भारत सरकार ने फार्मास्युटिकल क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों में स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। इनमें शामिल हैं:
स्टार्टअप इंडिया पहल, 16 जनवरी, 2016 को शुरू की गई, जिसका उद्देश्य फार्मास्युटिकल क्षेत्र सहित विभिन्न उद्योगों में नवाचार को बढ़ावा देना और निवेश को प्रोत्साहित करना है। इस पहल में तीन प्रमुख योजनाएं शामिल हैं, अर्थात, स्टार्टअप के लिए फंड ऑफ फंड्स (एफएफएस); स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (एसआईएसएफएस); और स्टार्टअप के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम (सीजीएसएस)।
जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बाइरैक) बायोटैक्नोलॉजी इग्निशन ग्रांट (बीआईजी), सस्टेनेबल आंत्रप्रेन्योरशिप एंड एंटरप्राइज डेवलपमेंट (सीड) और लॉन्चिंग आंत्रप्रेन्योरियल ड्रिविन अफोर्डेबल प्रोडक्ट्स (लीप) योजनाओं को शुरू करने जैसी पहलों के माध्यम से वित्तपोषण सहायता प्रदान करता है। वित्तपोषण प्रत्येक स्टार्टअप के लिए 30 लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक है, जिससे उन्हें अपने विचारों को परिष्कृत करने, अवधारणाओं के प्रमाण स्थापित करने, पायलट बनाने और अपने उत्पादों और प्रौद्योगिकियों का व्यावसायीकरण करने में मदद मिलती है। बाइरैक आई-4 कार्यक्रम और पेस कार्यक्रम के माध्यम से जैव प्रौद्योगिकी में नवाचार और अनुसंधान को भी बढ़ावा देता है।
उल्लेखनीय है कि औषध विभाग ने फार्मा-मेडटेक क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक योजना (पीआरआईपी) शुरू की है। पीआरआईपी योजना के घटक बी-III के तहत, चिह्नित छह प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में 125 शोध परियोजनाओं में से 50 फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र के स्टार्टअप के लिए हैं।
30 जून, 2024 तक, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने कुल 1,40,803 संस्थाओं को स्टार्टअप के रूप में मान्यता दी है, जिनमें से 2,127 फार्मास्यूटिकल क्षेत्र से हैं। पिछले तीन वर्षों के दौरान, फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में 1397 डीपीआईआईटी-मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप स्थापित किए गए, जिनका विवरण इस प्रकार है:
क्षेत्र | 2021 | 2022 | 2023 | कुल |
फार्मास्यूटिकल | 283 | 451 | 663 | 1,397 |