 से 19 सितंबर तक प्राकृतिक खेती का महत्व, आवश्यकता एवं अनुप्रयोग विषयक आवासीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया । प्रशिक्षण में केंद्र के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. जय सिंह के द्वारा कृषि सखियों को प्राकृतिक खेती बेशक विस्तृत जानकारी दी गई एवं व्यवहारिक ज्ञान से अवगत कराया गया। प्रशिक्षण के चौथे दिन जिपं सीईओ गजेंद्र सिंह नागेश के द्वारा उपस्थित कृषि सखियों को संबोधित करते हुए प्राकृतिक खेती के महत्व से विस्तृत रूप में अवगत कराया और आवाहन किया कि अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कर इस योजना को सफल बनाएं। नेशनल मिशन आन नेचुरल फार्मिंग के अंतर्गत पांच दिवसीय 15 से 19 सितंबर तक प्राकृतिक खेती का महत्व, आवश्यकता एवं अनुप्रयोग विषयक आवासीय प्रशिक्षण का समापन सीईओ गजेंद्र सिंह के आतिथ्य एवं सेवा निवृत्त प्रोफेसर वीणा तिवारी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।