पशुपालन और डेयरी विभाग ने महाराष्ट्र, दमन और दीव तथा दादरा और नगर हवेली के राज्य और जिला नोडल अधिकारियों के लिए सॉफ्टवेयर और नस्लों पर 21वीं पशुधन जनगणना का क्षेत्रीय प्रशिक्षण आयोजित किया
श्रीमती अलका उपाध्याय ने पशुधन गणना के इस संस्करण में महिलाओं की भागीदारी और पशुपालक समुदायों की भूमिका पर प्रकाश डाल
पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी), मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार ने गुजरात राज्य के साथ मिलकर “राज्य और जिला नोडल अधिकारियों (एसएनओ/डीएनओ) के लिए 21वीं पशुधन गणना सॉफ्टवेयर (मोबाइल और वेब एप्लीकेशन/डैशबोर्ड) और नस्लों पर क्षेत्रीय प्रशिक्षण कार्यशाला” आयोजित की। कार्यशाला आज पुणे, महाराष्ट्र में हुई, जिसका उद्देश्य सितंबर-दिसंबर, 2024 के दौरान होने वाले 21वीं पशुधन गणना के लिए हाल ही में लॉन्च किए गए मोबाइल और वेब एप्लीकेशन पर महाराष्ट्र, दमन और दीव तथा दादरा और नगर हवेली राज्यों के राज्य और जिला नोडल अधिकारियों को प्रशिक्षित करना था।
पशुपालन एवं डेयरी विभाग की सचिव श्रीमती अलका उपाध्याय ने वर्चुअल माध्यम से 21वीं पशुधन गणना के लिए शुभकामनाएं एवं बधाई दी। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था पर पशुधन क्षेत्र के प्रभाव तथा पशुधन उत्पादों के वैश्विक व्यापार के संदर्भ में भारत की स्थिति के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने पशुधन गणना के इस संस्करण में महिलाओं की भागीदारी एवं पशुपालक समुदायों को शामिल किए जाने के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के सलाहकार श्री जगत हजारिका ने आईसीएआर-एनबीएजीआर के निदेशक डॉ. बीपी मिश्रा और महाराष्ट्र सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग के आयुक्त श्री कौस्तुभ दिवेगांवकर की गरिमामयी उपस्थिति में कार्यशाला का उद्घाटन किया।
श्री जगत हजारिका ने 21वीं पशुधन जनगणना की सफलता सुनिश्चित करने में सभी हितधारकों की सामूहिक जिम्मेदारी पर जोर दिया। उन्होंने सटीक और कुशल डेटा संग्रह के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए विभाग की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।