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पीएम-प्रणाम पहल का उद्देश्य उर्वरकों के स्थायी और संतुलित उपयोग को बढ़ावा

Pradeep Tiwari
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पीएम-प्रणाम पहल का उद्देश्य उर्वरकों के स्थायी और संतुलित उपयोग को बढ़ावा देना, वैकल्पिक उर्वरकों को अपनाना और जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देते हुए धरती माता के स्वास्थ्य को बचाने के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के प्रयासों में सहयोग करना है

 

आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने 28 जून, 2023 को “धरती-माँ की रिस्टोरेशन, जागरूकता सृजन, पोषण और सुधार के लिए पीएम कार्यक्रम (पीएम-प्रणाम)” को मंजूरी दे दी है। इस पहल का उद्देश्य राज्यों /केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा शुरू किए गए प्रयासों को बल प्रदान करना है। धरती माता के स्वास्थ्य को बचाने के लिए इन प्रयासों में उर्वरकों के टिकाऊ और संतुलित उपयोग को बढ़ावा, वैकल्पिक उर्वरकों को अपनाना, जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना आदि शामिल है।

 सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पीएम-प्रणाम के अंतर्गत आते हैं। उक्त योजना के तहत, पिछले 3 वर्षों की औसत खपत की तुलना में रासायनिक उर्वरकों (यूरिया, डीएपी, एनपीके, एमओपी) की खपत में कमी के माध्यम से एक विशेष वित्तीय वर्ष में राज्य/केंद्र शासित प्रदेश द्वारा उर्वरक सब्सिडी का 50% बचाया जाएगा। अनुदान के रूप में उस राज्य/यूटी को दिया जाएगा। राज्य/केंद्र शासित प्रदेश इस अनुदान का उपयोग किसानों सहित राज्य के लोगों के लाभ के लिए कर सकते हैं।

यह जानकारी केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी।

Pradeep Tiwari

Pradeep Tiwari

मैं, प्रदीप तिवारी, पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ा हूँ। सबसे पहले, मैं एक स्थानीय समाचार चैनल में एक रिपोर्टर के रूप में शामिल हुआ और फिर समय के साथ, मैंने लेख लिखना शुरू कर दिया। मुझे राजनीति और ताज़ा समाचार और अन्य विषयों से संबंधित समाचार लिखना पसंद है।

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