कोचिंग रिटर्न देने वाला एक समृद्ध उद्योग बन गया है – श्री जगदीप धनखड़
- कोचिंग कल्चर किसी ‘गैस चैंबर’ से कम नहीं रह गया है- श्री जगदीप धनखड़
कोचिंग सेंटरों द्वारा अखबारों के विज्ञापनों पर किए जा रहे भारी-भरकम खर्च की जांच की जानी चाहिए- श्री जगदीप धनखड़
श्री जगदीप धनखड़ ने अफसोस जताते हुए कहा कि चैंबर में चर्चा के लिए सभापति के अनुरोध को सदन के नेताओं द्वारा अस्वीकार और बहिष्कार करना संसदीय मर्यादा को कमजोर करता है और यह पहले कभी नहीं देखा गया।
राज्यसभा में दिल्ली के कोचिंग सेंटर में यूपीएससी अभ्यर्थियों की मृत्यु पर चर्चा हुई
राज्यसभा में आज दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर में जलभराव के कारण यूपीएससी अभ्यर्थी की दुखद मृत्यु पर राज्यसभा के नियम 176 के तहत अल्पकालिक चर्चा हुई। चर्चा की अनुमति देते हुए राज्यसभा के सभापति श्री जगदीप धाखड़ ने टिप्पणी की, “मुझे लगता है कि देश के युवा जनसांख्यिकीय लाभांश को पोषित करना अति आवश्यक है। मैंने पाया है कि कोचिंग अब व्यापार बन गया है…।”
श्री धनखड़ ने कोचिंग सेंटरों द्वारा अखबार के विज्ञापनों पर किए जाने वाले भारी खर्च पर भी चिंता व्यक्त की, जो छात्रों से ली जाने वाली भारी फीस से किया जाता है। उन्होंने कहा, “कोचिंग उच्च रिटर्न के साथ एक समृद्ध उद्योग बन गया है….हर बार जब हम अखबार पढ़ते हैं तो पहले एक या दो पन्नों में कोचिंग विज्ञापन जरूर होते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “विज्ञापन पर खर्च किया गया एक–एक पैसा छात्रों की फीस से आ रहा है, हर नई इमारत छात्रों से आ रही है।”