वन स्टॉप सेंटर और वीमेन हेल्पलाइन को 15वें वित्त आयोग की अवधि के दौरान महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए लागू की गई अंब्रेला स्कीम “मिशन शक्ति” की उप-योजना “संबल” के घटकों के रूप में शामिल किया गया
सरकार ने किसी भी की हिंसा का सामना करने वाली या संकट में पड़ी महिला को सहायता प्रदान करने के लिए 01 अप्रैल 2015 से निर्भया फंड के तहत वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) और यूनिवर्सलाइजेशन ऑफ वीमेन हेल्पलाइन (डब्ल्यूएचएल) की योजनाएं कार्यान्वित की हैं। डब्ल्यूएचएल महिलाओं को लाभ प्राप्त करने में सहायता उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न योजनाओं/परियोजनाओं/कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी प्रदान करती है। ओएससी और डब्ल्यूएचएल को 15वें वित्त आयोग की अवधि के दौरान महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए लागू की गई अंब्रेला स्कीम “मिशन शक्ति” की उप-योजना ‘‘संबल” के घटकों के रूप में शामिल किया गया है।
अभी तक, सभी 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 816 वन स्टॉप सेंटर को मंजूरी दी गई है जिनमें से 785 ओएससी कार्यशील हैं। वर्तमान में, डब्ल्यूएचएल 35 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों (पश्चिम बंगाल को छोड़कर) में कार्यशील हैं।
ए. नीति आयोग द्वारा महिला पुलिस स्वयंसेवकों (एमपीवी) योजना का तृतीय पक्ष मूल्यांकन अध्ययन आयोजित किया गया था। तीसरे पक्ष के मूल्यांकन के निष्कर्षों, पिछले अनुभवों और राज्यों/हितधारकों के साथ परामर्श को ध्यान में रखते हुए, “मिशन शक्ति” के अन्य घटकों के तहत इसके उचित प्रावधानों को उपयुक्त रूप से शामिल करते हुए, एमपीवी योजना को 1 अप्रैल, 2022 से बंद कर दिया गया है।
शुरुआत से यानी 1 अप्रैल 2015 से 24 मई 2024 तक, 9.19 लाख से अधिक महिलाओं को वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) के माध्यम से सहायता मिली, जबकि डब्ल्यूएचएल के माध्यम से 1.53 करोड़ से अधिक कॉल प्राप्त हुईं और देश भर में 76.02 लाख से अधिक महिलाओं को सहायता मिली।
निर्भया फंड के तहत वित्त वर्ष 2023-24 तक, कुल 7212.85 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। शुरुआत से लेकर अब तक मंत्रालयों/विभागों द्वारा जारी और निर्भया फंड से उपयोग की गई कुल राशि 5501.48 करोड़ रुपये है जो कुल आवंटन का लगभग 76 प्रतिशत है।