मध्य प्रदेश में कौशल विकास
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) भारत सरकार के कौशल भारत मिशन (एसआईएम) के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं जैसे कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस), राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) और शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) के तहत कौशल विकास केंद्रों/कॉलेजों/संस्थानों आदि के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से मध्य प्रदेश सहित देश भर में समाज के सभी वर्गों को कौशल, पुनः कौशल तथा कौशल विस्तार हेतु प्रशिक्षण प्रदान करता है। इन सभी प्रशिक्षुता कार्यक्रमों में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रही है। एमएसडीई की योजनाएं मांग आधारित हैं और समाज के सभी वर्गों के लिए खुली हुई हैं। हालांकि, किसी भी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में आरक्षण नीति संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपनाई जाती है। एमएसडीई की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कुल लाभार्थियों और जनजातीय लाभार्थियों की संख्या नीचे दी गई है:
क्रम संख्या | योजना का नाम | कुल लाभार्थी | जनजातीय लाभार्थी |
1. | पीएमकेवीवाई (प्रारंभ से जून, 2024 तक) | 1,48,11,506 | 7,30,078 |
2. | जेएसएस (2018-19 से जून, 2024 तक) | 26,38,028 | 3,60,616 |
3. | एनएपीएस (2018-19 से जून, 2024 तक) | 29,91,072 | 1,34,203 |
4. | सीटीएस (2018 से 2023 तक) | 79,51,834 | 6,38,630 |
यह जानकारी कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।